गुजरात: गाय का शव उठाने से इनकार करने पर दलित मां-बेटे को पीटने का आरोप

मामला गांधीनगर ज़िले की मानसा तालुका के एक गांव का है. 55 वर्षीय महिला का कहना है कि आरोपी ने उनके घर में घुसकर जातिसूचक गालियां दीं और फिर उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट की.

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मामला गांधीनगर ज़िले की मानसा तालुका के एक गांव का है. 55 वर्षीय महिला का कहना है कि आरोपी ने उनके घर में घुसकर जातिसूचक गालियां दीं और फिर उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट की.

Gandhinagar

गांधीनगर: गुजरात के गांधीनगर के मानसा तालुका के एक गांव में कथित रूप से मरी हुई गाय को उठाने से इनकार करने पर 55 वर्षीय दलित महिला और उनके 25 वर्षीय बेटे को पीटा गया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह घटना दो और तीन अगस्त की है. पीड़ितों के द्वारा चार अगस्त को केस दर्ज करवाया गया.

पुलिस ने तीन अगस्त को निषेधाज्ञा उल्लंघन के एक अन्य मामले में आरोपी व्यक्ति को नशे की हालत में गिरफ्तार किया था.

हालांकि, पुलिस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपी सुरेश सिंह चावड़ा को गिरफ्तार करती, उससे पहले ही उन्हें जमानत मिल गई और वह रिहा हो गए.

मानसा पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, यह घटना गांधीनगर के मानसा तालुका के रंगपुर गांव में घटी थी. रंगपुर गांव के निवासी रंजन परमार (55) और कुलदीप परमार (25) पर सुरेश सिंह चावड़ा द्वारा हमला किया गया.

पीड़िता रंजन परमार ने आरोप लगाया कि चावड़ा नशे की हालत में उनके घर में आया और जातिसूचक गालियां देने लगा.

उन्होंने कहा, ‘उसने पहले गालियां दी, फिर हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी. बाद में पड़ोसियों ने दखल देकर हमें बचाया.’

चावड़ा के खिलाफ तीन अगस्त को ही एक अन्य मामले में निषेध अधिनियम की धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

वहीं, चार अगस्त को एक अन्य प्राथमिकी दर्ज किया गया. जिसमें उसके खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम और आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाना या मारपीट करना), धारा  504 (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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