गुजरात में बारिश से जुड़ी घटनाओं में नौ लोगों की मौत, बिहार में बाढ़ से हालात गंभीर

गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण नदियां उफ़ान पर हैं. शनिवार और रविवार को मिलाकर राज्य में 21 लोगों की मौत की सूचना है. बिहार के 16 ज़िलों में 83.62 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. उत्तर प्रदेश के एक हज़ार से ज़्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं और राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है.

गुजरात के सूरत शहर में भारी बारिश के बाद सड़क पर जमा पानी. (फोटो: पीटीआई)

गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण नदियां उफ़ान पर हैं. शनिवार और रविवार को मिलाकर राज्य में 21 लोगों की मौत की सूचना है. बिहार के 16 ज़िलों में 83.62 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. उत्तर प्रदेश के एक हज़ार से ज़्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं और राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है.

गुजरात के सूरत शहर में भारी बारिश के बाद सड़क पर जमा पानी. (फोटो: पीटीआई)
गुजरात के सूरत शहर में भारी बारिश के बाद सड़क पर जमा पानी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: गुजरात के कई इलाकों में रविवार को मूसलाधार बारिश के कारण नदियां उफान पर रहीं और 100 से अधिक बांधों को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया, वहीं बिहार में शनिवार से किसी नए इलाके में बाढ़ का प्रकोप सामने नहीं आया, लेकिन राज्य में इस आपदा से हालात गंभीर हैं.

गुजरात में रविवार को मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.

इंडियन एक्सप्रेस ने राहत विभाग के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि गुजरात में लगातार दो दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के दौरान रविवार को राज्य के सात जिलों में नौ लोगों के मारे जाने की सूचना है. इनमें से छह लोगों की डूबने से मौत हुई, जबकि तीन लोग की मौत घर गिरने की घटनाओं में हुई.

विभाग के अनुसार, इसके साथ ही पिछले दो दिनों (शनिवार और रविवार) में मरने वालों की संख्या 21 हो गई है.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 14 बांधों के लिए अलर्ट जारी किया गया है, वहीं बारिश के कारण अधिक जल प्रवाह के बाद 17 बांधों के लिए चेतावनी जारी की गई है.

मेहसाणा, पाटन, सूरत, गिर सोमनाथ, साबरकांठा, अहमदाबाद, गांधीनगर, अरावली और सुरेंद्रनगर जिलों के हिस्सों में रविवार सुबह से बहुत भारी बारिश हो रही है. अधिकारियों के मुताबिक कई जिलों में निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं.

मौसम विभाग ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी-मध्य गुजरात तथा सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के कई जिलों में मंगलवार सुबह तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है.

राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने कहा, ‘राज्य में भारी बारिश की वजह से 44 नदियां और 41 झीलें उफान पर हैं. सरदार सरोवर बांध 60.83 प्रतिशत तक भरा है, वहीं 68 बांध ऊपर तक भर गए हैं.’

पटेल ने बताया कि पिछले दो महीनों के दौरान 13,108 लोगों को बचाया गया है. इनमें से 2,077 लोग विभिन्न जिलों के राहत शिविरों में रह रहे हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रविवार को सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक मेहसाणा जिले के कड़ी में सबसे ज्यादा 290 मिलीमीटर बारिश हुई. इसके बाद इसी जिले के बेचाराजी में 224 मिमी बारिश, सूरत के उमरपाड़ा में 216 मिली और पाटण के सरस्वती में 207 मिमी बारिश दर्ज की गई.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, लगातार बारिश की वजह से 277 सड़क मार्ग बंद हैं. इनमें मेहसाणा से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग, 11 राजकीय मार्ग, 11 जिलास्तरीय सड़कें और 254 पंचायत स्तरीय सड़कें शामिल हैं.

वलसाड, महिसागर, राजकोट, द्वारका, सुरेंद्रनगर, कच्छ, अहमदाबाद, साबरकांठा, मेहसाणा, अरावली और पाटन के 53 गांवों में बिजली की सप्लाई बाधित है.

बिहार में 16 जिलों में 83.62 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित

बिहार में भी बारिश और बाढ़ का प्रकोप जारी है. आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि बिहार में 16 जिलों में 83.62 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, वहीं पिछले 24 घंटे में किसी नए इलाके में बाढ़ का प्रकोप नहीं पहुंचा.

शनिवार को भी विभाग ने बाढ़ प्रभावितों का यही आंकड़ा बताया था और कहा था कि 8,362,451 लोग इस आपदा का दंश झेलने को मजबूर हुए हैं, वहीं 27 लोगों की मौत हो चुकी है.

