उत्तर प्रदेशः दलित बुज़ुर्ग से मारपीट, पेशाब पीने को मजबूर किया

घटना ललितपुर के एक गांव में हुई, जहां पीड़ित वृद्ध ने उनके बेटे पर हमला करने के आरोप में एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई थी. उनका कहना है कि इसे वापस लेने का दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया. वहीं तमिलनाडु में भी मामूली विवाद में एक दलित व्यक्ति का उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है.

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पीड़ित दलित शख्स (फोटोः एएनआई)

घटना ललितपुर के एक गांव में हुई, जहां पीड़ित वृद्ध ने उनके बेटे पर हमला करने के आरोप में एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई थी. उनका कहना है कि इसे वापस लेने का दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया. वहीं तमिलनाडु में भी मामूली विवाद में एक दलित व्यक्ति का उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है.

पीड़ित दलित शख्स (फोटोः एएनआई)
पीड़ित दलित शख्स (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के ललितपुर में 65 साल के दलित शख्स के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई और उसे जबरन पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना ललितपुर के रोडा गांव में हुई. आरोप है कि सोनू यादव नाम के शख्स ने कथित तौर पर पीड़ित अमर के बेटे पर कुछ दिनों पहले कुल्हाड़ी से हमला किया था.

पिता और बेटे के पुलिस में शिकायत करने के बाद आरोपी सोनू ने कथित तौर पर उन्हें मामला सुलझाने और अपनी शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया.

इसके बाद आरोपी ने मंगलवार को कथित तौर पर पिता अमर को पेशाब पीने के लिए मजबूर किया.

अमर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘जब मैंने इनकार किया तो उसने मुझ पर डंडे से हमला किया. उसने कुछ दिन पहले कुल्हाड़ी से मेरे बेटे पर भी हमला किया था, जिसकी हमने पुलिस में शिकायत भी की थी लेकिन उसने हमें मामला वापस लेने के लिए मजबूर किया था.’

ललितपुर के एसपी मिर्जा मंजर बेग ने कहा कि एफआईआर दर्ज की गई है और आरोपी की तलाश जारी है.

उन्होंने कहा, ‘कुछ प्रभावशाली लोगों ने रोडा गांव में कुछ ग्रामीणों की पिटाई की. पुलिस ने सूचना मिलने पर एफआईआर दर्ज की. मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और इस मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जारी है. हम किसी तरह की गुंडई बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

तमिलनाडु में पशु विवाद में दलित का उत्पीड़न

तमिलनाडु की कायाथार पुलिस ने कथित तौर पर एक दलित शख्स के उत्पीड़न के लिए सात लोगों को गिरफ्तार किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित की एक बकरी आरोपियों की बकरियों के झुंड में मिलने की वजह से उसे आरोपियों के पैरों में बार-बार झुकने को मजबूर किया गया.

थूतूकुडी जिले के ओलिककुलम शहर में रहने वाले पीड़ित पॉलराज (55) ने इस घटना का वीडियो आरोपियों द्वारा बनाए जाने और उसे सोशल मीडिया पर साझा करने के बाद पुलिस में शिकायत की.

तूथूकुडी के एसपी जयकुमार ने कहा, ‘यह घटना आठ अक्टूबर को हुई. पॉलराज ने 11 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई और हमने तुंरत एससी/एसटी अधिनियम की आठ धाराओं के तहत सात सदस्यों पर मामला दर्ज किया. सभी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया.’

पॉलराज ने अपनी शिकायत मे कहा कि बकरी के एक बच्चे को लेकर हुए विवाद के बाद आरोपी शिवासुंगु (60) ने उन्हें अपने पैरों पर बार-बार झुकने के लिए मजबूर किया.

पुलिस का कहना है कि पॉलराज को अपमानित करने में आरोपी के परिवार के सदस्यों सांकिलपंडी (19), उदयमाला (33), पेरियामारी (47), वीरैया (32), महेंद्रन (20) और महाराजन (24) ने भी मदद की.

बता दें कि पीड़ित और आरोपी का कुछ महीने पहले भी कथित तौर पर उस समय विवाद हुआ था, जब शिवासुंगु की बकरियां चोरी हो गई थीं और आरोपी को संदेह था कि पॉलराज ने बकरियां चोरी की हैं.

वहीं, सांसद थोल थिरुमावलवन का कहना है कि इस तरह की घृणित घटनाएं सिर्फ उत्तर भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि तमिलनाडु में भी होती हैं.

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