तमिलनाडु: हिरासत में पिता-पुत्र की मौत मामले में तीन और पुलिसकर्मी गिरफ़्तार

तमिलनाडु के तुथुकुडी ज़िले के सथकुलम क़स्बे में पी. जयराज और उनके बेटे बेनिक्स को लॉकडाउन में समय से देर तक अपनी मोबाइल की दुकान खोलने के लिए बीते 19 जून को पुलिस ने हिरासत में लिया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

बेनिक्स और पी. जयराज. (फोटो: पीटीआई)

तमिलनाडु के तुथुकुडी ज़िले के सथकुलम क़स्बे में पी. जयराज और उनके बेटे बेनिक्स को लॉकडाउन में समय से देर तक अपनी मोबाइल की दुकान खोलने के लिए बीते 19 जून को पुलिस ने हिरासत में लिया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

बेनिक्स और पी. जयराज. (फोटो: पीटीआई)
बेनिक्स और पी. जयराज. (फोटो: पीटीआई)

चेन्नई: सीबी-सीआईडी ने दक्षिण तमिलनाडु तुथुकुडी जिले के के सथनकुलम कस्बे में पिता-पुत्र की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में बीते गुरुवार को एक निरीक्षक सहित तीन और पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है.

सथनकुलम कस्बे में 59 वर्षीय पी. जयराज और उनके 31 वर्षीय बेटे बेनिक्स को लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन कर तय समय से अधिक वक्त तक अपनी मोबाइल की दुकान खोलने के लिए बीते 19 जून को गिरफ्तार किया गया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी.

जयराज और बेनिक्स के परिजनों ने हिरासत में पुलिस द्वारा उनके साथ बर्बरता किए जाने का आरोप लगाया था. जयराज के घर में उनकी पत्नी और तीन बेटियां हैं. जयराज की पत्नी सेल्वारानी ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि पुलिसिया बर्बरता के कारण उनके पति और बेटे की मौत हुई.

इस मामले में बीते एक जुलाई को छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज किया गया था. अब तक इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

मामले की निगरानी कर रही मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने गुरुवार को आदेश दिया कि मामले को कोविलपट्टी की न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से यहां मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट के पास स्थानांतरित किया जाए.

इस बीच दो मृतकों के खिलाफ कथित ज्यादती की गवाही देने वाली महिला हेड कॉन्स्टेबल को पुलिस सुरक्षा मुहैया करायी गई है.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस निरीक्षक श्रीधर, हेड कॉन्स्टेबल मुरुगन और उप-निरीक्षक बालाकृष्णन को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले उप-निरीक्षक रघु गणेश को गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार चारों आरोपियों को एक स्थानीय अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

द न्यूज़ मिनट के मुताबिक सब इंस्पेक्टर रघु गणेश पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था. उसे पहले ही 16 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. रिमांड पर लिए जाने से पहले बीते एक जुलाई को उससे छह घंटे तक पूछताछ की गई थी.

गिरफ्तार किए गए चारों पुलिसकर्मियों को पहले वेट लिस्ट में रखा गया था, लेकिन व्यापक विरोध के बाद निलंबित कर दिया गया था.

सीबी-सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘घटना में शामिल सभी प्रमुख पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है… जांच जारी है.’

पुलिस महानिरीक्षक (दक्षिण क्षेत्र) एस. मुरुगन ने चार गिरफ्तारियों की पुष्टि की और कहा कि हिरासत में मौत जैसी घटनाएं नहीं होने दी जाएंगी.

उन्होंने कहा कि सभी गिरफ्तारियां कानून के अनुसार और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार की जानी चाहिए.

अधिकारी ने कहा कि कथित पुलिस ज्यादती की गवाही देने वाली महिला हेड कॉन्स्टेबल रेवती को ‘पर्याप्त पुलिस सुरक्षा’ प्रदान की गई है.

उन्होंने कहा कि रेवती के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें वेतन के साथ एक महीने की छुट्टी दी गई है. पुलिस अधीक्षक ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.

बीते 29 जून को राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को दे दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबी-सीआईडी को जांच करनी चाहिए. अदालत ने सीबीआई के जांच का जिम्मा संभालने से पहले सबूतों के गायब होने की संभावना पर चिंता व्यक्त की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)