तबलीग़ी जमात के 630 विदेशी सदस्य देश छोड़कर गए, 1,095 लुकआउट नोटिस डिलीट: मंत्रालय

दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात सामने आने के बाद कई विदेशी नागरिकों पर लॉकडाउन और वीज़ा शर्तों के उल्लंघन के आरोप में मामले दर्ज किए गए थे.

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नई दिल्ली का निज़ामुद्दीन मरकज इलाका. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात सामने आने के बाद कई विदेशी नागरिकों पर लॉकडाउन और वीज़ा शर्तों के उल्लंघन के आरोप में मामले दर्ज किए गए थे.

नई दिल्ली का निज़ामुद्दीन मरकज इलाका. (फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली का निज़ामुद्दीन मरकज इलाका. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि तबलीगी जमात को लेकर जारी किए गए करीब 1,095 लुकआउट नोटिस डिलीट कर दिए गए हैं और जमात के 630 विदेशी सदस्य भारत से जा चुके हैं.

वीजा नियमों और महामारी संबंधी प्रतिबंधों के उल्लंघन के मामले में भारत में फंसे तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्रालय उन्हें राजनयिक पहुंच सुनिश्चित कराने, लुकआउट नोटिस हटाने और उनकी स्वदेश वापसी के लिए तत्परता से सुविधा उपलब्ध करा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘हमने पूरी प्रक्रिया के दौरान संबंधित विदेशी दूतावासों को इससे अवगत रखा.’ एक ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान श्रीवास्तव ने कहा, ‘24 अगस्त तक, 1,095 लुकआउट नोटिस डिलीट कर दिए गए और जमात के 630 विदेशी सदस्य भारत से चले गए.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, श्रीवास्तव ने कहा कि तबलीगी जमात के इन सदस्यों पर फॉरेनर्स एक्ट के तहत उन गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया गया जो उनके वीजा नियमों के अनुकूल नहीं थीं.  इस तरह की गतिविधियों के लिए वीज़ा की उपयुक्त श्रेणी होनी जानी चाहिए.

बता दें कि राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में शामिल हुए कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात सामने आने के बाद देश के कई हिस्सों मे तबलीगी जमात से जुड़े लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया था.

साथ ही कई विदेशी नागरिकों पर लॉकडाउन और वीज़ा शर्तों को उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.

दिल्ली पुलिस ने वीज़ा शर्तों के कथित उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों में क़रीब 955 विदेशियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की थी. हाल ही में साकेत अदालत ने इनमें से आठ को बरी किया और बाकी 36 पर से कई आरोप हटा दिए हैं.

इसके अलावा मुंबई की बांद्रा पुलिस ने मार्च में दिल्ली के निज़ामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात के सिलसिले में 12 इंडोनेशियाई नागरिकों के ख़िलाफ़ हत्या और हत्या के प्रयास के लिए दोषी होने के आरोपों को हटा कर दिया था.

इससे पहले 6 अगस्त को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जमात के जिन विदेशी सदस्यों पर भारत में मामला दर्ज हुआ है, वे अगर माफी मांग लेते हैं, तो उन्हें जाने दिया जा सकता है.

अदालत 34 विदेशियों की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा उन्हें तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के चलते ब्लैकलिस्ट करने के आदेश को चुनौती दी थी.

इससे पहले जुलाई में दिल्ली की एक अदालत ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 82 बांग्लादेशी नागरिकों को जमानत दी थी. एक अन्य स्थानीय अदालत ने इनके अलावा मलेशिया के 62 और सऊदी अरब के 11 नागरिकों को भी जुर्माना भरने के बाद रिहा किया था.

जून महीने में केंद्र सरकार ने तबलीग के 2,500 से अधिक सदस्यों को ब्लैकलिस्ट किया था और अगले दस सालों तक उनके देश में आने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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