कोरोना संकट हाशिये के लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा की ज़रूरत को दर्शाता है: जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इन लोगों ने पिछले 70 सालों से इंतज़ार किया है. अब इन्हें और इंतज़ार करने के लिए नहीं कहा जा सकता है. हाशिये पर पड़े लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक अधिकार सुनिश्चित करने की ज़रूरत है.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़. (फोटो साभार: यूट्यूब ग्रैब/Increasing Diversity by Increasing Access)

सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इन लोगों ने पिछले 70 सालों से इंतज़ार किया है. अब इन्हें और इंतज़ार करने के लिए नहीं कहा जा सकता है. हाशिये पर पड़े लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक अधिकार सुनिश्चित करने की ज़रूरत है.

जस्टिस डीवी चंद्रचूड़. (फोटो साभार: यूट्यूब ग्रैब/Increasing Diversity by Increasing Access)
जस्टिस डीवी चंद्रचूड़. (फोटो साभार: यूट्यूब ग्रैब/Increasing Diversity by Increasing Access)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि कोरोना संकट ये दर्शाता है कि समाज में हाशिये पर पड़े लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रभावी लाभ पहुंचाने की जरूरत है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने पिता और पूर्व मुख्य न्यायधीश वाईवी चंद्रचूड़ की जन्म शताब्दी के मौके पर आयोजित कार्यकम में एक लेक्चर के दौरान ये बात कही.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘वर्तमान महामारी के कारण उत्पन्न हुए मानवीय संकट से यह सबक मिलता है कि हाशिये पर पड़े लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक अधिकार सुनिश्चित करने की जरूरत है.’

उन्होंने कहा कि अधिकारों का प्रगतिशील दृष्टिकोण एक संवाद प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें सभी संवैधानिक हितधारक शामिल हों.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने संविधान में दिए गए गैर-भेदभाव और समानता के मूल्यों को समझने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हाशिये पर पड़े लोगों के बारे में लगातार पता चल रहा है और समावेशी व्यवस्था बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इन लोगों ने पिछले 70 सालों से इंतजार किया है और अब इन्हें और इंतजार करने के लिए नहीं कहा जा सकता है. जज ने कहा कि इस नई वैश्विक व्यवस्था में संवैधानिक अदालतों की संवाद में बड़ी भूमिका है, जो कानून में अपने मूल्यों को प्रसारित कर सकते हैं.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जोर देकर कहा कि हमारा संविधान सभी नागरिकों के लिए निरंतर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समानता प्रदान करने का एक उपकरण है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुलवादी समाज के भीतर प्रतिस्पर्धी गुटों के बीच सामाजिक समन्वय के लिए एक मंच भी है.

उन्होंने कहा, ‘आर्थिक असमानता का असीमित घाव किसी संवैधानिक दुर्बलता से कम नहीं होगा.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25