लखनऊ पहुंचे अमित शाह, सपा के दो और बसपा के एक एमएलसी ने दिया इस्तीफा

शिया नेता बुक्कल नवाब व यशवंत सिंह ने समाजवादी पार्टी और ठाकुर जयवीर सिंह ने बसपा छोड़ी. इनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं.

शिया नेता बुक्कल नवाब व यशवंत सिंह ने समाजवादी पार्टी और ठाकुर जयवीर सिंह ने बसपा छोड़ी. इनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं.

Amit Shah Lucknow Facebook
लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह. (फोटो साभार: फेसबुक/अमित शाह)

लखनऊ: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के शनिवार को लखनऊ पहुंचने के साथ समाजवादी पार्टी के दो और बहुजन समाज पार्टी के एक एमएलसी ने अपनी-अपनी पार्टियों से इस्तीफा दे दिया.

अटकलें हैं कि ये तीनों विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं. इनके अलावा सपा के एक अन्य एमएलसी के इस्तीफा देने की बात लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में उड़ी हुई है. ये सपा के मधुकर जेटली हैं.

सपा से इस्तीफा देने वाले एमएलसी बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह हैं. बुक्कल नवाल शिया समुदाय के जाने-माने नेता हैं. दोनों ने सपा पर आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा दिया है.

बुक्कल नवाब ने इस्तीफे के बाद कहा, पार्टी में पिछले एक साल से घुटन महसूस हो रही थी. इस सपा से पार्टी का नाम हटाकर समाजवादी अखाड़ा कर देना चाहिए. अगर बुलाया गया तो वह भाजपा नेतृत्व से मिलने को तैयार हैं.

बुक्कल नवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की. वह राष्ट्रीय शिया समाज नाम के संगठन के संस्थापक भी हैं.

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सपा से इस्तीफा देने वाले शिया नेता बुक्कल नवाब. (फोटो साभार: एएनआई)

विधान परिषद सदस्य रमेश यादव ने बताया कि सपा नेता बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह व बसपा के ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे मंज़ूर कर लिए गए हैं.

सपा, बसपा और कांग्रेस ने हालांकि इन इस्तीफों के लिए सत्ताधारी भाजपा को दोषी ठहराते हुए निंदा की है.

सपा अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वह हाल ही में ईद पर बुक्कल नवाब से मिले थे और उन्हें इस बात पर हैरत है कि अचानक उनका बुक्कल हृदय परिवर्तन क्यों हो गया.

उन्होंने कहा कि बिहार में बड़े पैमाने पर राजनीतिक भ्रष्टाचार के बाद अब लगता है कि उत्तर प्रदेश में भी वैसा ही होगा. जनता देख रही है कि क्या हो रहा है. जिन्हें जाना है, जाएंगे. उन्हें रोका नहीं जा सकता.

उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, मणिपुर, गोवा, बिहार और फिर गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश का ताजा राजनीतिक घटनाक्रम इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र का भविष्य खतरे में डाल दिया है.

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के गैर-भाजपा विधायकों को, जिसमें सपा के दो एमएलसी और बसपा का एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह आदि को भी भाजपा सरकार के आगे अपने घुटने टेकने के बजाय, भाजपा सरकार के शोषण व आतंक से हर प्रकार से मुकाबला करना चाहिए था और उनके आगे अपने हथियार कतई भी नहीं डालने चाहिए थे.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एमएलसी दीपक सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्री विधानसभा के लिए चुनकर नहीं आ पाएंगे इसलिए वे विधान परिषद में विपक्ष के सदस्यों को इस्तीफे के लिए बाध्य कर रहे हैं. इसके लिए वे विपक्षी सदस्यों को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की धमकी दे रहे हैं.

बसपा से इस्तीफा देने वाले ठाकुर एमएलसी जयवीर सिंह हैं. जयवीर सिंह ने आरोप लगाया कि बसपा पथ से भटक गई है इसलिए उन्होंने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आज राजधानी पहुंचने के दिन ही तीन विधान परिषद सदस्यों के इस्तीफे इस लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भाजपा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अपने पांच मंत्रियों के बारे में फैसला लेना है. पांचों ही विधानसभा या विधान परिषद दोनों में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.

 

माना जा रहा है कि इन नेताओं ने योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्या के लिए अपनी सीटें छोड़ी हैं.

इनमें उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य प्रमुख हैं. नियम के मुताबिक, मंत्री बनने के छह महीने अंदर यानी 15 सितंबर तक उन्हें किसी भी एक सदन का सदस्य होना ही चाहिए.

योगी के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मोहसिन रज़ा इस समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. सपा और बसपा से तीन विधान परिषद सदस्यों के इस्तीफा देने से भाजपा की राहें आसान हो गई हैं.

इससे पहले पिछले दो दिनों में कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इनमें से पांच ने भाजपा का दामन था लिया. इसके अलावा बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद से गठबंधन तोड़कर एनडीए के साथ नई सरकार बना ली है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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