फ़ारूक़ अब्दुल्ला को नमाज़ अदा करने के लिए दरगाह जाने से रोका गयाः नेशनल कॉन्फ्रेंस

नेशनल कॉन्फ्रेंस का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर फ़ारूक़ अब्दुल्ला को दरगाह हज़रतबल जाकर नमाज़ अदा करने के लिए घर से निकलने नहीं दिया गया. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने प्रशासन के इस क़दम की निंदा करते हुए इसे अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है.

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो: पीटीआई)

नेशनल कॉन्फ्रेंस का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर फ़ारूक़ अब्दुल्ला को दरगाह हज़रतबल जाकर नमाज़ अदा करने के लिए घर से निकलने नहीं दिया गया. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने प्रशासन के इस क़दम की निंदा करते हुए इसे अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो: पीटीआई)
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर फारूक अब्दुल्ला को दरगाह हजरतबल जाकर नमाज अदा करने की मंजूरी नहीं दी.

पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि नमाज अदा करने के लिए उन्हें घर से बाहर जाने की मंजूरी नहीं दी गई. एनसी ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास को ब्लॉक कर दिया है और उन्हें दरगाह हजरतबल जाकर नमाज अदा करने से रोका गया है. जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस विशेष रूप से मिलाद-उन-नबी के मौके पर नमाज अदा करने के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की निंदा करता है.’

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस कदम की निंदा करते हुए कहा है कि यह अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.

मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘फारूक साहब को मिलाद-उन-नबी के मौके पर हजरतबल में नमाज अदा करने से रोकना भारत सरकार के असुरक्षा के भाव और जम्मू कश्मीर को लेकर उसके कड़े रुख को दर्शाता है. यह हमारे अधिकारों का घोर उल्लंघन है और बेहद निंदनीय है.’

बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्य मुख्यधारा के नेताओं समेत सैकड़ों लोगों को पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया था. इनमें से अधिकांश नेताओं को अब रिहा कर दिया गया है.

हाल ही में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को रिहा किया गया है. इसके बाद जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के सात दलों ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए हाल ही में एक गठबंधन का ऐलान किया. इसके तहत पांच अगस्त 2019 से पहले की तरह जम्मू कश्मीर के लोगों के अधिकारों को बहाल करने के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ने से पहले इसे औपचारिक स्वरूप देने की दिशा में काम किया जा रहा है.

इस गठबंधन में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, एक मुख्य समन्वयक, एक मुख्य प्रवक्ता, व्यक्तिगत दलों के प्रवक्ता और हर पार्टी के पदाधिकारी सहित एक कार्यकारी परिषद होगी.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला इस गठबंधन की अगुवाई करेंगे. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती उपाध्यक्ष होंगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी इस समूह का अहम हिस्सा हैं.

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