जम्मू कश्मीरः पूर्व आईएएस शाह फैसल ने अपनी ही बनाई पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया

जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि जब तक अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक पार्टी के उपाध्यक्ष फ़िरोज़ पीरज़ादा को सर्वसम्मति से अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का फ़ैसला किया गया है.

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शाह फैसल. (फोटो साभार: फेसबुक)

जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि जब तक अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक पार्टी के उपाध्यक्ष फ़िरोज़ पीरज़ादा को सर्वसम्मति से अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का फ़ैसला किया गया है.

शाह फैसल. (फोटो साभार: फेसबुक)
शाह फैसल. (फोटो साभार: फेसबुक)

श्रीनगरः भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा देकर पिछले साल जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) पार्टी का गठन करने वाले शाह फैसल ने इसके अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी ने सोमवार को यह जानकारी दी.

इस संबंध में जेकेपीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य में जारी राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए पार्टी की कार्यकारिणी समिति की सोमवार को ऑनलाइन बैठक हुई.

जेकेपीएम ने बयान में कहा है, ‘बैठक में डॉ. शाह फैसल के सांगठनिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने के अनुरोध पर चर्चा हुई. उन्होंने सूचित किया था कि वह राजनीतिक गतिविधियां जारी रखने की स्थिति में नहीं हैं और वह चाहते हैं कि उन्हें संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए.’

बयान में कहा गया है, ‘उनके इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है ताकि वह अपने जीवन में बेहतर तरीके से कार्यों को जारी रख सकें और जहां भी चाहें अपना योगदान दे सकें.’

जेकेपीएम के बयान में यह भी कहा गया है कि जब तक अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक पार्टी के उपाध्यक्ष फिरोज पीरजादा को सर्वसम्मति से अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया गया है.

इसके साथ ही पार्टी ने इसके चेयरमैन जावेद मुस्तफा मीर का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है, जो एक पूर्व विधायक हैं.

मालूम हो कि शाह फैसल ने जनवरी 2019 में सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर दो महीने बाद मार्च महीने में जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी का गठन किया था.

उन्हें पिछले साल अगस्त में उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब केंद्र ने तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर, उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.

फैसल को पिछले साल 14 अगस्त को हिरासत में लिया गया था और उन पर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्हें इस साल जून में रिहा कर दिया गया था.

बता दें कि फैसल ने रविवार को अपने ट्विटर बायो में बदलाव कर उसमें से राजनीतिक पार्टी से संबद्धता की बात हटा दी थी. ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि शाह फैसल एक बार फिर नौकरशाही में लौट सकते हैं.

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने भी जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट में शामिल होने के साथ सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था. हालांकि, शेहला ने पिछले साल सितंबर में चुनावी राजनीति छोड़ने का ऐलान किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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