नॉर्थ ईस्ट डायरी: मणिपुर में फर्ज़ी मुठभेड़ों की जांच में एसआईटी को सहयोग देंगे मुख्यमंत्री

इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, ​मणिपुर, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.

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एन. बीरेन सिंह. (फोटो: पीटीआई)

इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.

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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह. (फोटो: पीटीआई)

 

मणिपुर: फर्ज़ी मुठभेड़ों की जांच में एसआईटी को सहयोग देंगे: मणिपुर मुख्यमंत्री

इम्फाल: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते शनिवार को कहा कि उग्रवाद से ग्रस्त राज्य में सुरक्षा बलों द्वारा फर्ज़ी मुठभेड़ों और गैर न्यायिक हत्याओं की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को मणिपुर सरकार आवश्यक सहयोग देगी.

पांच सीबीआई अधिकारियों की एसआईटी गठित करने के शीर्ष अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता मानवाधिकारों का संरक्षण है.

उन्होंने कहा, राज्य सरकार सुरक्षा बलों द्वारा कथित गैर न्यायिक हत्याओं में शामिल दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए आवश्यक सहायता मुहैया करवाएगी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.

उच्चतम न्यायालय ने 14 जुलाई को पांच सीबीआई अधिकारियों की एसआईटी गठित करने और उग्रवाद से ग्रस्त राज्य में सेना, असम राइफल्स और पुलिस द्वारा फर्ज़ी मुठभेड़ों और गैर न्यायिक हत्याओं की प्राथमिकी दर्ज करने तथा जांच करने का आदेश दिया.

शीर्ष अदालत ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के भीतर पांच अधिकारियों के दल का गठन करें जो आवश्यक प्राथमिकी दर्ज करें और फर्ज़ी मुठभेड़ों की जांच इस वर्ष 31 दिसंबर तक पूरी करें.

शीर्ष अदालत ने कथित हत्याओं की जांच और मुआवज़े की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया.

रिट याचिका मानवाधिकार समूहों द ह्यूमन राइट्स अलर्ट और एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल एक्ज़िक्यूशन विक्टिम फैमिलीज एसोसिएशन ने दायर की थी.

ह्यूमन राइट्स अलर्ट के कार्यकारी निदेशक बबलू लोईतोंगबाम ने बताया कि उन्हें आशा है कि सीबीआई निदेशक ऐसे अधिकारियों को चुनेंगे जिनकी ईमानदारी और क्षमता पर कभी कोई सवाल खड़ा नहीं हुआ, जो सच को सामने लाना चाहते हैं और राजनीतिक दबाव के आगे नहीं झुकते क्योंकि यह एक बेहद संवदेनशील मामला है.

उन्होंने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस बार पूरा फोकस उन पर होना चाहिए जिन्होंने हत्या के आदेश दिए.

मेघालय: भारत से मवेशियों की तस्करी बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है: बीजीबी

शिलॉन्ग: बॉर्डर गार्ड्स ऑफ बांग्लादेश (बीजीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत से मवेशियों की तस्करी बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है और सीमा सुरक्षा बल से इसे रोकने का औपचारिक अनुरोध किया.

बीजीबी के क्षेत्रीय कमांडर अतिरिक्त महानिदेशक मोहम्मद ज़ाहिद हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, वास्तव में यह मवेशियों की तस्करी हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है. अगर ये भारत से नहीं आएं तो हमारे डेयरी किसान ऊपर उठ सकते हैं और हम अपना ख्याल रख सकते हैं.

उन्होंने कहा, हम लोगों ने बीएसएफ से तस्करी रोकने का आग्रह किया है और इससे कई अन्य संबंधित मुद्दों को सुलझाया जा सकता है.

बीएसएफ-बीजीबी के चार दिवसीय सीमा समन्वय सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले बीजीबी के अधिकारी ने स्वीकार किया कि मवेशी की तस्करी भी सम्मेलन के एजेंडे में शामिल था.

हसन ने कहा कि मवेशी ख़ुद से सीमा पार नहीं कर सकते हैं. उन्होंने साथ ही कहा, हम लोगों ने आग्रह किया है कि इस तरह की तस्करी रोकी जानी चाहिए क्योंकि ये मवेशी देश के भीतरी इलाकों से आते हैं.

बीजीबी के क्षेत्रीय कमांडर और मेघालय फ्रंटियर बीएसएफ के आईजी पीके दुबे ने मेघालय के पुलिस महानिदेशक एसबी सिंह से मुलाकात की और मवेशियों की तस्करी और सीमापार अपराध की घटनाओं पर चर्चा की.

