जम्मू कश्मीरः अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद कोरोना पॉजिटिव निकले 12 मज़दूर

मामला सांबा ज़िले के सरकारी अस्पताल का है. 1 जुलाई को एक सॉफ्ट ड्रिंक प्लांट के मज़दूर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद यहां के क़रीब 15 मजदूरों की जांच हुई थी, लेकिन दूसरे दौर के टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया, जिसके बाद कई अपने गृह-नगरों के लिए निकल गए.

नई दिल्ली के एक अस्पताल में योग करते कोरोना के मरीज़. (फाइल फोटोः पीटीआई)

मामला सांबा ज़िले के सरकारी अस्पताल का है. 1 जुलाई को एक सॉफ्ट ड्रिंक प्लांट के मज़दूर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद यहां के क़रीब 15 मजदूरों की जांच हुई थी, लेकिन दूसरे दौर के टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया, जिसके बाद कई अपने गृह-नगरों के लिए निकल गए.

(फोटोः पीटीआई)
(फोटोः पीटीआई)

जम्मूः जम्मू एवं कश्मीर के सांबा जिले के एक सरकारी अस्पताल से दर्जनभर मजदूरों को डिस्चार्ज करने के बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने का मामले सामने आया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मजदूरों के दूसरे दौर की टेस्टिंग में इनके कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद इन्हें वापस अस्पताल में भर्ती किया गया.

हालांकि, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद इन मजदूरों में से अधिकतर जम्मू में अपने-अपने घर लौट गए थे लेकिन इन्हें दोबारा इंप्लॉएज इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ईएसआईसी) अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

 

सूत्रों के मुताबिक, एक जुलाई को सॉफ्ट ड्रिंक प्लांट के एक मजदूर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद इस संयंत्र के लगभग 15 मजदूरों को क्वांरटीन किया गया था. अगले दिन इनके सैंपल भी पॉजिटिव पाए गए.

इन्हें पांच जुलाई को ईएसआईसी अस्पताल में भर्ती कराया गया. नौ दिन बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने इनके सैंपल इकट्ठा किए और 17 जुलाई को इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई.

सूत्रों का कहना है कि हालांकि, उसी दिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने दूसरे टेस्ट के लिए इनके सैंपल दोबारा इकट्ठा किए थे लेकिन दूसरे टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही डॉक्टर्स ने इन सभी को डिस्चार्ज कर दिया.

वहीं, जब 17 जुलाई की शाम इनकी कोरोना रिपोर्ट आई तो इसमें 15 में से 12 मजदूर कोरोना संक्रमित पाए गए. इसके बाद इनकी तलाश शुरू की गई. तब तक इनमें से कुछ अपने-अपने गृह-नगरों लौट चुके थे.

अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि उन्होंने इन मजदूरों की रिपोर्ट नेगेटिव आने और सरकार के दिशानिर्देशों के आधार पर मजदूरों को डिस्चार्ज किया था.

उनका कहना है कि सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक, जिन लोगों में तीन दिन तक कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखे या पहली बार लक्षण दिखने के दस दिन बाद अगर कोई लक्षण नहीं दिखे तो मरीज को डिस्चार्ज किया जा सकता है.

डॉक्टर्स का कहना है कि अब सभी मजदूरों को अस्पताल वापस लाया गया है और सोमवार को इनके सैंपल दोबारा लिए गए. इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

वहीं, जम्मू कश्मीर के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक भूपिंदर कुमार ने इस घटना की जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा है कि वह इस मामले की जांच करेंगे और इस पर जरूरी कदम उठाएंगे.

कुमार जम्मू एवं कश्मीर में कोविड-19 नियंत्रण के नोडल अधिकारी भी हैं.

संक्रमित मजदूरों में से कुछ के परिवार का आरोप है कि डॉक्टर्स ने इन्हें यह कहकर अस्पताल बुलाया कि इनका एक्सरे किया जाना है लेकिन इनके कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट के बारे में कुछ नहीं बताया गया.

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