जल संसाधन विभाग के अनुसार, पटना के गांधी घाट और हाथीदह तथा भागलपुर जिले के कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

बक्सर, दीघा, गांधी घाट, हाथीदह और कहलगांव में गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. राज्य में बागमती, बूढ़ी गंडक, घाघरा और खिरोई समेत अन्य प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

उत्तर बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है जिससे पश्चिम बंगाल में सोमवार से दक्षिणी हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.

दक्षिण 24 परगना जिले के तटीय इलाकों में कुछ नदियों के तटबंध भारी बारिश के कारण टूट गए और ऊंची लहरें उठने से खेतों में पानी भर गया.

मौसम विज्ञानियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों में सक्रिय मानसून और कम दबाव के क्षेत्र के कारण इलाके में बारिश होने का पूर्वानुमान है.

हालांकि मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जिसकी वजह से राज्य में इस महीने के आखिर तक बारिश फिर हो सकती है. ऐसा 27 से 29 अगस्त के बीच होने का अनुमान है.

उत्तर प्रदेश के एक हजार से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में

उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के एक हजार से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. सरकार का कहना है कि बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और कहीं भी चिंताजनक हालात नहीं हैं.

राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने रविवार को बताया कि इस समय प्रदेश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोंडा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, संतकबीरनगर और सीतापुर के 1,090 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी नदियों के तटबंध सुरक्षित हैं. बाढ़ के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है.

गोयल ने बताया कि शारदा नदी पलिया कलां (लखीमपुर खीरी) में, राप्ती नदी श्रावस्ती में, सरयू नदी एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या तथा तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

उन्होंने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 370 शरणालय तथा 784 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं.

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ और पीएसी की सात टीमें तैनाती की गई हैं. प्रभावित क्षेत्रों में 1033 नौकाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है.

गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदूषित जलजनित तथा मक्खी, मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिए जरूरी कार्यवाही की जाए.

इस बीच जालौन से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, माताटीला राजघाट बांध से पानी छोड़े जाने के कारण जिले की सीमा में बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है.

एक दिन में जलस्तर पांच मीटर बढ़ने से जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं. दूसरी ओर यमुना नदी का जलस्तर कालपी में भी बढ़ना शुरू हो गया है.

राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश

राजस्थान में पिछले 24 घंटे के दौरान कुछ हिस्सों में बहुत भारी और कुछ हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई. मध्य प्रदेश में भारी बारिश के बाद रविवार को राजस्थान के बारां और झालावाड़ जिलों में पार्वती तथा कालीसिंध नदियों में जलस्तर बढ़ गया है.

हालांकि मध्य प्रदेश में कुछ दिन के बाद रविवार को बारिश में कमी आई. कम दबाव का क्षेत्र यहां से राजस्थान की ओर बढ़ने के कारण अब उस राज्य में वर्षा हो रही है. रविवार को राजस्थान में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश दर्ज की गई है. भारी बारिश के कारण दोनों राज्यों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है.

मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटे के दौरान बांसवाड़ा के भूंगड़ा में 36 सेंटीमीटर, घाटोल में 30 सेंटीमीटर, केसरपुरा में 27 सेंटीमीटर, प्रतापगढ़ के पीपलखूंट में 27 सेंटीमीटर, बांसवाड़ा के जगपुरा में 26 सेंटीमीटर, सज्जनगढ़ में 20 सेंटीमीटर, लोहारिया में 19 सेंटीमीटर, गढ़ी में 18 सेंटीमीटर, झालावाड़ के डग में 17 सेंटीमीटर, बांसवाड़ा के बागीदौरा में 16 सेंटीमीटर और अन्य कई स्थानों पर 15 सेंटीमीटर से लेकर 6.6 सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की गई.

विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि रविवार सुबह से शाम तक डबोक (उदयपुर) में 63 मिलीमीटर, चित्तौड़गढ़ में 25 मिलीमीटर, कोटा में 8.7 मिलीमीटर, जयपुर में 0.8 मिलीमीटर, वनस्थली में 0.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.

उन्होंने बताया कि रविवार को राज्य के अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस से लेकर 39.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, राज्य के सभी प्रमुख स्थानों पर न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस से लेकर 29.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

विभाग ने आगामी 24 घंटे के दौरान सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर, जोधपुर जिलों में कहीं-कहीं पर मध्यम से तीव्र वज्रपात के साथ भारी/अत्यधिक भारी बारिश और बाड़मेर, जालौर जिलों में कहीं-कहीं पर अत्यधिक भारी बारिश होने के संभावना है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)