असम: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर मुख्यमंत्री की खिंचाई की

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को अद्यतन करने के काम की निगरानी कर रहे उच्चतम न्यायालय ने बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को उनके इस कथन के लिए आड़े हाथ लिया कि नागरिक रजिस्टर का मसौदा 31 दिसंबर तक प्रकाशित किया जाएगा.

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मक़सद गैरकानूनी प्रवासियों पर अंकुश लगाने के लिए असम के मूल निवासियों की पहचान करना है.

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन की पीठ ने कहा, हम इसकी सराहना नहीं करते कि कोई अन्य प्राधिकारी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसौदा तैयार करने और इसे प्रकाशित करने के मामले में हस्तक्षेप करे जब यह न्यायालय इसकी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति द्वारा नागरिक रजिस्टर के मसौदे के प्रकाशन की प्रक्रिया की वह निगरानी कर रहा है तो कोई भी एजेंसी या प्राधिकारी इस तरह का बयान नहीं दे सकता.

इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय को सूचित किया गया कि अगर नागरिक रजिस्टर के मसौदे के प्रकाशन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2019 है, मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह 31 दिसंबर, 2017 या इससे पहले कर लिया जाएगा.

पीठ ने कहा, पिछली बार आपने हमें बताया था कि आप मार्च 2018 तक यह काम कर लेंगे. यह अच्छी बात है कि आप यह कर रहे हैं. परंतु हमारे पास रिकॉर्ड पर मुख्यमंत्री का यह बयान है कि नागरिक रजिस्टर का मसौदा दिसंबर, 2017 तक प्रकाशित होगा. तो फिर उन्हें ही इसकी निगरानी करने दीजिए. हम इससे हट जाते हैं. जब उच्चतम न्यायालय इसकी निगरानी कर रहा है तो हम किसी अन्य एजेंसी या प्राधिकारी को यह कहते नहीं देखना चाहते कि हम इसे इस तरह करेंगे.

न्यायालय ने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत ने इस पर करीब दो साल का समय और अपनी ऊर्जा ख़र्च की है ओर यह न्यायालय के प्रति उचित नहीं है.

न्यायालय ने इससे पहले बांग्लादेश से गैरकानूनी तरीके से आने वाले प्रवासियों को नियंत्रित करने के लिये राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तैयार करने का आदेश दिया था.

न्यायालय भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहा था.

मेघालय: बलात्कार के आरोपी विधायक को विधानसभा की दो समितियों से हटाया गया

शिलॉन्ग: मेघालय में बलात्कार के आरोपी विधायक जूलियस के. डॉरफेंग को विधानसभा की दो समितियों के सदस्य पद से हटा दिया गया है. बीते शनिवार को यह जानकारी अधिकारियों ने दी. जूलियस को इस महीने की शुरुआत में ही विधानसभा की दोनों समितियों का सदस्य नियुक्त किया गया था.

विधानसभा के स्पीकर अबु ताहिर मोंडल ने कहा कि विधानसभा ने उस अधिसूचना में सुधार किया है जिसके तहत डॉरफेंग को सदन की दोनों समितियों में शामिल किया गया था.

उन्होंने कहा, विधानसभा कार्यालय ने सात जुलाई को जारी उस अधिसूचना में सुधार का फैसला किया जिसमें डॉरफेंग को विशेषाधिकार समिति और अधीनस्थ विधायन समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था.

साल 2007 में हथियार छोड़ने तक एक सशस्त्र विद्रोही संगठन की अगुवाई कर रहे डॉरफेंग की जगह विशेषाधिकार समिति में निर्दलीय विधायक डेविड नांग्रम जबकि केनेथसन आर. संगमा को अधीनस्थ विधायन समिति को जगह मिली है.

एक नाबालिग लड़की से कथित बलात्कार के आरोप में डॉरफेंग के ख़िलाफ़ दो मामले दर्ज किए गए हैं.

मणिपुर: सीसीटीवी घोटाला मामले पर अंतिम रिपोर्ट पेश

इम्फाल: मणिपुर में राजभवन और मुख्यमंत्री के बंगले के लिए सीसीटीवी कैमरों की ख़रीद और वहां उन्हें लगाए जाने के मामले में जांच को लेकर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के समक्ष अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी है.

रिपोर्ट 13 जुलाई को पेश की गई है.

मुख्यमंत्री एन. बीरेन ने 17 मई को 8.01 करोड़ के घोटाला मामले में जांच का आदेश दिया था और उन्होंने तीन सदस्यीय समिति को 15 दिनों में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिये कहा था.

इस साल मार्च में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के साा में आने के बाद ये जांच के आदेश दिये गये थे.

