एमपी उपचुनाव: नेता उड़ा रहे आचार संहिता की ​धज्जियां, कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छिना

चुनाव आयोग द्वारा स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने के क़दम को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के चुनाव प्रचार पर एक दिन की रोक लगाई. आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए भाजपा उम्मीदवार गिरराज दंदोतिया और दो मंत्रियों- उषा ठाकुर और बिसाहू लाल साहू को नोटिस जारी.

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कमलनाथ. (फोटो: पीटीआई)

चुनाव आयोग द्वारा स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने के क़दम को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के चुनाव प्रचार पर एक दिन की रोक लगाई. आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए भाजपा उम्मीदवार गिरराज दंदोतिया और दो मंत्रियों- उषा ठाकुर और बिसाहू लाल साहू को नोटिस जारी.

Jabalpur: Madhya Pradesh Congress president Kamal Nath being garlanded at an election rally ahead of the Assembly elections, in Jabalpur, Saturday, Nov. 17, 2018. (PTI Photo) (PTI11_17_2018_000075B)
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश राज्य की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार करते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और मौजूदा उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव पर कार्रवाई की है.

दूसरी ओर कमलनाथ पर आपत्तिजनक और धमकी भरी टिप्पणी के लिए दिमनी से भाजपा उम्मीदवार गिरराज दंदोतिया को नोटिस जारी किया है. इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री उषा ठाकुर द्वारा मदरसों के संबंध में दिए गए बयान को लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है.

आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के चलते कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा शुक्रवार को रद्द कर दिया.

आयोग ने शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा, ‘आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें (कमलनाथ को) जारी की गई सलाह की पूरी तरह से अवहेलना करने को लेकर आयोग मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान उपचुनावों के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के राजनीतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है.’

इस संबंध में चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कमलनाथ द्वारा की गई एक टिप्पणी का जिक्र भी किया.

आयोग ने कहा कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अब से यदि कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च पूरी तरह से उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा, जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे.’

13 अक्टूबर को एक रैली के दौरान कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बारे में कथित तौर पर कहा था कि वह एक नौटंकी कलाकार हैं और उन्हें मुंबई में फिल्मों में अभिनय करना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था, ‘आपके भगवान तो वो माफिया हैं, जिससे आपने मध्य प्रदेश की पहचान बनाई. आपके भगवान तो मिलावटखोर हैं.’

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘स्टार प्रचारक न तो कोई पद है और न कोई दर्जा. मैं चुनाव आयोग के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, मैं केवल 10 नवंबर के बाद ही टिप्पणी करूंगा. आखिर में जनता ही मतलब रखती है और उन्हें सबकुछ पता है.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता और वकील विवेक तन्खा इस मामले को देख रहे हैं और वे इसे सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएंगे. चुनाव आयोग द्वारा स्टार प्रचारक का दर्जा हटाए जाने के फैसले को शनिवार को कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आयोग के फैसले को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी है और याचिका पर तत्काल सुनवाई कराए जाने का आग्रह किया जाएगा.

इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसे अजीब-सा और अनुचित बताया है. सिंह ने शुक्रवार रात संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने वह आदेश देखा है. मैं निर्वाचन आयोग के प्रति पूरे सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि वह एक अजीब-सा आदेश है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि यह आदेश उचित नहीं है. हालांकि, हम इस आदेश को लेकर कानूनी राय लेने पर विचार कर रहे हैं.’

राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘डबरा वाली घटना के बाद कमलनाथ को (भाषण देते वक्त) संयम बरतने को कहा गया था. इसके बाद से उनका कोई ऐसा (विवादास्पद) बयान नहीं आया है.’

इससे पहले भाजपा उम्मीदवार और मंत्री इमरती देवी के बारे में कमलनाथ द्वारा ‘आइटम’ टिप्पणी पर चुनाव आयोग ने माना था कि उन्होंने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है और उन्हें चेतावनी दी थी.

