केरल: अस्पतालों ने कथित तौर पर गर्भवती को भर्ती करने से मना किया, जुड़वा शिशुओं की मौत

मामला उत्तर केरल के मलप्पुरम ज़िले का है. 20 वर्षीय गर्भवती महिला को तीन अस्पतालों ने कथित तौर पर भर्ती करने से मना कर दिया था. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को इसकी जांच का निर्देश दिया है.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मामला उत्तर केरल के मलप्पुरम ज़िले का है. 20 वर्षीय गर्भवती महिला को तीन अस्पतालों ने कथित तौर पर भर्ती करने से मना कर दिया था. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को इसकी जांच का निर्देश दिया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

कोझीकोड: उत्तर केरल के कई अस्पतालों ने कथित तौर पर प्रसव पीड़ा से गुजर रही गर्भवती महिला को कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए समय पर चिकित्सा उपलब्ध नहीं कराई, जिससे महिला के जुड़वा नवजात शिशुओं की मौत हो गई.

राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को इसकी उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया.

मलप्पुरम जिले के कोंडोट्टी की रहने वाली 20 साल की एक महिला को शनिवार (26 सितंबर) तड़के प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद तीन अस्पतालों में ले जाया गया. इन अस्पतालों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए कथित तौर पर समय पर इलाज उपलब्ध नहीं कराया.

अंत में उन्हें शनिवार शाम को गंभीर हालत में यहां के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार को उनके जुड़वा बच्चों की मौत हो गई.

सूत्रों ने बताया कि महिला की हालत गंभीर बनी हुई है, जिसका इलाज सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में किया जा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, महिला के पति मोहम्मद शरीफ ने बताया कि कोविड-19 की आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट नहीं होने के कारण उनकी पत्नी को अस्पतालों ने भर्ती करने से इनकार कर दिया. हालांकि उनके पास एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट थी, जो निगेटिव थी.

शरीफ ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में उनकी गर्भवती पत्नी शहला थासनी का मलप्पुरम के मंजेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटीजन परीक्षण कराया गया था, जो निगेटिव आया था.

उनके अनुसार, डिलिवरी का समय करीब होने की वजह से गुरुवार को एक स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जाया गया लेकिन अस्पताल ने भर्ती करने इनकार कर दिया.

रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को शहला को प्रसव पीड़ा महसूस होने के बाद शरीफ ने उन्हें मंजरी अस्पताल ले गए, जहां स्टाफ ने कथित तौर पर उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया. स्टाफ ने उनसे कहा कि वह अस्पताल कोविड-19 मरीजों के लिए समर्पित है इसलिए उन्हें भर्ती नहीं किया जा सकता.

शरीफ ने कहा, ‘हमें कोझीकोड के सरकारी महिला और बच्चों के अस्पताल में ले जाने के लिए कहा गया. उसके बाद कोझीकोड मेडिकल कॉलेज ले गए. वहां उस समय स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं थे, इसलिए वहां के कर्मचारियों ने हमें सलाह दी कि निजी अस्पताल में प्रवेश लेना बेहतर होगा, क्योंकि मेडिकल कॉलेज में भीड़ होगी.

शरीफ ने बताया कि उन्होंने कोझीकोड से 30 किलोमीटर दूर एक निजी अस्पताल को फोन किया, लेकिन अस्पताल ने कहा कि भर्ती करने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट का प्रमाण-पत्र आवश्यक है.

आखिर में उन्हें केएमसीटी निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल गए, जहां एंटीजन टेस्ट कराने के बाद उन्हें भर्ती कराया गया. लेकिन तब तक उसकी हालत गंभीर हो गई थी और डॉक्टरों ने शहला को कोझीकोड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. जब तक शहला वहां पहुंची, तब तक उन्हें प्रसव पीड़ा से जूझते 14 घंटे से ज्यादा हो चुके थे.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने घटना को बहुत दर्दनाक बताते हुए प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को जांच करने और उसकी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

शैलजा ने कहा, ‘ऐसा नहीं होना चाहिए था. सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.’

बता दें अस्पतालों गर्भवती महिलाओं को भर्ती न करने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी घटनाओं की खबरें आती रही हैं.

बीते जुलाई महीने में कर्नाटक के बेंगलुरु में तीन अस्पतालों ने एक गर्भवती महिला को कथित तौर भर्ती करने से इनकार कर दिया था. बाद में महिला ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया और बच्चे की मौत हो गई थी.

मई महीने में उत्तर प्रदेश में दो गर्भवती महिलाओं को इलाज न मिलने पर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा था. एक घटना में नोएडा में नौ महीने की गर्भवती महिला के इलाज के लिए परिवार वालों को 13 घंटे तक अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़े थे. पर इलाज न मिलने पर एंबुलेंस में ही महिला की मौत हो गई थी.  वहीं एक अन्य मामले में गर्भवती महिला ने समय पर इलाज न मिलने पर अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर मृत बच्चे को जन्म दिया था.

उत्तर प्रदेश के ही ग़ाज़ियाबाद में एक अन्य घटना में 13 घंटे तक आठ अस्पतालों द्वारा भर्ती से कथित तौर पर इनकार के बाद गर्भवती महिला की मौत हो गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq