भारत में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन के दूसरे चरण का मानव परीक्षण शुरू

महाराष्ट्र के पुणे स्थित भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर दूसरे चरण का परीक्षण शुरू हुआ है. कोविड-19 और एंटीबॉडी परीक्षण की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद दो लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई है, उन पर निगरानी रखी जा रही है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

महाराष्ट्र के पुणे स्थित भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर दूसरे चरण का परीक्षण शुरू हुआ है. कोविड-19 और एंटीबॉडी परीक्षण की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद दो लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई है, उन पर निगरानी रखी जा रही है.

(फोटो: रॉयटर्स)
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नई दिल्ली: पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में विकसित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविड-19 वैक्सीन (टीका) का इंसानों पर दूसरे चरण का परीक्षण की प्रक्रिया बीते मंगलवार को शुरू हो गई. बुधवार को पुणे के भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इस टीके का इंसानों पर दूसरे चरण का परीक्षण शुरू हो गया.

अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो पुरुषों को वैक्सीन की खुराक दी गई गई. दिन में एक बजे ट्रायल शुरू हुआ.

समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजय लालवानी ने बताया, ‘एक 32 वर्षीय युवक का कोविड-19 और एंटीबॉडी परिक्षण निगेटिव आने के बाद उन्हें वैक्सीन की पहली खुराक दी गई.’

उन्होंने बताया कि 48 वर्षीय एक अन्य पुरुष को भी वैक्सीन की खुराक दी गई है. 32 वर्षीय युवक प्राइवेट जॉब में हैं और 48 वर्षीय व्यक्ति चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.

डॉ. लालवानी ने बताया, ‘पांच लोगों ने वैक्सीन के परीक्षण के लिए खुद का पंजीकरण कराया था. इन सभी लोगों का कोविड-19 और एंटीबॉडी टेस्ट कराया गया. इनमें से तीन की एंटीबॉडी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, इसलिए वे परीक्षण के अयोग्य हो गए.’

उन्होंने कहा कि दो लोग, जिन्हें वैक्सीन की खुराक दी गई है उनकी निगरानी की जा रही है. उनके मुताबिक, अगले सात दिनों में 25 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी.

समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में  उन्होंने बताया कि अस्पताल को 300 से 350 लोगों को को सूचीबद्ध करने का लक्ष्य दिया गया है. टीके की एक खुराक का परीक्षण करने के लिए चुने गए लोग 18 से 99 वर्ष की आयु के होंगे.

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा भारत में मानव पर परीक्षण के लिए चुने गए 17 संस्थानों में से एक है.

जिन अन्य अस्पतालों में परीक्षण किया जाना है, उनमें पुणे स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एम्स दिल्ली, पटना में राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, चंडीगढ़ में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, गोरखपुर में नेहरू अस्पताल और विशाखापट्टनम में आंध्र मेडिकल कॉलेज शामिल हैं.

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनका के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टिट्यूट द्वारा विकसित संभावित टीके के उत्पादन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यह वैक्सीन ‘कोविडशील्ड’ के नाम से लॉन्च किया जाएगा और इस टीके की तकरीबन एक अरब खुराक तैयार की जाएगी.

बीते तीन अगस्त को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने देश में वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का मानव परीक्षण करने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट को मंजूरी दी थी.

फेज-2 मानव परीक्षण के दौरान क्या होगा

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक फेज-2 और 3 में परीक्षणों के लिए कुल 1,600 लोगों को नामांकित किया जाएगा. दूसरे चरण में लगभग 100 प्रतिभागियों को विभिन्न जगहों पर टीका लगाया जाएगा. यह मुख्य रूप से टीका की सुरक्षा का आकलन करने के लिए है. यदि इसके कोई दुष्परिणाम दिखाई देते हैं तो उसे दर्ज किया जाएगा.

नामांकन के सात दिनों के भीतर टीके की खुराक दी जाएगी और एक सप्ताह के लिए सुरक्षा नियमों का पालन किया जाएगा. इसके बाद डेटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड परिणामों का आकलन करेगा, जिसके 10 दिनों के बाद अध्ययन के तीसरे चरण की शुरुआत होगी, जिसमें 1,500 परीक्षण प्रतिभागी शामिल होंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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