हालांकि, कमलनाथ ने बचाव करते हुए कहा था, ‘मैं इतने साल लोकसभा में रहा. लोकसभा की शीट पर, एजेंडे में लिखा रहता है, आइटम नं 1, 2… मेरे दिमाग में वो रहा. मैंने किसी के प्रति दुर्भावना से या किसी को अपमानित करने के लिए नहीं बोला था. क्योंकि ये आइटम शब्द से मैं बहुत परिचित रहा हूं, लोकसभा और विधानसभा में. और मैंने ये कहा कि अगर कोई अपमानित महसूस करता है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं.’

उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने उनके बयान को अस्वीकार नहीं किया बल्कि केवल यह कहा कि महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्दों को इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर किसी को बुरा लगा है तो मुझे खेद है.

भाजपा नेताओं द्वारा इमरती देवी से माफी मांगने की बात उन्होंने कहा, ‘यह देखिए कोई किसी की मांग नहीं है. अंत में (मैं) वही करता हूं जो सही एवं उचित है. क्योंकि मेरी भावना नहीं थी.’

मध्य प्रदेश के मंत्री के चुनाव प्रचार करने पर एक दिन की रोक

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को ‘शालीनता की सभी हदों को पार कर असंयमित भाषा’ के इस्तेमाल के लिए फटकार लगाते हुए 31 अक्टूबर को एक दिन के लिए उपचुनाव में प्रचार करने पर रोक लगा दी.

इसके साथ ही आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक और धमकी भरी टिप्पणी के लिए भाजपा उम्मीदवार गिरराज दंदोतिया को भी नोटिस जारी किया है.

उन्होंने एक साक्षात्कार में टिप्पणी की थी. दिमनी से भाजपा प्रत्याशी दंदोतिया ने बीते 30 अक्टूबर को कथित तौर पर कहा था कि मुरैना में कमलनाथ ने आइटम शब्द वाली टिप्पणी की होती तो वे जिंदा वापस नहीं लौट पाते. आयोग ने दंदोतिया को 48 घंटे में नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है.

इसके अलावा चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि वह उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को भेजे गए नोटिस पर उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है.

आदेश में कहा गया है, ‘आयोग का मानना है कि बयानों में शालीनता की सभी सीमाएं लांघते हुए असंयमित भाषा का इस्तेमाल किया गया.’

नोटिस में कहा गया है, ‘लिहाजा चुनाव आयोग आपको आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचार के प्रावधानों का उल्लंघन कर सभी सीमाएं लांघते हुए असंयमित भाषा का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाता है. आपसे आशा की जाती है कि आप एक जिम्मेदार नेता की तरह चुनाव के समय इस प्रकार की अभद्रता दोबारा नहीं दिखाएंगे.’

बीते 11 अक्टूबर को आगर में एक भाषण के दौरान मोहन यादव ने कथित तौर पर कहा था कि अगर कोई भी कुछ गलत करता है तो हम उसे उसके घर से खींच कर लाएंगे. हम वे लोग हैं, जो उन्हें जमीन में गाड़ देंगे.

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के अलावा चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री उषा ठाकुर को भी उनके द्वारा मदरसों को लेकर दिए गए बयान पर नोटिस जारी किया है. आयोग ने उन्हें भी 48 घंटे में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.

हाल ही में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि सारा कट्टरवाद और सारे आतंकवादी मदरसों में पले और बढ़े हैं.

शनिवार को मध्य प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री और अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बिसाहू लाल साहू को भी चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है.

हाल ही में अनूपपुर से भाजपा उम्मीदवार बिसाहू लाल साहू का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वे अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह कुंजाम की पत्नी के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं.

वीडियो में साहू कथित तौर पर कह रहे हैं कि विश्वनाथ सिंह ने चुनावी फॉर्म में अपनी पहली पत्नी का ब्योरा नहीं दिया है और दूसरी औरत का ब्योरा दिया है. इस दौरान साहू ने उनके बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था.

चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 में प्रदत्त अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 31 अक्टूबर को दिनभर ‘मध्य प्रदेश में कहीं भी’ यादव के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है.

बता दें कि मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं, जिसके लिए प्रचार अभियान जारी है. एक नवंबर की शाम प्रचार थम जाएगा. इनमें से अधिकांश सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा 22 विधायकों के साथ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो जाने की वजह से खाली हुई हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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