पूर्व मुख्यमंत्री ओ. इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2009-10 और वर्ष 2010-11 में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के तुरंत बाद इन कैमरों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके कारण जांच की आवश्यकता पड़ी.

तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजभवन और मुंख्यमंत्री के बंगले में सीसीटीवी लगाने के लिए करीब आठ करोड़ की मंज़ूरी दी थी लेकिन इन्हें लगाए जाने के कुछ ही दिनों बाद इन कैमरों ने काम करना बंद कर दिया था.

असम: बच्चों के विश्व के सबसे बड़े फिल्मोत्सव में असमी फिल्म

Rainbow Fields Assamese Film
(फोटो साभार: madaboutmoviez.files.wordpress.com)

फिल्म निर्माता बिद्युत कोटोकी के लिए पुरस्कार और सम्मान एक नई चीज़ नहीं है लेकिन जब परेशान क्षेत्र के बच्चों पर आधारित उनकी हालिया फिल्म की बात आती है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है. इस फिल्म का चयन बच्चे के विश्व के सबसे बड़े फिल्मोत्सव के लिए किया गया और इसे 4.5 रेटिंग स्टार दिया गया है.

कोटोकी की शोहिओबोटे धेमालाइट (इंद्रधनुषी खेत) को हॉलीवुड सिने फेस्ट में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म का पुरस्कार मिला.

कोटोकी ने बताया, किड्स फर्स्ट में जूरी में शामिल एक व्यक्ति से संदेश मिलने पर मैं खुश हूं. मेरी फिल्म में असम के हिंसक समय के दौरान पलने वाले बच्चों की अंदरूनी कहानी और वे इससे कैसे प्रभावित हुयी के बारे में बताया गया है.

जूरी के सदस्य जुअनिता एस. ने फिल्म के विचार की भी तारीफ की.

मिज़ोरम: ब्रू लोगों के लौटने से इनकार करने पर उनके शिविर बंद कर दें

आईजोल: गृह मंत्रालय के एक सलाहकार ने कहा कि ब्रू लोगों के मिज़ोरम लौटने से अब भी इनकार करने पर त्रिपुरा में काम कर रहे छह ब्रू राहत शिविरों को और वहां रहने वाले लोगों को दी जा रही मदद बंद कर देनी चाहिए.

10 जुलाई को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि गृह मंत्रालय के सलाहकार (पूर्वोत्तर) एमके सिंगला ने मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लाल थनहवला के साथ अपनी बैठक के दौरान यह विचार प्रकट किया.

हालांकि विज्ञप्ति में कहा गया कि ये उनके निजी विचार हैं.

गृह मंत्रालय और मिज़ोरम सरकार 2009 से त्रिपुरा से ब्रू लोगों को वापस लाने के लिए कई योजनाएं बना चुके हैं.

हालांकि कई ब्रू परिवारों ने मिज़ोरम लौटने से इनकार कर दिया और ब्रू शरणार्थियों के सर्वोच्च संगठन, मिज़ोरम ब्रू डिस्प्लेस्ड पीपुल्स फोरम ने नई और कई मांगें करनी जारी रखी हैं.

सिंगला ने प्रस्ताव दिया कि एक समयबद्ध वापसी प्रक्रिया चलाई जानी चाहिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सभी ब्रू लोग राहत शिविरों से मिज़ोरम लौट जाएं.

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ब्रू नेता राहत शिविर में रहने वाले लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

अरुणाचल प्रदेश: रिजिजू ने बाढ़ग्रस्त किसानों से की मुलाकात, मदद का दिया भरोसा

Itanagar: Union Minister of State for Home Affairs Kiren Rijiju along with Chief Minister of Arunachal Pradesh Pema Khandu during an aerial survey of flood affected areas of  Pasighat, Mebo, Dambuk, Mahadevpur and Diyun in Arunachal Pradesh on Friday. PTI Photo(PTI7_14_2017_000243B)
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बीते शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ के राजय के बाढ़ प्रभावित इलाकों को दौरा किया. (फोटो: पीटीआई)

आलो: केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बीते शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ प्रभावित किसानों से मुलाकात की और उन्हें केंद्र और राज्य सरकार से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया. राज्य में आई भीषण बाढ़ से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.

रिजिजू ने पश्चिम सियांग ज़िले के बाढ़ग्रस्त आलो इलाके का केंद्रीय टीम के साथ दौरा किया और गांवों में हालात का जायज़ा लिया.

गृह राज्यमंत्री ने उन किसानों से मुलाकात की, जिन्होंने इस बाढ़ में अपनी फसल, अपने घर-बार और अपने परिवार के सदस्य खोए हैं. उन्होंने ज़िला प्रशासन की मौजूदगी में इन किसानों की व्यथा सुनीं.

रिजिजू ने ज़िला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी तैयारियों के बारे में बात की.

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह ग्रामीणों को दवाओं के वितरण में तेजी लाएं क्योंकि इलाके में मलेरिया फैलने का खतरा है.

बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों ने रिजिजू को ख़ुद पूरे हालात के बारे में बताया और मदद की गुहार लगाई.

अरुणाचल प्रदेश: भूस्खलन प्रभावितों को 10 लाख रुपये की सहायता

पापमपारे: केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू राज्य के पापमपारे ज़िले में हुए भूस्खलन में मारे गए 14 लोगों के परिवार से मिलने पहुंचे. प्रभावितों को 10 लाख रुपये की सहायता दी गई है.

अधिकारियों ने बताया कि बीते कुछ दिनों से जारी लगातार बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन से बहुत बड़े इलाके से संपर्क टूट गया है. शेष देश से कई ज़िला मुख्यालयों का संपर्क भी कट गया है.

गत 11 जुलाई को हुए भूस्खलन में लापटाप गांव में कई घर बह गए थे जिसमें कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई थी.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रिजिजू यहां के स्थानीय सांसद भी हैं. वे लापटाम में शोकाकुल परिवारों से 14 जुलाई को मिलने पहुंचे. पूरे पापमपारे ज़िले में भूस्खलन हुआ है जिसके चलते बाकी के राज्य से इसका संपर्क टूट गया है.

रिजिजू के साथ पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी भी थे. उन्होंने ज़िले का हवाई सर्वेक्षण भी किया.

इसी दिन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ राज्य के बाढ़ प्रभावित ज़िलों का हवाई सर्वेक्षण किया जहां भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन की वजह से सभी प्रमुख सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं.

उन्होंने बाढ़ प्रभावित बमबुक, मेबो, नौसाई, नियुन और सगली का हवाई सर्वेक्षण किया जहां के अधिकतर इलाके में पानी भरा हुआ है या जो भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है.

अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार होती बारिश से बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ जिसने राज्य के कई ज़िला मुख्यालयों सहित बड़े हिस्से का संपर्क देश के अन्य इलाकों से तोड़ दिया है.

Kamrup : People travel in a mini bus at flood-hit Jamlai village in Kamrup district of Assam on Thursday. PTI Photo (PTI7_14_2017_000222B)
अमस के कामरूप ज़िले में बाढ़ प्रभावित जामलई गांव. (फोटो: पीटीआई)

रिजिजू ने कहा कि बारिश और भूस्खलन की वजह से समूचा राज्य प्रभावित हुआ है जिसने राजमार्गों और सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया है. मैंने अधिकारियों से एक महीने के अंदर सड़कों को बहाल करने को कहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा, पापमपारे ज़िला सहित कई इलाके बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं. लगातार बारिश और ख़राब मौसम स्थिति में सुधार करने की कोशिशों में रुकावट डाल रही है. हालांकि कुछ इलाकों में अभी जाना बाकी है लेकिन सरकार लोगों की मदद करने के लिए 24 घंटे काम कर रही है.

उन्होंने कहा, राज्य सरकार को केंद्र ने सभी सहायता दी है उसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं.

केंद्र ने 13 जुलाई को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल कोष के तहत राज्य सरकार के लिए 51.48 करोड़ रुपये जारी किए. राज्य की राजधानी अपनी जीवनरेखा राष्ट्रीय राजमार्ग 415 से वस्तुत: कट गई है.

उन्होंने कहा कि जुल्लांग से होकर आने वाली वैकल्पिक सड़क भी बंद है. सिर्फ एक सड़क बची है जो असम के लखीमपुर ज़िले के हुलंगी से होकर गुजरती है.

राज्य के लापटाप गांव में 11 जुलाई को हुए भूस्खलन में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई थी.

बता दें कि इस समय उत्तर पूर्व के अधिकांश राज्य लगातार बारिश की वजह से बाढ़ की चपेट में हैं. इनमें असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा आदि प्रमुख हैं.

नगालैंड: राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर भूस्खलन

कोहिमा: नगालैंड के कोहिमा ज़िले के विस्वेमा गांव के पास भूस्खलन होने से नगालैंड और मणिपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 का एक बड़ा हिस्सा बह गया.

एक पुलिस अधिकारी ने बीते शनिवार को कहा कि विस्वेमा गांव से करीब 200 मीटर दूर सुबह भूस्खलन हुआ.

