रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक भूख हड़ताल के दौरान बीमार पड़े, अस्पताल में भर्ती

रेत कलाकार पटनायक ने पुरी में बंकिमुहान के नज़दीक बीच को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर दो दिन पहले भूख हड़ताल शुरू की थी.

रेत कलाकार पटनायक ने पुरी में बंकिमुहान के नज़दीक बीच को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर दो दिन पहले भूख हड़ताल शुरू की थी.

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पुरी के बंकिमुहान बीच स्थित धरनास्थत रेत से बनाई गई कलाकृति. इनसेट में सुदर्शन पटनायक. (फोटो साभार: सुदर्शन पटनायक/ट्विटर)

भुवनेश्वर: समुद्र तट पर प्रदूषण के विरोध में ओडिशा के तटवर्ती शहर पुरी में भूख हड़ताल शुरू करने वाले विख्यात रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक को बीमार पड़ने पर बृहस्पतिवार को भुवनेश्वर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.

सूत्रों ने बताया कि पटनायक की हालत बिगड़ने पर उन्हें राजधानी भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. उन्होंने पुरी में बंकिमुहान के नज़दीक बीच पर क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कदम उठाने की मांग को लेकर दो दिन पहले भूख हड़ताल शुरू की थी.

हड़ताल शुरू करते हुए रेत कलाकार ने कहा था कि उन्होंने अत्यधिक प्रदूषित बंकिमुहान इलाके में बीच पर धरने पर बैठने का फैसला किया क्योंकि ओडिशा सरकार से इलाके को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए कदम उठाने के उनके अनुरोध को अनसुना कर दिया गया.

पटनायक ने ‘पुरी बंकिमुहान बीच बचाओ’ के संदेश के साथ अपनी रेत की एक कलाकृति की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा था, मैं बंकिमुहान पर बीच पर प्रदूषण के ख़िलाफ़ अपनी कला के ज़रिये धरने पर बैठकर विरोध कर रहा हूं.

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धरनास्थल पर बैठे रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक. (फोटो साभार: सुदर्शन पटनायक/ट्विटर)

पटनायक ने कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष ट्विटर के ज़रिये ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को संदेश देते हुए बीच पर बढ़ते प्रदूषण की ओर उनका ध्यान खींचा था.

उन्होंने कहा कि बीच को साफ रखने के लिए संबंधित प्राधिकरणों को मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद स्थिति में कोई ख़ास सुधार नहीं आया है.

इस बीच पुरी नगर निगम ने बंकिमुहान के समीप बीच को साफ करने के लिए अभियान चलाया है.

पुरी नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी संजय मिश्रा ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग जल्द से जल्द इलाके को प्रदूषण मुक्त करने में लगे हुए हैं.

ओडिशा के पुरी में जन्मे रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक को साल 2014 में पद्मश्री सम्मान दिया जा चुका है.

उन्होंने सात साल की उम्र से रेत से कलाकृतियां बनानी शुरू की थी. वह पर्यावरण संकट, प्रसिद्ध त्योहारों, राष्ट्रीय एकता आदि विषयों पर रेत से कलाकृतियां बनाते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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