एनआईए के पूर्व अधिकारी पर ग़ैर-क़ानूनी तरीके से कॉल डिटेल्स निकलवाने के आरोप में मामला दर्ज

मामला 2017-18 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पूर्व अधिकारी जलज श्रीवास्तव द्वारा निकलवाए गए कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड का है. आरोप है कि उनके द्वारा निकलवाई गई डिटेल्स एजेंसी द्वारा जांचे जा रहे किसी केस से संबंधित नहीं थीं. एजेंसी की शिकायत के आधार पर ही सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.

(फोटो: पीटीआई)

मामला 2017-18 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पूर्व अधिकारी जलज श्रीवास्तव द्वारा निकलवाए गए कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड का है. आरोप है कि उनके द्वारा निकलवाई गई डिटेल्स एजेंसी द्वारा जांचे जा रहे किसी केस से संबंधित नहीं थीं. एजेंसी की शिकायत के आधार पर ही सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.

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(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गैरकानूनी रूप से कथित तौर पर दो मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) निकलवाने के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक पूर्व अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप हैं कि जलज श्रीवास्तव ने एनआईए में एडिशनल एसपी के पद पर तैनाती के दौरान गलत तरीके से इन नंबरों की सीडीआर निकलवाई थी.

एनआईए की शिकायत के आधार पर ही सीबीआई ने मामला दर्ज किया है. उन्होंने साल 2017 से 2018 के बीच वोडाफोन के दो नंबरों की सीडीआर डिटेल कथित तौर पर निकलवाई थी जबकि ये नंबर एनआईए द्वारा जांच किए जा रहे किसी मामले से नहीं हुए नहीं थे.

सूत्रों का कहना है कि जैसे ही मामले को एनआईए के महानिदेशक वाईसी मोदी के संज्ञान में लाया गया, उन्होंने श्रीवास्तव को उनके मूल कैडर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) वापस भेजने के आदेश दे दिए.

बीएसएफ को उनके आचरण की सूचना भी दी गई, जिसके बाद सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद सीबीआई ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया.

अधिकारियों का कहना है कि कथित रूप से आईआरएस अधिकारी संसार चंद की पत्नी के कहने पर श्रीवास्तव ने नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई थीं.

दरअसल सीबीआई ने 2018 में कानपुर के तत्कालीन जीएसटी आयुक्त संसार चंद और उनकी पत्नी अविनाश कौर को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया था.

उन पर कानपुर के एक कारोबारी से कथित रूप से डेढ़ लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप था. अधिकारियों ने बताया कि संसार चंद और उनकी पत्नी दिल्ली के एंड्रयूजगंज स्थित हुडको प्लेस में श्रीवास्तव के पड़ोसी थे.

अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने कथित रूप से श्रीवास्तव से संपर्क कर सुदेश सैनी नाम के एक व्यक्ति के मोबाइल फोन नंबर का सीडीआर उपलब्ध कराने में मदद मांगी.

अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई की एक विशेष इकाई आरोपी दंपति की गतिविधियों पर नजर बनाए हुई थी.

उन्होंने अविनाश कौर और जलज श्रीवास्तव की फोन पर हुई बातचीत का पता लगने के बाद एनआईए को श्रीवास्तव की कथित गतिविधियों के बारे में सूचित किया.

अधिकारियों के अनुसार, एनआईए की आंतरिक जांच में पाया गया कि श्रीवास्तव ने कथित रूप से 2017 और 2018 में इन नंबरों के तीन बार कॉल रिकॉर्ड मांगे थे.

उन्होंने सीडीआर हासिल करने के लिए एक मामले में एनआईए की एक जांच का हवाला भी दिया था.

अधिकारियों का कहना है कि श्रीवास्तव ने कथित रूप से एक आईपीएस अधिकारी के स्टाफ को सीडीआर हासिल करने के लिए टेलीफोन सेवा प्रदाता कंपनी को ई-मेल भेजने को कहा था.

अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट से पता चलता है कि श्रीवास्तव ने कथित रूप से दो मोबाइल फोन नंबरों का सीडीआर जुटाकर कथित तौर पर उसे अविनाश कौर को भेजे थे.

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआई ने गृह मंत्रालय से श्रीवास्तव पर मामला दर्ज करने के लिए मंजूरी मांगी और मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)