सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या और न बढ़ाने पर सहमत हुए भारत और चीन

सीनियर कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत के एक दिन बाद भारत और चीन ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे सीमा पर सैनिकों की और अधिक संख्या न बढ़ाने और ज़मीन पर स्थिति में एकतरफ़ा बदलाव करने से बचने पर सहमत हुए हैं.

/
भारत-चीन तनाव के बीच सैन्य सामग्री लेकर लद्दाख जाती सेना की गाड़ियां. (फोटो: पीटीआई)

सीनियर कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत के एक दिन बाद भारत और चीन ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे सीमा पर सैनिकों की और अधिक संख्या न बढ़ाने और ज़मीन पर स्थिति में एकतरफ़ा बदलाव करने से बचने पर सहमत हुए हैं.

भारत-चीन तनाव के बीच सैन्य सामग्री लेकर लद्दाख जाती सेना की गाड़ियां. (फोटो: पीटीआई)
भारत-चीन तनाव के बीच सैन्य सामग्री लेकर लद्दाख जातीं सेना की गाड़ियां. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सीनियर कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत के एक दिन बाद भारत और चीन ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे सीमा पर सैनिकों की और अधिक संख्या नहीं बढ़ाने और जमीन पर स्थिति में एकतरफा बदलाव से बचने पर सहमत हुए हैं.

सोमवार को भारतीय और चीनी कोर कमांडर वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी तरफ मोल्दो में मिले. रूस में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात और पांच सिद्धांतों पर सहमति बनने के बाद यह उनकी पहली बैठक थी. ऐसा माना जा रहा है ये पांच सिद्धांत ही पूर्वी लद्दाख में चल रही मौजूदा तनातनी के किसी समाधान की ओर ले जाएंगे.

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय सेना के लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे थे, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के शीर्ष सैन्य अधिकारी कर रहे थे. पहली बार विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव भी वार्ता में बैठे थे.

पहली बार ही बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस रिलीज भी जारी की गई. इससे पहले बैठक के बाद दोनों पक्ष प्रेस रिलीज जारी कर अपनी-अपनी बात रखते थे.

प्रेस रिलीज के अनुसार भारत और चीन निम्न बातों पर सहमत हुए हैं:

  • दोनों देशों के नेताओं द्वारा की गई महत्वपूर्ण सहमति को ईमानदारी से लागू करें
  • जमीन पर संचार को मजबूत करना
  • गलतफहमी और गलत फैसले से बचें
  • मोर्चे के लिए अधिक सैनिकों को भेजना बंद करना
  • जमीन पर स्थिति में एकतरफा बदलाव से बचना
  • ऐसी किसी भी कार्रवाई को करने से बचें जो स्थिति को जटिल कर सकती है.

इस बयान से ऐसा लगता है कि भारत और चीन अपने सीमावर्ती सैनिकों की टुकड़ी में और सैनिकों की तैनाती न करने पर सहमत हुए हैं.

संयुक्त बयान में उल्लेख किया गया है कि दोनों देश एकतरफा रूप से जमीन पर स्थिति को बदलने से बचना चाहते हैं लेकिन उसमें अप्रैल की यथास्थिति पर वापस लौटने का कोई उल्लेख नहीं है, जब चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में घुस आए.

अनुमानों के अनुसार, गलवान घाटी में तनातनी के बाद चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के इलाके में कम से कम 1,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है जिस पर भारत अपना दावा करता है. इसमें पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग और पैंगोंग त्सो झील के इलाके शामिल हैं.

मंगलवार शाम जारी इस संयुक्त बयान में पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में किसी समयावधि का कोई उल्लेख नहीं किया गया है.

विदेश मंत्रियों की बात के बाद जारी अलग प्रेस विज्ञप्ति में भारत ने कहा था कि सबसे पहले सभी संघर्षरत इलाकों में सैनिकों के व्यापक तौर पर पीछे हटने को सुनिश्चित करना है.

इस बीच दोनों पक्ष सीमा क्षेत्र में जमीन पर समस्याओं को ठीक से हल करने के लिए व्यावहारिक उपाय करने, संयुक्त रूप से शांति और शांति की रक्षा करने के लिए सैन्य कमांडरों की वार्ता के अगले दौर को जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए हैं.

बता दें कि भारतीय सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सामान्य गश्त के बिंदु से परे चीनी घुसपैठ का पता लगाए जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में मई की शुरुआत से ही भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई झड़पें हो चुकी हैं.

हाल में चल रही तनातनी के दौरान पहला संघर्ष गलवान घाटी में 5-6 मई की रात हुआ था. इसके बाद ‘फिंगर्स 4’ के पास 10-11 मई को पैंगोंगे त्सो झील के उत्तरी किनारे पर संघर्ष हुआ था.

चीन ने ‘फिंगर 4 तक एक पक्की सड़क और रक्षात्मक पोस्टों का निर्माण किया था. भारतीय सैनिक पहले नियमित तौर पर ‘फिंगर 8’ तक गश्त करते थे, लेकिन चीन द्वारा किए गए ताजा अतिक्रमण के बाद भारतीय सैनिकों की गश्ती ‘फिंगर 4’ तक सीमित हो गई है.

भारत दावा करता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा ‘फिंगर 8’ से होकर गुजरती है, जबकि चीन की दावा है कि यह ‘फिंगर 2’ पर स्थित है.

सबसे गंभीर झड़प 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई थी, जब एक हिंसक लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने अपनी तरफ भी हताहतों की संख्या को स्वीकार की है, लेकिन किसी भी संख्या का खुलासा नहीं किया था.

गलवान घाटी में हिंसक झड़प के ढाई महीने बाद बीते 29 अगस्त की रात पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे पर स्थित ठाकुंग में एक बार फिर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध देखने को मिला था.

भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा था कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 29-30 अगस्त की रात को यथास्थिति को बदलने के लिए उकसाने वाली सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया था.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25