भूस्खलन से सड़क का 70 मीटर हिस्सा बह जाने से यातायात अवरुद्ध हो गया.

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मणिपुर की राजधानी इंफाल भी बाढ़ की चपेट में है. (फोटो: पीटीआई)

राष्ट्रीय राजमार्ग 2 मणिपुर के लिए जीवनरेखा की तरह काम करता है क्योंकि सभी माल वाहन, यात्री वाहन और सामान इस रास्ते से ही राज्य में पहुंचते हैं.

ग्रामीणों ने भूस्खलन के बाद एक अस्थाई रास्ता बना लिया है ताकि लोग उस हिस्से को पार कर सकें.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि बॉर्डर रोड टास्क फोर्स की मदद से सड़क मरम्मत के प्रयास जारी हैं.

मेघालय: महिला आयोग ने दिल्ली गोल्फ क्लब सचिव को समन किया

शिलॉन्ग: मेघालय के राज्य महिला आयोग ने टेलिन लिंगदोह की एक अर्ज़ी के बाद दिल्ली गोल्फ क्लब के सचिव को बीते 10 जुलाई को समन किया. टेलिन को गत महीने उनके पारंपरिक पोशाक के चलते क्लब से बाहर कर दिया गया था.

उन्होंने कहा कि आयोग ने लिंगदोह की ओर से की गई एक शिकायत के आधार पर कदम उठाया. बच्चों की देखभाल करने का काम करने वाली लिंगदोह ने क्लब और उसके सदस्यों पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने परिसर में लोगों से जातीय भेदभाव होने दिया जो कि आदिवासी लोगों से नस्ली भेदभाव के बराबर है. यह एक दंडनीय अपराध है.

25 जून को दिल्ली गोल्फ क्लब के कर्मचारी ने आमंत्रित मेहमान लिंगदोह को इसलिए भोजन कक्ष से बाहर जाने के लिए कह दिया क्योंकि उन्होंने पारंपरिक खासी पोशाक जैन्सम पहन रखी थी जो कि घरेलू सहायिका की पोशाक की तरह से दिख रही थी.

लिंगदोह अपनी नियोक्ता डॉ. निवेदिता बोर्थाकुर सोंधी के साथ 10 जुलाई को आयोग के समक्ष पेश हुई.

फानबुह ने कहा, क्लब ने लिंगदोह को अपमानित किया. हम ऐसे नस्ली भेदभाव के खिलाफ उनके संघर्ष में उनका समर्थन करेंगे क्योंकि यह हमारे देश के संविधान के ख़िलाफ़ है.

उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए कि ऐसी घटना भविष्य में नहीं हो.

फानबुह ने कहा कि चूंकि राष्ट्रीय महिला आयोग के अलावा पीएमओ ने भी घटना पर संग्यान लिया है राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में भी अर्जी दायर की गई है.

बोर्थाकुर ने कहा कि लिंगदोह गोल्फ क्लब में नौ अन्य मेहमानों का हिस्सा थीं लेकिन उन्हें अलग किया गया क्योंकि उन्होंने जैन्सम पहन रखी थी.

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मुकुल मुदगल उस समिति का नेतृत्व करेंगे जिसका गठन क्लब ने लिंगदोह मामले की जांच के लिए किया है.

मेघालय: भीड़ की पिटाई के बाद व्यक्ति की मौत

शिलॉन्ग: नाबालिग से बलात्कार करने के आरोपी को भीड़ द्वारा बुरी तरह पीटे जाने के बाद बीते नौ जुलाई को उसकी अस्पताल में मौत हो गई.

पुलिस ने बताया कि 11 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर बलात्कार करने और अपने स्मार्टफोन में उसकी तस्वीरें लेने वाले, 31 वर्षीय आरोपी ने भीड़ के उस पर हमला करने से पहले खुद को कमरे (जहां वह किराये पर रहता था) में बंद कर लिया था.

उसकी सिविल शिलॉन्ग अस्पताल में मौत हो गई.

पूर्वी खासी हिल्स ज़िले के एसपी डेविस मारक ने कहा, ऊपरी शिलॉन्ग क्षेत्र के नोंगक्शेह में इस हिंसक हमले को उकसाने के लिए मकान मालिक और पीड़िता के पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है.

पीड़िता द्वारा भाई के अपने रिश्तेदारों को मृतक के फोन में अपनी बहन की अश्लील तस्वीरें और वीडियो देखने की बात बताने के बाद यह हिंसक घटना हुई.

एसपी ने बताया कि बीच बचाव करने में दो पुलिस कर्मी भी घायल हो गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से सहयोग के साथ)

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