कैफ़े कॉफ़ी डे ने अप्रैल से जून के बीच 280 रेस्तरां बंद किए

कैफ़े कॉफ़ी डे ने एक बयान में कहा कि कम मार्जिन की वजह से निर्यात कारोबार फिलहाल ठप पड़ा है. पूंजी की ज़रूरतों, मुनाफ़े, भविष्य के ख़र्चे इत्यादि को देखते हुए कंपनी ने अपने क़रीब 280 रेस्तरां बंद कर दिए हैं.

(फोटो: रॉयटर्स)

कैफ़े कॉफ़ी डे ने एक बयान में कहा कि कम मार्जिन की वजह से निर्यात कारोबार फिलहाल ठप पड़ा है. पूंजी की ज़रूरतों, मुनाफ़े, भविष्य के ख़र्चे इत्यादि को देखते हुए कंपनी ने अपने क़रीब 280 रेस्तरां बंद कर दिए हैं.

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(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: कॉफी रेस्तरां श्रृंखला कैफे कॉफी डे (सीसीडी) ने आमदनी और खर्च की संभावनाओं का हिसाब लगाते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 280 रेस्तरां बंद कर दिए हैं.

इससे उसके रेस्तरां की संख्या घटकर 30 जून 2020 को 1,480 रह गई है. कैफे कॉफी डे ब्रांड का स्वामित्व कॉफी डे ग्लोबल के पास है, जो कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) की सहायक कंपनी है.

कंपनी ने एक बयान में सोमवार को कहा कि उसक कैफे (रेस्तरां) की औसत दैनिक ब्रिकी में भी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान घटकर 15,445 रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 15,739 रुपये थी.

हालांकि, उसकी कॉफी वेंडिंग मशीन की संख्या समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 59,115 हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 49,397 थी.

कंपनी ने कहा, ‘कम मार्जिन की वजह से निर्यात कारोबार फिलहाल ठप पड़ा है. वहीं ऊंची कार्यशील पूंजी की जरूरतों, मुनाफे, भविष्य के खर्चे इत्यादि को देखते हुए कंपनी ने अपने करीब 280 रेस्तरां बंद कर दिए हैं.’

दैनिक भास्कर के मुताबिक कैफे कॉफी डे चलाने वाली कंपनी कॉफी डे इंटरप्राइजेज लिमिटेड को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (मार्च-जून) में रेवेन्यू से भी 90 प्रतिशत अधिक 1,672.41 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है.

एक साल पहले समान तिमाही में यह लाभ महज 21.06 करोड़ रुपये था. हालांकि इस बार मुनाफा में बेतहाशा वृद्धि कंपनी में हिस्सेदारी बेचने की वजह से हुई है.

स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा है कि पिछले एक वर्ष में उसने आईटी फर्म माइंडट्री में अपनी हिस्सेदारी बेची है. कंपनी के रेवेन्यू में इस दौरान 4 प्रतिशत की गिरावट आई है. यह 926.80 करोड़ रुपये रहा है.

एक साल पहले समान तिमाही में यह 966 करोड़ रुपये था. कंपनी का कुल खर्च इस दौरान 15 प्रतिशत बढ़कर 1,128.57 करोड़ रुपये हो गया. एक साल पहले इसी अवधि में यह 981 करोड़ रुपये था.

कंपनी के प्रवर्तक वी.जी. सिद्धार्थ की मृत्यु के बाद से कंपनी अपने मुख्य कारोबार से इतर की परिसंपत्तियों को बेचकर अपने कर्ज का बोझ कम करने में भी लगी है.

इस साल मार्च में कंपनी ने 13 ऋणदाताओं का 1,644 करोड़ रुपये लौटाने की भी घोषणा की थी.

सीडीईएल ने पिछले साल सितंबर में बेंगलुरु स्थित अपने ग्लोबल विलेज टेक पार्क को 27 करोड़ रुपये में ग्लोबल इनवेस्टमेंट फर्म ब्लैकस्टोन और रियलिटी फर्म सलारपुरिया सत्व को बेचने की घोषणा की थी. इसने आईटी फर्म माइंडट्री में अपनी हिस्सेदारी एलएंडटी इंफोटेक को बेच दी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)