बिहार: कोर्ट की अवमानना के आरोप में गैंगरेप पीड़िता व दो सामाजिक कार्यकर्ता गिरफ़्तार

मामला अररिया का है जहां गैंगरेप की एक पीड़िता दो सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने गई थीं. इन सब पर कोर्ट के काम में व्यवधान डालने का आरोप है. कार्यकर्ताओं के सहयोगियों का कहना है कि पीड़िता बस उनकी मौजूदगी में बयान देना चाहती है, जिससे मजिस्ट्रेट नाराज़ हो गए.

//

मामला अररिया का है जहां गैंगरेप की एक पीड़िता दो सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने गई थीं. इन सब पर कोर्ट के काम में व्यवधान डालने का आरोप है. कार्यकर्ताओं के सहयोगियों का कहना है कि पीड़िता बस उनकी मौजूदगी में बयान देना चाहती है, जिससे मजिस्ट्रेट नाराज़ हो गए.

Araria

पटना: अररिया में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने पहुंची एक गैंगरेप पीड़िता और उसका सहयोग कर रहे दो सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कोर्ट की अवमानना के आरोप में गिरफ्तार किया है.

कोर्ट की अवमानना की शिकायत कोर्ट के पेशकार राजीव रंजन सिन्हा ने अररिया के महिला थाने में दर्ज कराई है.

शिकायत में गैंगरेप पीड़िता और दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं पर कोर्ट के काम व्यवधान डालने, ड्यूटी कर रहे सरकारी अफसरों पर हमला करने, अदालती कार्यवाही में लगे सरकारी कर्मचारी की बेइज्जती करने और अदालत की अवमानना करने का आरोप लगाया गया है.

जबकि सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोगियों का कहना है कि पीड़िता ने अपने मददगार की मौजूदगी में लिखित बयान पढ़वाना चाहती थी, जो मजिस्ट्रेट को नागवार गुजर गया और उन्होंने उल्टे पीड़िता व सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी.

तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 228, 180 और 120 (बी) तथा अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 2 (ए), 2 (सी) और धारा 20 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

इतना ही नहीं, एफआईआर में आईपीसी की धारा 188 भी लगाई गई है, जिसके तहत आरोपितों पर महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत भी कानून कार्रवाई हो सकती है.

हालांकि, मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने दावा किया है कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा गैंगरेप किए जाने के बाद भी पीड़िता का कोविड टेस्ट नहीं कराया गया है.

गैंगरेप पीड़िता अररिया की रहने वाली हैं और दोनों सामाजिक कार्यकर्ता कल्याणी बरौला व तन्मय निवेदिता उर्फ तनवी नायक जन जागरण शक्ति संगठन से जुड़े हुए हैं. वे गैंगरेप पीड़िता की मदद कर रहे हैं.

संगठन से जुड़े आशीष रंजन ने बताया, ‘6 जुलाई को एक 22 साल की महिला से गैंगरेप हुआ था. चूंकि महिला हमारी जान-पहचान की थी, तो घटना के बाद उसने कल्याणी को फोन किया. वह अपने घर जाना नहीं चाह रही थी, तो कल्याणी उसे अपने पास ले आई और वह कल्याणी के साथ ही रहने लगी.’

इस बीच 7 जुलाई को महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई गई और पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में कई दफे पूछताछ की.

जन जागरण शक्ति संगठन की तरफ से जारी किए गए लिखित बयान में कहा गया है कि पीड़िता को कई जगह और कई बार घटना दोहरानी पड़ी थी, जिससे वह मानसिक तौर पर बहुत ज्यादा परेशान थी और इसी बीच उस पर आरोपित के साथ शादी करने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा था.

10 जुलाई को अररिया कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट मुस्तफा शाही के सामने धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज किया गया और उससे लिखित बयान पर हस्ताक्षर करने को कहा गया. पूरी प्रक्रिया करीब 4 घंटों तक चली थी.

आशीष रंजन ने द वायर को बताया, ‘कोर्ट रूम में हम लोग नहीं थे, लेकिन महिला ने कोर्ट से बाहर आकर हमें बताया कि उसने ये कहकर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया कि वह समझ नहीं पा रही है कि लिखित बयान में क्या कहा गया है, इसलिए कल्याणी को बुलाया जाए.’

वे आगे बताते हैं, ‘वह कोर्ट रूम में थोड़ा गुस्सा भी हो गई थी. लेकिन, कोर्ट में मौजूद इनवेस्टिगेटिंग अफसर ने किसी तरह समझा-बुझाकर उसके हस्ताक्षर ले लिए. कोर्ट रूम से जब वो बाहर निकली, तो काफी नाराज लग रही थी और उसने हमसे कहा कि कोर्ट में उसे हमारी जरूरत थी, तो हम लोग क्यों नहीं गए? हमने समझाया कि धारा 164 के तहत जब बयान दर्ज होता है, तो कोई और कोर्ट रूम में नहीं जा सकता है.’

इसी बीच, मजिस्ट्रेट ने कल्याणी को कोर्ट रूम में तलब किया क्योंकि गैगरेप पीड़िता ने कल्याणी का जिक्र किया था.

