राजस्थान: ख़रीद-फ़रोख़्त के ‘दाम’ बढ़ने के आरोप के बाद गहलोत ने कांग्रेस विधायकों को जैसलमेर भेजा

कांग्रेस नेता सचिन पायलट के गुट के विधायक गजेंद्र शक्तावत ने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी व्हिप जारी करती है तो वह और अन्य विधायक 14 अगस्त से शुरू होने जा रहे आगामी विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे.

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जयपुर एयरपोर्ट पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शांति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस नेता सचिन पायलट के गुट के विधायक गजेंद्र शक्तावत ने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी व्हिप जारी करती है तो वह और अन्य विधायक 14 अगस्त से शुरू होने जा रहे आगामी विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे.

जयपुर एयरपोर्ट पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शांति  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फोटो: पीटीआई)
जयपुर एयरपोर्ट पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शांति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फोटो: पीटीआई)

जयपुर/नई दिल्लीः राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान में विधायकों को तोड़ने की आशंका के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख तय होने के बाद राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का ‘दाम’ बढ़ गया है.

इसके साथ ही कांग्रेस और उसके समर्थक दल के विधायकों को शुक्रवार को राजधानी जयपुर से दूर सीमावर्ती शहर जैसलमेर भेज दिया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ये विधायक कुल पांच उड़ानों से जैसलमेर पहुंचे.

रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने हवाई अड्डे पर कहा, ‘हमारे विधायक काफी दिन से यहां बैठे हुए थे, मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे थे, इसलिए हमने उन्हें नयी जगह ले जाने का सोचा. इससे उन पर दबाव कम होगा, ज्यादा दूर भी नहीं है, इसलिए हम जा रहे हैं.’

राज्य में मौजूदा राजनीतिक रस्साकशी व उठापटक शुरू होने के बाद से गहलोत सरकार समर्थक कांग्रेस और अन्य दलों के विधायक 13 जुलाई से यहां शहर के बाहर एक होटल में रुके हुए थे.

पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायकों सहित 100 से अधिक लोग जैसलमेर पहुंचे हैं. विधायकों के जैसलमेर स्थानांतरित होने पर सरकारी कामकाज के बारे में गहलोत ने कहा, ‘मैं खुद जयपुर रहूंगा, मेरे अधिकांश मंत्री जयपुर रहेंगे, आते-जाते रहेंगे. परंतु प्रशासन में हम लोग कोई समझौता नहीं करेंगे. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मैं रोज वीडियो कॉन्फ्रेंस कर रहा हूं. रोज आदेश जारी हो रहे हैं, कानून व्यवस्था की स्थिति हमने संभाल रखी है.’

गहलोत ने कहा, ‘लेकिन साथ में सरकार बचाना भी जरूरी है क्योंकि अगर केंद्र सरकार खुद (आपके पीछे पड़ जाए) लग जाए, गृह मंत्रालय लग जाए तो आप सोच सकते हो कि मुकाबला करने के लिए … आज खुद जनता साथ दे रही है हमारा. राजस्थान का बच्चा-बच्चा, हर परिवार चिंतित है, वो सोच रहे हैं कि हो क्या रहा है मुल्क के अंदर? राजस्थान में क्या हो रहा है?’

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसका साथ दे रहे विधायकों को, उनके परिवार वालों को फोन आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘आज हमारे विधायक यहां बैठे हुए थे. जैसे ही परसों राज्यपाल का आदेश विधानसभा सत्र आहूत करने को लेकर जारी हुआ और कहां-कहां से टेलीफोन आने लग गए उनके पास. हमारे विधायकों को, उनके परिवारवालों को, उनके मिलने वालों को, धमकी भरे भी, दबाव भरे भी. मानसिक रूप से परेशान कर दिया.’

उन्होंने कहा कि विधायकों को 10 या 15 करोड़ रुपये की नहीं बल्कि असीमित राशि की पेशकश है, उनसे पूछा जा रहा है कि आप बता दो आप क्या चाहते हो?

गहलोत ने कहा, ‘जिस मुल्क में ये खरीद-फरोख्त हो रही हो, उस मुल्क का क्या होगा?’ भाजपा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के जो नेता आज सत्ता में बैठे हुए हैं, अमित शाह का नाम मैं बार-बार इसलिए लेता हूं कि आगे वे ही आते हैं, कर्नाटक के लिए भी या मध्य प्रदेश के लिए भी, गोवा हो, मणिपुर हो, अरुणाचल प्रदेश हो, सब जगह वो ही आते हैं.’

31 जुलाई को जयपुर से जैसलमेर जाते कांग्रेस विधायक. (फोटो साभार: एएनआई)
31 जुलाई को जयपुर से जैसलमेर जाते कांग्रेस विधायक. (फोटो साभार: एएनआई)

गहलोत ने कहा, ‘…..तो मजबूरी में कहना पड़ता है कि अमित शाह जी आपको क्या हो गया है? आप रात-दिन, जागते हुए-सोते हुए हर वक्त आप सोचते हो कि किस तरह मैं सरकार को गिराऊं. अब चुनी हुई सरकारें यदि इस तरह से गिरने लगेंगी, तो देश में लोकत्रत्र कहां बचेगा? ये लोकतंत्र को बचाने का अभियान हम चला रहे हैं पूरे देश के अंदर.’

गहलोत के साथ-साथ उनके सभी प्रमुख मंत्री, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे व कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी जैसलमेर पहुंचे हैं.

चार्टर विमानों की पांच उड़ानों से जयपुर से जैसलमेर पहुंचे इन सभी नेताओं को शहर के बाहर एक निजी होटल में रुकवाया गया है.

वहीं, भाजपा ने राज्य के विधायकों को जयपुर से जैसलमेर भेजे जाने पर कटाक्ष किया है.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं, कोई खतरा नहीं है, सब ठीक है तो यह बाड़ाबंदी क्यों?

पायलट गुट के विधायक बोले- पार्टी व्हिप जारी करेगी तो विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के गुट के कम से कम एक विधायक ने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी व्हिप जारी करती है तो वह और अन्य विधायक 14 अगस्त से शुरू होने जा रहे आगामी विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे.

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार की ओर से चौथी बार भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विधानसभा का पांचवां सत्र 14 अगस्त से बुलाने को मंजूरी दे दी है. इससे सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राजभवन के बीच कई दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हो गया.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उदयपुर के वल्लभनगर से विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत ने शुक्रवार को कहा, ‘हम सचिन पायलट के साथ हैं और वह जो भी फैसला लेंगे उसके साथ रहेंगे. हमने कभी भी कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बारे में नहीं बोला. अगर कांग्रेस व्हिप जारी करती है तो मैं निश्चित तौर पर विधानसभा सत्र में हिस्सा लूंगा. हम पार्टी के अंदर रहते हुए अपनी आवाज उठाएंगे.’

बता दें कि शक्तावत उन 18 विधायकों में से एक हैं जिन्होंने सचिन पायलट के साथ कांग्रेस से बगावत की है और वे सभी हरियाणा के एक होटल में रुके हुए हैं.

शक्तावत ने आगे कहा, ‘व्हिप केवल सदन के अंदर के लिए मान्य होता है और उसे अन्य बैठकों के लिए जारी नहीं किया जा सकता है.’

बता दें कि सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायक कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों से नदारद रहे हैं. इसी को आधार बनाकर राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य व्हिप महेश जोशी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से पायलट और अन्य 18 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है.

शक्तावत ने कहा, ‘हम केवल नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं. जिस शख्स ने राजस्थान में सरकार बनाने के लिए छह साल कड़ी मेहनत की आप उसे निकम्मा कहकर गाली दे रहे हैं. यह आत्मसम्मान की लड़ाई है. आप अपने ही परिवार के सदस्य को गाली दे रहे हैं. हमने कभी भी भाजपा में किसी से भी बात नहीं की. हम कांंग्रेस नहीं छोड़ना चाहते हैं.’

बता दें कि शक्तावत के पिता गुलाब सिंह शक्तावत एक महत्वपूर्ण कांग्रेस नेता थेऔर वल्लभनगर विधानसभा सीट से कई बार चुनाव जीते थे.

पायलट गुट के एक अन्य विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास करते हैं और भाजपा के लिए पार्टी नहीं छोड़ेंगे. भाकर लाडनन विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)