उत्तराखंडः सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट की अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कथित रूप से किराये का भुगतान न करने के मामले में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट की अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने पिछले साल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाज़ार मूल्य पर सरकारी बंगलों का किराया देने का आदेश दिया था.

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The Union Minister for Human Resource Development, Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank addressing at the inauguration of the first World Youth Conference on Kindness, in New Delhi on August 23, 2019.
रमेश पोखरियाल निशंक (फोटो साभारः पीबीआई)

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कथित रूप से किराये का भुगतान न करने के मामले में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट की अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने पिछले साल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाज़ार मूल्य पर सरकारी बंगलों का किराया देने का आदेश दिया था.

The Union Minister for Human Resource Development, Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank addressing at the inauguration of the first World Youth Conference on Kindness, in New Delhi on August 23, 2019.
रमेश पोखरियाल निशंक (फोटो साभारः पीआईबी)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कथित रूप से किराये का भुगतान न करने के मामले में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट की अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई में पीठ ने रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा दायर याचिका पर अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को जितने भी समय वह सरकारी आवास में रहे, उस अवधि का बाजार दर से किराया देने का आदेश दिया था.

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में 2001 से सभी सरकारी आदेशों को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया था.

उत्तराखंड हाईकोर्ट के इस आदेश को निशंक ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अदालत ने राज्य द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सभी सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, पेट्रोल, तेल और अन्य का बकाया चार सप्ताह के भीतर जमा करने का आदेश दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल के इस आदेश के बाद एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने इस आदेश का कथित तौर पर पालन नहीं करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

इसके बाद इस साल अगस्त में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा पद पर रहते उपयोग की गई सुविधाओं का बकाया चुकाने के आदेश का पालन नहीं करने को लेकर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और राज्य के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

इन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों में रमेश पोखरियाल निशंक और भगत सिंह कोश्यारी हैं. कोश्यारी फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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