आशीष बताते हैं, ‘कल्याणी कोर्ट रूम में गई, तो मजिस्ट्रेट साहब ने पूछा कि वह कौन है कि गैंगरेप पीड़िता जज की बात सुनने को तैयार नहीं है और कल्याणी की बात मानेगी. चूंकि, कोर्ट रूम के भीतर से तेज आवाज आ रही थी, तो तन्मय भी उसी वक्त कोर्ट रूम में दाखिल हुई और दोनों ने अदालत से कहा कि अगर पीड़िता चाहती है कि बयान पढ़कर सुना दिया जाए, तो सुना दिया जाना चाहिए. इतनी-सी बात थी कि जज साहब ने थाने को फोन किया. पुलिस फोर्स आई और गैंगरेप पीड़िता तथा दोनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.’

फिलहाल गैंगरेप पीड़िता और दोनों सामाजिक कार्यकर्ता दलसिंहसराय की जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों मीडिया ने पीड़िता की पूरी पहचान उजागर कर दी जिसमें उनका नाम, उनके पिता का नाम और उनका पता बताया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्हें यह जानकारी कोर्ट स्टाफ से मिली है.

वहीं विशेषज्ञ बताते हैं कि उनके ऊपर अदालत की अवमानना का मामला नहीं चलाया जा सकता है क्योंकि यह निचली अदालतों में लागू नहीं होता है, यहां तक कि आईपीसी की धारा 353 के तहत भी जबकि आईपीसी की धारा 228 और 188 दोनों जमानती हैं.

‘आरोप बेबुनियाद’

आशीष रंजन ने कोर्ट की इस कार्रवाई पर हैरानी जताते हुए कहा कि एक गैंगरेप पीड़ित न्यायालय में न्याय के लिए गई है, उस पर कोर्ट खफा हो जाता है और जो सामाजिक कार्यकर्ता उनकी मदद कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई हो जाती है.

दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, कल्याणी और तन्मय कोर्ट रूम में घुस गए और न्यायिक मजिस्ट्रेट से लिखित बयान की कॉपी जबरन ले ली और मजिस्ट्रेट से कहा कि पीड़िता का बयान उनकी मौजूदगी में दोबारा लिया जाए.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि किसी के समक्ष बयान लेने का नियम नहीं है, तो दोनों न्यायिक मजिस्ट्रेट के साथ अमर्यादित व्यवहार और गाली-गलौज करने लगे.’

आशीष रंजन ने दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं पर लगे इन आरोपों को झूठ करार दिया है.

इस संबंध में जब अररिया के महिला थाने की एसएचओ रीता कुमारी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उनकी तबीयत खराब है, थाने से जानकारी ली जाए.

जिले की एसपी डीएस सावलाराम ने कहा कि तीनों की गिरफ्तारी कोर्ट के आवेदन पर हुई है, इसलिए वह कुछ नहीं कहेंगी.

पीड़िता ही जेल में है, तो जांच कैसे होगी, इस सवाल उन्होंने कहा, ‘जांच अधिकारी इस संबंध में कानूनी प्रक्रिया को अपनाते हुए जांच करेंगे.’

इस मसले पर बिहार राज्य महिला आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लिया है. आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने द वायर से कहा, ‘गैंगरेप पीड़िता को ही गिरफ्तार कर लेना हैरान करने वाली बात है. मैं मामले में संज्ञान लेते हुए अररिया प्रशासन को नोटिस देकर घटना की पूरी जानकारी ले रही हूं और प्रशासन का जवाब आने पर अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी.

गैंगरेप केस

6 जुलाई को हुए गैंगरेप के संबंध में पीड़िता ने 7 जुलाई को अररिया के महिला थाने में आवेदन दिया.

आवेदन में उन्होंने लिखा, ‘6 जुलाई की शाम 7.30 बजे के करीब साहिल ने मुझे मोटरसाइकिल चलाना सिखाने के लिए बुलाया. मेरा जाने का मन नहीं था, लेकिन वह जिद करने लगा, तो मैं चली गई.’

आवेदन में पीड़िता ने आगे लिखा है कि एक स्कूल के मैदान में आधे घंटे तक उसने बाइक चलाना सिखाया और इसके बाद उसने साहिल से कहा कि देर हो गई है इसलिए वह उसे घर छोड़ आए, लेकिन वह उसे घर ले जाने की जगह नहर के पास सुनसान सड़क पर ले गया. वहीं मोटरसाइकिल पर सवार होकर तीन अज्ञात लोग आए और उसे अगवा कर सुनसान जंगल में ले गए जहां एक और आदमी शामिल हो गया और चारों ने मिलकर उससे बलात्कार किया.

पीड़िता के बयान के मुताबिक, गैंगरेप के बाद रात 10.30 बजे उसे नहर के पास लाकर छोड़ दिया गया, जहां से उन्होंने कल्याणी को फोन किया क्योंकि वह कल्याणी के यहां काम किया करती है. कल्याणी मौके पर पहुंची और उसे बरामद कर घर ले आई.

साहिल से पीड़िता कुछ दिनों से बात कर रही थी और वो उसे मोटरसाइकिल चलाना सिखा रहा था. पीड़िता का कहना है कि साहिल उनसे मिला हुआ था और गैंगरेप के लिए पहले से योजना बनाई गई थी.

महिला ने आवेदन में लिखा है कि साहिल की मौजूदगी में उसे अगवा किया गया था और लाख गुहार लगाने के बावजूद साहिल ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की, उल्टे अपनी बाइक पर सवार होकर चला गया.

इस मामले में अभी तक एक ही आरोपित साहिल की गिरफ्तारी हो सकी है. एसपी एसपी डीएस सावलाराम ने कहा कि अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है.

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq