जम्मू कश्मीरः पीडीपी नेताओं का घर से बाहर न निकलने देने का आरोप, पार्टी की बैठक रद्द

सरकार द्वारा नेताओं के नज़रबंद होने और उनके आने-जाने पर पाबंदी न होने के दावों के उलट पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी की एक बैठक इसलिए रद्द करनी पड़ी क्योंकि पुलिस ने पार्टी नेताओं को घर से निकलने नहीं दिया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह पीडीपी की पहली बैठक थी.

श्रीनगर स्थित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का मुख्यालय (फोटोः पीटीआई)

सरकार द्वारा नेताओं के नज़रबंद होने और उनके आने-जाने पर पाबंदी न होने के दावों के उलट पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी की एक बैठक इसलिए रद्द करनी पड़ी क्योंकि पुलिस ने पार्टी नेताओं को घर से निकलने नहीं दिया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह पीडीपी की पहली बैठक थी.

श्रीनगर स्थित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का मुख्यालय (फोटोः पीटीआई)
श्रीनगर स्थित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का मुख्यालय. (फोटोः पीटीआई)

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के नेताओं के नजरबंद न होने और उनके कहीं भी जाने पर पाबंदी न होने के सरकार के दावों के उलट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि उन्हें पार्टी की एक बैठक रद्द करनी पड़ी क्योंकि पुलिस ने उनके नेताओं को घर से बाहर जाने नहीं दिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बैठक श्रीनगर में पीडीपी के ऑफिस में होनी थी और पिछले साल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह पार्टी की पहली आधिकारिक बैठक थी.

पीडीपी के महासचिव गुलाम नबी लोन ने बताया, ‘हमने बैठक रद्द कर दी. नेताओं को उनके घरों से बाहर नहीं निकलने दिया गया. मुझे भी बाहर नहीं निकलने दिया गया.’

उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी ही एकमात्र पार्टी क्यों है, जिसे बैठक करने की मंजूरी नहीं दी जा रही? हमारे ही नेताओं को क्यों नजरबंद रखा गया? हमारी नेता महबूबा मुफ्ती पर ही पीएसए क्यों बढ़ाया गया? इससे लगता है कि सरकार हमसे डरती है.’

लोन के मुताबिक, पार्टी ने कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर, कश्मीर के आईजीपी श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर और श्रीनगर के एसएसपी सहित जम्मू कश्मीर प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिख उन्हें होने वाली इस बैठक के बारे में जानकारी दी थी.

कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर के पांडुरंग पोल ने बताया, ‘उनका पत्र सिर्फ जानकारी के लिए था. उन्होंने मंजूरी नहीं ली थी इसलिए नकारने का प्रश्न ही नहीं उठता. श्रीनगर के डीएम ने उनके पत्र को स्वीकृत कर लिया था और उन्हें कोरोना के मद्देनजर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भेजी थी.’

सूत्रों का कहना है कि प्रशासन ने पीडीपी के प्रवक्ता को भेजे ईमेल में उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य कार्यकारिणी समिति द्वारा जारी एसओपी को लेकर अधिसूचना के प्रावधानों का उल्लेख किया था.

ताजा दिशानिर्देशों में 21 सितंबर के बाद ही इस तरह की बैठकें करने को मंजूरी दी गई है.

पीडीपी के एक सितंबर को लिखे पत्र में कहा गया, ‘पीडीपी तीन सितंबर को सुबह 11 बजे श्रीनगर में पार्टी के मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर रही है. इसमें सिर्फ पार्टी के वरिष्ठ नेता ही हिस्सा ले रहे हैं इसलिए इसमें ज्यादा लोग नहीं होंगे. हम सुनिश्चित करेंगे कि बैठक के दौरान कोविड-19 के संदर्भ में सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.’

पीडीपी के प्रवक्ता सुहेल बुखारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें बुधवार रात को प्रशासन की तरफ से एक ईमेल मिला था.

बुखारी ने कहा, ‘लेकिन क्या सिर्फ महामारी संबंधी दिशानिर्देश सिर्फ पीडीपी पर लागू होते हैं? कश्मीर में अन्य राजनीतिक दलों की बैठकों के  बारे में क्या? अन्य जिलों में पीडीपी नेताओं को घर से बाहर निकलने नहीं देने के कारण क्या हैं?’

बीते दो हफ्ते में सरकार ने अपनी राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) सहित नेशनल कॉन्फ्रेंस की बैठकों को मंजूरी दी है जबकि भाजपा और केंद्र समर्थित जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी लगातार राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न रही है.

पोल ने अन्य पार्टियों की राजनीतिक गतिविधियों के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन वरिष्ठ प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सरकार पीडीपी द्वारा औपचारिक संगठन और राजनीतिक गतिविधियों को मंजूरी देने की इच्छुक नहीं है.

पीडीपी के मुताबिक, जिन नेताओं को बाहर निकलने की मंजूरी नहीं दी गई, उनमें पूर्व मंत्री रहमान वीरी और नईम अख्तर, वरिष्ठ नेता सरताज मदनी और पीरजादा मंसूद अहमद, पूर्व विधायक खुर्शीद आलम और एजाज अहमद मीर और युवा अध्यक्ष वही-उर-रहमान पारा हैं.

पीडीपी नेताओं ने बाद में कई वीडियो भी जारी किए, जिसमें कथित तौर पर दिखाई दे रहा है कि पुलिसकर्मी उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं दे रहे.

एक वीडियो में पुलिसकर्मियों को यह भी कहते सुना जा सकता है कि उन्हें (पुलिसकर्मियों) नेताओं को बाहर जाने देने की अनुमति नहीं है.

मदनी ने कहा, ‘हम सरकार से जवाब चाहते हैं. हमें किस कानून और किस अपराध के तहत हिरासत में रखा जा रहा है? जब अन्य राजनीतिक दलों को बैठक करने की मंजूरी है तो हमें क्यों रोका जा रहा है? यह लोकतंत्र नहीं है.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25