एलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको छठी बार बेलारूस के राष्ट्रपति निर्वाचित, नतीजों के ख़िलाफ़ विरोध जारी

नौ अगस्त के चुनाव के परिणाम को लेकर आक्रोश उत्पन्न होने के बाद बेलारूस की राजधानी मिंस्क समेत देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. इसमें एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है. राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको 1994 से सत्ता में बने हुए हैं.

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Opposition supporters scuffle with law enforcement officers after poll closed at presidential election in Minsk, Belarus August 9, 2020. Dmitry Brushko/Tut.By via REUTERS

नौ अगस्त के चुनाव के परिणाम को लेकर आक्रोश उत्पन्न होने के बाद बेलारूस की राजधानी मिंस्क समेत देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. इसमें एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है. राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको 1994 से सत्ता में बने हुए हैं.

Opposition supporters scuffle with law enforcement officers after poll closed at presidential election in Minsk, Belarus August 9, 2020. Dmitry Brushko/Tut.By via REUTERS
राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के बाद बेलारूस की राजधानी मिंस्क और कुछ अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. (फोटो: रॉयटर्स)

मिंस्क: बेलारूस में चुनाव अधिकारियों ने कहा है कि एलेक्जेडर लुकाशेंको लगातार छठी बार राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. इसके बाद देश की राजधानी समेत विभिन्न शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. लुकाशेंको को बेलारूस का निरकुंश शासक कहा जाता है.

चुनावी नतीजों से नाराज होकर प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई.

लुकाशेंको को इस बार 26 वर्षों में सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, लेकिन चुनाव में उन्हें 80 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त हुए.

लुकाशेंको का शासन 1994 में शुरू हुआ था और इस जीत के बाद अब वह 2025 तक सत्ता में रहेंगे.

रविवार की रात को हजारों लोग उन शुरुआती नतीजों का विरोध करते हुए बेलारूस के शहरों और कस्बों में सड़कों पर उतर आए, जिससे लुकाशेंको की जबरदस्त जीत का संकेत मिला था.

विपक्षी समर्थकों ने कहा कि उनका मानना है कि चुनाव के परिणामों में धांधली की गई है.

विपक्षी उम्मीदवार 37 वर्षीय श्वेतलाना तिखानोवस्काया ने सोमवार को कहा, ‘हम इन परिणामों को नहीं मानते.’

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने नतीजों की घोषणा करते हुए कहा था कि लुकाशेंको को 80.23 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जबकि उनकी मुख्य विपक्षी उम्मीदवार पूर्व शिक्षक श्वेतलाना को सिर्फ 9.9 प्रतिशत वोट मिले.

श्वेतलाना ने कहा कि उनकी टीम अपनी गिनती कर रही है.

अंग्रेजी की पूर्व शिक्षक श्वेतलाना ने राजनीति में तब प्रवेश किया, जब उनके ब्लॉगर पति को जेल में डाल दिया गया था.

समाचार वेबसाइट अल जजीरा के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा स्टन ग्रेनेड, वॉटर कैनन और रबर बुलेट के इस्तेमाल के बाद श्वेतलाना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधिक करते हुए कहा, ‘मतदाताओं ने अपनी पसंद बनाई लेकिन अधिकारी हमारी सुन नहीं रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों को इस बारे में सोचना चाहिए कि शांति से हमें सत्ता कैसे सौंपी जाए. मैं खुद को इस चुनाव का विजेता मानती हूं.’

हालांकि राष्ट्रपति लुकाशेंको की मुख्य प्रतिद्वंद्वी श्वेतलाना ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों को किसी भी उकसावे से बचाने के लिए प्रदर्शनों में शामिल नहीं होंगी.

दूसरी ओर चुनाव जीतने वाले लुकाशेंको ने चुनाव को ‘एक उत्सव का मौका’ बताया और विपक्ष पर इसे बर्बाद करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

रविवार (नौ अगस्त) के चुनाव के परिणाम को लेकर आक्रोश उत्पन्न होने के बाद राजधानी मिंस्क समेत देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं.

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. मानवाधिकार समूहों ने कहा कि एक व्यक्ति की मौत हो गई. साथ ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी घायल हो गए.

विस्ना मानवाधिकार समूह के अनुसार, 200 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अलेक्सांद्र लास्तोवस्की ने बताया कि मारा गया प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के निर्वाचन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ का हिस्सा था. वह कोई विस्फोट फेंकने की कोशिश कर रहा था, जो उसके हाथ में ही फट गया. झड़प शुरू होने के बाद यह पहली मौत है.

अधिकारियों के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के दौरान 89 लोग घायल हुए, जिनमें 39 कानून प्रवर्तन अधिकारी शामिल हैं. साथ ही करीब 3,000 लोगों को हिरासत में लिया गया.

बेलारूस की जांच समिति ने बड़े पैमाने पर दंगों और पुलिस अधिकारियों के प्रति हिंसा की सोमवार को आपराधिक जांच शुरू की.

यूरोपीय अधिकारियों ने रविवार को बेलारूस के अधिकारियों से लोकतंत्र के मानकों का पालन करने और लोगों के नागरिक अधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया.

अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, लुकाशेंको ने साल 1994 से बेलारूस पर कड़ा नियंत्रण बना रखा है. इस बीच अर्थव्यवस्था की देखरेख, कोविड-19 महामारी निपटने और मानवाधिकारों के हनन पर असंतोष के बीच सत्ता पर पकड़ बनाने के लिए उनके समक्ष हाल के वर्षों में सबसे बड़ी चुनौती खड़ी हुई है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 1994 से बेलारूस की सत्ता संभाल रहे लुकाशेंको को विपक्ष के समर्थक विदेश से नियंत्रित होने वाली ‘भेड़’ के रूप में वर्णित करते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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