असम-मिज़ोरम सीमा संघर्ष: अधिकारियों के बीच बातचीत हुई, लोगों के बीच विश्वास बहाली पर ज़ोर

बीते 17 अक्टूबर को असम-मिज़ोरम सीमा पर ग्रामीणों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. भीड़ ने क़रीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी थी.

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असम और मिजोरम के अधिकारियों बीच बैठक. (फोटो: एएनआई)

बीते 17 अक्टूबर को असम-मिज़ोरम सीमा पर ग्रामीणों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. भीड़ ने क़रीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी थी.

असम और मिजोरम के अधिकारियों बीच बैठक. (फोटो: एएनआई)
असम और मिजोरम के अधिकारियों बीच बैठक. (फोटो: एएनआई)

सिलचर/करीमगंज/आइजोल: असम और मिजोरम सीमा पर स्थिति दोनों तरफ के दो गांवों के लोगों के बीच बीते 17 अक्टूबर की शाम हुई हिंसक झपड़ के बाद दोनों राज्यों के अधिकारियों ने कछार जिले (असम) के लैलापुर में सोमवार को बातचीत की. इस हिंसक संघर्ष में कई लोग जख्मी हो गए थे.

मंगलवार को असम के सूचना एवं जन संपर्क निदेशालय ने बताया कि हिंसा के बाद बीते सोमवार को विश्वास बहाली के क्रम में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने कछार जिले में आपस में बातचीत की.

अधिकारियों ने बताया कि कछार के पुलिस अधीक्षक भंवरलाल मीणा ने बातचीत में असम के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि मिजोरम के दल की अगुवाई कोलासिब के पुलिस प्रमुख वनलालफाका राल्ते ने की.

असम सरकार ने एक बयान में बताया है कि दोनों पक्षों ने अंतरराज्यीय सीमा पर शांति सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है.

अधिकारियों ने सीमा पर शांति कायम करने के लिए विश्वास बहाली के कदम उठाने का फैसला किया. इसके अलावा फंसे हुए ट्रकों की आवाजाही और उन्हें एक जगह से दूसरी जगह तक सुरक्षा देने के लिए कदम उठाने का भी फैसला किया.

असम सरकार के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार देर शाम तक ट्रकों की आवाजाही सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए कोशिश जारी थीं.

मिजोरम में गृह विभाग में अतिरिक्त सचिव रामदिनलियानी ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव लालनुमाविया चुऔंगो ने सेंट्रल मिजो एसोसिएशन (सीवाईएमए) और छात्र संगठनों के साथ दोपहर में बैठक की थी और उनसे कहा था कि वे राज्य के बाहर से आने वाले ट्रकों और उनके चालकों की सुरक्षा का आश्वासन दें.

इसके बाद सीवाईएमए और अन्य छात्र संगठनों एमजेडपी और एमएसयू ने एक बयान जारी कर ट्रक चालकों को मिजोरम में सुरक्षा का आश्वासन दिया.

अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.

बता दें कि बीते 17 अक्टबूर को असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें चार लोग घायल हो गए थे और भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी थी.

कोलासिब जिले के पुलिस उपायुक्त एच. लल्थलंगलियाना ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि कुछ साल पहले असम और मिजोरम की सरकारों के बीच हुए समझौते के अनुसार, सीमा क्षेत्र स्थित नो मैंस लैंड में यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए. हालांकि लैलापुर गांव के लोगों ने इसके खिलाफ जाकर कथित तौर पर कुछ अस्थायी झोपड़ियां का निर्माण किया है. मिजोरम के लोग ने इन झोपड़ियों में आग लगा दी.

केंद्र ने दोनों राज्यों से शांति बहाल करने को कहा

असम-मिजोरम सीमा पर संघर्ष के बाद अत्यधिक तनाव को लेकर केंद्र ने सोमवार को दोनों राज्यों की सरकारों से मिलकर सीमा विवाद को सुलझाने और शांति बहाल करने को कहा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की और हिंसा प्रभावित क्षेत्र में शांति लाने के लिए काम करने पर सहमति जताई.

सोनोवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बात कर स्थिति की जानकारी दी और असम-मिजोरम सीमा पर शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया.

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने राज्य सरकारों से सामान्य स्थिति बहाल करने और अपने सभी मुद्दों का समाधान करने को कहा. साथ ही भल्ला ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की.

प्रधानमंत्री ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से अंतर-राज्यीय सीमा पर हालात में सुधार के लिए उचित कदम उठाने को कहा. इससे पहले सोनोवाल ने गृहमंत्री से भी बात कर हालात से अवगत कराया था.

अमित शाह ने सोनोवाल को प्रभावित क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया.

इस बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने एक ट्वीट में सीमा पर शांति बहाली के लिए मुख्यमंत्री सोनोवाल के प्रयासों का स्वागत किया और कहा कि उनके हस्तक्षेप से क्षेत्र में शांति आएगी और राज्यों के बीच संबंध मजबूत होंगे.

केंद्रीय उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्र में शांति बहाली के लिए दोनों मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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