‘हे राम’ से ‘जय श्री राम’ हो गए नीतीश कुमार: तेजस्वी यादव

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीता विश्वास मत. कहा, धर्मनिरपेक्षता का पाठ मुझे न पढ़ाएं. भाजपा के साथ जाने का फैसला जनता के पक्ष में लिया.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव. (फोटो: पीटीआई)

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीता विश्वास मत. कहा, धर्मनिरपेक्षता का पाठ मुझे न पढ़ाएं. भाजपा के साथ जाने का फैसला जनता के पक्ष में लिया.

Nitish Tejashwi PTI
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव. (फोटो: पीटीआई)

पटना: बिहार विधानसभा में शुक्रवार को विश्वास मत के दौरान पूर्व उप मुख्यमंत्री और लालू यादव के बेटे तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है.

विधानसभा में तेजस्वी यादव ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को धोखा दिया है. हिम्मत थी तो मुझे बर्खास्त करते. वह हे राम से जय श्री राम हो गए हैं.’

इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक तेजस्वी ने कहा, बिहार के लोगों ने बहुत दुख झेला है. हमारे पास 80 विधायक हैं और नीतीश जी जानते थे कि वे हमें बर्खास्त नहीं कर सकते थे.

उन्होंने कहा कि जहां तक छवि की बात है नीतीश कुमार जानते हैं कि उनका आधार कितना है. वह किस विचारधारा और कौन सी नैतिकता की बात कर रहे हैं, इस बारे में जनता जानना चाहती है.

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, जिस तरह से नीतीश ने अचानक इस्तीफा दिया उससे साफ पता चलता था कि जो कुछ भी हुआ वह पहले से तय था.

अपने इस्तीफे पर तेजस्वी ने कहा, नीतीश जी ने कभी मुझसे इस्तीफा नहीं मांगा. मैं भी यही सोच रहा था कि वह मेरा इस्तीफा लेना नहीं चाहते.

भाजपा और पार्टी के साथ हाथ मिलाने पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी ने कहा, नीतीश जी आपको शर्म नहीं आई सुशील मोदी के साथ हाथ मिलाते हुए. पहले भाजपा ने बिहार की बोली लगाई थी और इस बार मुख्यमंत्री की बोली लगाई है.

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के कुछ नेताओं के ख़िलाफ़ गंभीर मामले दर्ज हैं. नीतीश जी क्या आप कभी उन लोगों को इस्तीफा देने के लिए कहेंगे. मेरा मानना है कि भाजपा के साथ जो सरकार बनाई गई है, वह लोकतंत्र की हत्या है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तेजस्वी के हमले पर पलटवार करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘मुझे धर्मनिरपेक्षता का पाठ न पढ़ाएं. हमको सेकुलरिज़्म का पाठ इस देश का कोई नेता नहीं पढ़ा सकता है.आज धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं. भागलपुर में दंगा हुआ तो फाइनल रिपोर्ट तैयार हो गई थी. हमने फिर से केस खुलवाया. मुआवज़े की राशि बढ़ाई.’

मुख्यमंत्री ने कहा, धर्मनिपेक्षता का इस्तेमाल भ्रष्टाचार को न्यायसंगत साबित करने के लिए नहीं होना चाहिए. मैं उन लोगों का समर्थन नहीं कर सकता जो गलत तरीके से पैसे बनाते हैं.

नीतीश ने कहा, सरकार आगे चलेगी. बिहार की ख़िदमत करेगी. भ्रष्टाचार और अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमने जो भी फैसला किया, बिहार के विकास के लिए लिया.

नीतीश सरकार ने विश्वास मत जीता

नीतीश कुमार सरकार ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में बेहद अहम विश्वास मत जीत लिया.

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि जदयू, भाजपा और अन्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में 131 मत पड़े और विपक्ष में 108 मत पड़े.

विश्वास मत की प्रक्रिया मत विभाजन के ज़रिये पूरी हुई.

पहले राजग ने राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन की सूची दी थी. इसमें जदयू के 71, भाजपा के 53, रालोसपा के दो, लोजपा के दो, जीतनराम मांझी की पार्टी हम का एक और तीन निर्दलीय थे.

बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों में राजद के 80 विधायक, कांग्रेस के 27 विधायक और भाकपा माले के तीन विधायक हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा और एएनआई के इनपुट के साथ)

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