चेन्नईः महिला ने एबीवीपी के अध्यक्ष के ख़िलाफ़ उत्पीड़न की शिकायत वापस ली

पीड़ित परिवार का कहना है कि दबाव में यह शिकायत वापस ली गई है. पुलिस ने शिकायत वापस लेने से कुछ घंटे पहले ही एबीवीपी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी.

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डॉ. सुब्बैया षणमुगम. (फोटो साभार: एबीवीपी)

पीड़ित परिवार का कहना है कि दबाव में यह शिकायत वापस ली गई है. पुलिस ने शिकायत वापस लेने से कुछ घंटे पहले ही एबीवीपी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी.

डॉ. सुब्बैया षणमुगम. (फोटो साभार: एबीवीपी)
डॉ. सुब्बैया षणमुगम. (फोटो साभार: एबीवीपी)

नई दिल्लीः तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अध्यक्ष पर उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला ने पुलिस में दर्ज कराई अपनी शिकायत वापस ले ली है.

द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने महिला के शिकायत वापस लेने से कुछ घंटे पहले ही इस मामले में एबीवीपी के अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

महिला के परिवार के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर ने शनिवार रात को उनसे माफी मांग ली. परिवार का कहना है कि उन पर बिल्डिंग में रह रहे अन्य लोगों की तरफ से भी मामले को आगे नहीं बढ़ाने का दबाव था.

पुलिस ने पुष्टि करते हुए कहा कि महिला ने शिकायत वापस ले ली है. जांचकर्ता पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘शिकायत वापस लेने का पत्र हमें दिया गया लेकिन एफआईआर दर्ज होने की वजह से हमें हमारी जांच पूरी करनी पड़ेगी.’

महिला का आरोप था कि डॉक्टर ने उनके घर के एंट्रेंस गेट के बाहर पेशाब किया और कूड़ा फेंका था. उन्होंने 11 जुलाई को हुई इस घटना की सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को सौंपी थी.

हालांकि, पुलिस ने लगभग दो सप्ताह के बाद 25 जुलाई को एफआईआर दर्ज की.

महिला के भतीजे ने बताया, ‘अपार्टमेंट एसोसिएशन भी मेरी आंटी से कह रही थीं कि उन्हें इस मामले पर बात कर इसे सुलझा लेना चाहिए. उनके एक पड़ोसी, जिन्होंने पहले सबूत इकट्ठा करने में उनकी मदद की थी, उन्होंने भी सलाह दी कि शिकायत वापस ले ली जाए.’

उन्होंने कहा, ‘मेरी आंटी हर किसी से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहती थी. बीती रात सुब्बैया उनके घर आए और कहा कि वे आपसी समझ से इस मामले को सुलझा सकते हैं.’

अदम्बक्कम पुलिस ने शनिवार को सुब्बैया के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

किलपुक मेडिकल कॉलेज एंड गवर्मेंट रोयपेट्टा अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख और प्रोफेसर षणमुग पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.

मालूम हो कि पीड़ित महिला के दरवाजे पर कूड़ा मिलने पर परिवार ने 10 जुलाई को अपार्टमेंट के एंट्रेंस के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा दिया था.

महिला और सुब्बैया के बीच बिल्डिंग में कार पार्किंग को लेकर विवाद हुआ था. दरअसल सुबैया महिला के पार्किंग स्लॉट में अपनी गाड़ी पार्क करना चाहते थे और जब महिला ने पार्किंग के लिए उनसे पैसे मांगे तो सुबैया उनसे झगड़ा करने लगे और कथित रूप से उन्हें परेशान किया.

महिला द्वारा मुहैया कराई गई सीसीटीवी फुटेज में घटना के दिन रात लगभग 8.30 बजे सुब्बैया कथित तौर पर महिला के अपार्टमेंट के दरवाजे के बाहर पेशाब करते नजर आ रहे हैं.

परिवार का आरोप है कि यह उत्पीड़न तब शुरू हुआ, जब महिला ने बिल्डिंग में उनकी पार्किंग लॉट में सुब्बैया से गाड़ी खड़ा करने के लिए हर महीने 1,500 रुपये देने की मांग की.

वहीं, डॉ. सुब्बैया ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ की गई है.

उन्होंने कहा, ‘यह एक सोशल मीडिया ट्रायल है. मैंने कभी उनके दरवाजे पर कचरा नहीं फेंका या उन्हें किसी तरह से प्रताड़ित नहीं किया.’