परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में नई इकाइयां बनाने पर रोक लगाई

यह रोक जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के चार राज्यों- असम, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश में निर्वाचन क्षेत्रों का फिर से गठन होने तक जारी रहेगी. यह रोक 15 जून से प्रभावी है.

श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर सचिवालय. (फोटो: पीटीआई)

यह रोक जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के चार राज्यों- असम, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश में निर्वाचन क्षेत्रों का फिर से गठन होने तक जारी रहेगी. यह रोक 15 जून से प्रभावी है.

Srinagar: Indian tricolour flag flies atop Civil Secretariat, in Srinagar, Oct. 31, 2019. Jammu and Kashmir on Thursday transitioned from a state into two union territories with a wary Valley shutting down as it has for 88 days and Prime Minister Narendra Modi saying the "new system" is aimed at "building a strong link of trust". (PTI Photo/S. Irfan)(PTI10_31_2019_000321B)
जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित सचिवालय. (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर और असम, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश में नई प्रशासनिक इकाइयों की स्थापना पर रोक लगा दी है.

यह रोक जम्मू कश्मीर और इन राज्यों में निर्वाचन क्षेत्रों का फिर से गठन होने तक जारी रहेगी. इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि यह रोक 15 जून से प्रभावी है.

बता दें कि एक प्रशासनिक इकाई में जिला या तहसील भी शामिल हो सकता है.

आयोग परिसीमन को अंतिम रूप दे रहा है और अगर कोई नई प्रशासनिक इकाई बनाई जाती है तो उसे भी निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा बनाना होगा.

अधिकारी ने बताया कि नयी प्रशासनिक इकाई के गठन से आयोग को फिर से उस क्षेत्र पर विचार करना होगा इसलिए उससे बचने के लिए आयोग ने यह रोक लगाई है.

आयोग चार पूर्वोत्तर राज्यों के लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करेगा.

इसके अलावा वह जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून के प्रावधानों के अनुसार जम्मू कश्मीर की विधानसभा सीटों को बढ़ाने पर काम करेगा.

बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था.

पांच अगस्त के फैसले में केंद्र सरकार ने लद्दाख को बिना विधानसभा का केंद्र शासित प्रदेश बनाया था, जबकि जम्मू कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान किया गया था.

हालांकि, अब जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने से पहले विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. राज्य में आखिरी बार निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन 1990 के दशक में किया गया था.

उल्लेखनीय है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 60 के तहत केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर की विधानसभा की सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 करनी है. इनमें से 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं. जम्मू कश्मीर में विधानसभा की सीटों की संख्या परिसीमन के बाद प्रभावी तौर पर 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी.

केंद्र सरकार ने इस साल छह मार्च को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरपी देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया था, जिसे केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करना है.

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस न्यायमूर्ति रंजना देसाई परिसीमन आयोग की प्रमुख हैं. चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू कश्मीर तथा चार राज्यों के प्रदेश निर्वाचन आयुक्त इसके पदेन सदस्य हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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