महाराष्ट्र: भीमा-कोरेगांव जांच आयोग का कार्यकाल सातवें और अंतिम बार बढ़ाया गया

साल 2018 में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर हिंसा की घटनाओं की जांच करने के लिए महाराष्ट्र की तत्कालीन देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस जेएन पटेल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था.

भीमा-कोरेगांव में बना विजय स्तंभ. भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने जीत दर्ज की थी. इसकी याद में कंपनी ने विजय स्तंभ का निर्माण कराया था, जो दलितों का प्रतीक बन गया. कुछ विचारक और चिंतक इस लड़ाई को पिछड़ी जातियों के उस समय की उच्च जातियों पर जीत के रूप में देखते हैं. हर साल 1 जनवरी को हजारों दलित लोग श्रद्धाजंलि देने यहां आते हैं. (फोटो साभार: विकीपीडिया)

साल 2018 में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर हिंसा की घटनाओं की जांच करने के लिए महाराष्ट्र की तत्कालीन देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस जेएन पटेल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था.

भीमा-कोरेगांव में बना विजय स्तंभ. भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने जीत दर्ज की थी. इसकी याद में कंपनी ने विजय स्तंभ का निर्माण कराया था, जो दलितों का प्रतीक बन गया. कुछ विचारक और चिंतक इस लड़ाई को पिछड़ी जातियों के उस समय की उच्च जातियों पर जीत के रूप में देखते हैं. हर साल 1 जनवरी को हजारों दलित लोग श्रद्धाजंलि देने यहां आते हैं. (फोटो साभार: विकीपीडिया)
भीमा-कोरेगांव में बना विजय स्तंभ. भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने जीत दर्ज की थी. इसकी याद में कंपनी ने विजय स्तंभ का निर्माण कराया था, जो दलितों का प्रतीक बन गया. कुछ विचारक और चिंतक इस लड़ाई को पिछड़ी जातियों के उस समय की उच्च जातियों पर जीत के रूप में देखते हैं. हर साल 1 जनवरी को हजारों दलित लोग श्रद्धाजंलि देने यहां आते हैं. (फोटो साभार: विकीपीडिया)

पुणे: साल 2018 में महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की जांच कर रहे आयोग को राज्य सरकार ने मंगलवार को 31 दिसंबर तक के लिए सातवें और अंतिम समयसीमा विस्तार की मंजूरी दे दी.

एक जनवरी, 2018 को भीमा-कोरेगांव में भड़की हिंसा के कारणों को जानने के लिए गठित इस आयोग से 31 दिसंबर तक सरकार को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. आयोग के सदस्यों ने कोविड-19 महामारी को देखते किसी बड़ी जगह पर सुनवाई आयोजित करने की मांग की है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जांच आयोग के सचिव वीवी पाल्नित्कर ने कहा, ‘आयोग के कार्यकाल को पहले स्थगित कर दिया गया था लेकिन महामारी अभी भी है. मुंबई और पुणे में जिन जगहों पर आयोग अपनी सुनवाई कर रहा था वे छोटे और भीड़भाड़ वाले हैं. न केवल हमारे कर्मचारी बल्कि आयोग के समक्ष उपस्थित होने वाले कुछ वकील और गवाह भी अधिक उम्र के हैं और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमने 7 जुलाई को सरकार को एक पत्र सौंपा था, जिसमें सुनवाई के लिए एक बड़ी जगह की मांग की गई थी, जहां कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी को बनाए रखना और आवश्यक सावधानी बरतना संभव होगा. हमने इस उद्देश्य के लिए मुंबई में सह्याद्री गेस्ट हाउस के सभागार का सुझाव दिया था. जगह के संबंध में एक औपचारिक निर्णय लंबित है. इसलिए, हमने अभी सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित नहीं की है.’

पाल्नित्कर ने कहा, ‘हमने सरकार को फिर से लिखा है कि वर्तमान कोविड-19 स्थिति को देखते हुए या तो तारीखों को स्थगित कर दिया जाए या सुनवाई के संचालन के लिए एक विशाल स्थान जैसी उचित व्यवस्था की जाए, जहां कर्मचारियों के लिए सुरक्षित यात्रा और निवास की सुविधा की जाए.’

भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर हिंसा की घटनाओं के सटीक अनुक्रम की जांच करने के लिए 9 फरवरी, 2018 को तत्कालीन देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस जेएन पटेल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था.

आयोग को शुरू में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए चार महीने का समय दिया गया था, लेकिन इसका कार्यकाल बार-बार बढ़ाना पड़ा ताकि वह अपना काम पूरा कर सके.

अब तक इसे तीन बार चार महीनों का विस्तार, एक बार तीन महीने का विस्तार, एक बार छह महीने का विस्तार और छठीं बार 8 फरवरी, 2020 से 8 अप्रैल, 2020 तक दो महीने का विस्तार दिया गया था.

30 मार्च से 4 अप्रैल के बीच आयोग के समक्ष वरिष्ठ अधिकारियों और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की सुनवाई होनी थी. लेकिन कोविड-19 के प्रकोप के कारण आयोग ने सुनवाई को अगले नोटिस तक के लिए टाल दिया था.

इस बीच सरकार द्वारा आयोग को प्रदान किए गए विस्तार की अवधि 8 अप्रैल को समाप्त हो गई. आयोग ने तब कम से कम छह महीने के और विस्तार की मांग करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य पुलिस और राजस्व अधिकारियों सहित लगभग 40 से 50 और गवाहों के साथ ही कुछ प्रमुख राजनीतिक नेताओं की जांच करना था.

आयोग के वकील आशीष सतपुते ने कहा, ‘अभी तक आयोग के समक्ष 25 गवाह पेश हुए हैं जिसमें 25 का परीक्षण पूरा हो गया है.’

मालूम हो कि एक जनवरी 2018 को वर्ष 1818 में हुई कोरेगांव-भीमा की लड़ाई को 200 साल पूरे हुए थे. इस दिन पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में दलित समुदाय के लोग पेशवा की सेना पर ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की जीत का जश्न मनाते हैं.

2018 में इस दिन दलित संगठनों ने एक जुलूस निकाला था, जिस दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. पुलिस का आरोप है कि 31 दिसंबर 2017 को हुए एल्गार परिषद सम्मेलन में भड़काऊ भाषणों और बयानों के कारण भीमा-कोरेगांव गांव में एक जनवरी को हिंसा भड़की.

अगस्त 2018 को महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने माओवादियों से कथित संबंधों को लेकर पांच कार्यकर्ताओं- कवि वरवरा राव, अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोंजाल्विस को गिरफ़्तार किया था.

महाराष्ट्र पुलिस का आरोप है कि इस सम्मेलन के कुछ समर्थकों के माओवादी से संबंध हैं. इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने जून 2018 में एल्गार परिषद के कार्यक्रम से माओवादियों के कथित संबंधों की जांच करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन और महेश राउत को गिरफ्तार किया था.

केंद्र ने 24 जनवरी को इस मामले को पुणे पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपी थी. ज्ञात हो कि इससे पहले राज्य की नयी सरकार ने संकेत दिए थे कि यदि पुणे पुलिस आरोपों को साबित करने में विफल रही तो मामला एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपा जा सकता है.

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पिछली भाजपा सरकार ने आरोपियों को फंसाने की साजिश रची थी इसलिए राज्य और पुलिस द्वारा सत्ता के घोर दुरुपयोग के कारण मामले की समीक्षा आवश्यकता है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq