असम-मिज़ोरम में सीमा पर गतिरोध बरक़रार, मिज़ोरम में कोई ट्रक प्रवेश नहीं कर पाया

बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद से दोनों राज्यों में तनाव जारी है. इसी दौरान असम के एक व्यक्ति की मिज़ोरम में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत हो गई.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद से दोनों राज्यों में तनाव जारी है. इसी दौरान असम के एक व्यक्ति की मिज़ोरम में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत हो गई.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

आइजोल: असम और मिजोरम के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच मंगलवार को असम से कोई भी ट्रक मिजोरम में प्रवेश नहीं कर पाया, क्योंकि दोनों राज्यों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर मार्ग स्थानीय लोगों द्वारा अवरूद्ध कर दिया गया है.

असम और मिजोरम की सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 पर जारी नाकेबंदी को तकरीबन एक हफ्ते हो गए हैं. केंद्र के हस्तक्षेप के बाद पूर्वोत्तर के इन दो राज्यों के बीच जारी तनाव को कम किए जाने की सहमति के बावजूद जारी गतिरोध से आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई बाधित हुई है.

असम के सीमावर्ती इलाके के लोग आवश्यक वस्तुओं को ले जा रहे ट्रकों को मिजोरम में प्रवेश करने नहीं दे रहे हैं. वे चाहते हैं कि मिजोरम सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को हटा ले. हालांकि मिजोरम ने इस बात से इनकार कर दिया है और असम सरकार पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है.

बीते 17 अक्टूबर को दोनों राज्यों के सीमावर्ती गांवों के लोगों के बीच हिंसक झड़प के बाद से सीमा पर गतिरोध बरकरार है.

मंगलवार को वैरेंगटे पुलिस थाना (मिजोरम) के प्रभारी लालचॉइमाविया ने बताया कि कोई भी ट्रक या अन्य वाहन असम की तरफ से राज्य में प्रवेश नहीं कर पाया, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद की वजह से पड़ोसी राज्य में मार्ग अवरूद्ध है.

उन्होंने बताया कि वैरेंगटे में एक अस्पताल में असम के एक व्यक्ति की मौत के बाद अब मिजोरम-असम सीमा पर नया कोई तनाव नहीं है. आरोप है कि इस व्यक्ति की मिजोरम में पुलिस हिरासत में मौत हुई है.

उन्होंने बताया कि 45 वर्षीय इंताजुल अली लस्कर का शव मंगलवार सुबह उसके परिवार को सौंप दिया गया. इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.

मिजोरम के अधिकारियों का दावा है कि लस्कर मादक पदार्थ की तस्करी करता था, जबकि उनके रिश्तेदारों का आरोप है कि बदमाशों ने उसका अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस बीच, मिजोरम के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के निदेशक लालहरिगतुअली राल्ते ने कहा कि तेल और एलपीजी ले जाने वाली 8 ट्रकों को मंगलवार को मणिपुर के चुराचांदपुर के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग-102 ए से मिजोरम के के लिए रवाना किया गया है.

उन्होंने कहा कि ट्रक चालक बुधवार शाम तक आइजोल पहुंचने की संभावना है.

नॉर्थ ईस्ट नाउ के मुताबिक, असम-मिजोरम सीमावर्ती गांव में 48 वर्षीय असम निवासी की मौत के एक दिन बाद, मिजोरम के दो प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने मंगलवार को अंतर-राज्यीय सीमा पर रहने वाले लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.

मुस्लिम संगठनों ने कहा कि वर्तमान मिजोरम-असम सीमा गतिरोध के साथ मौत का संबंध नहीं है.

मिजोरम मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी (एमएमडब्ल्यूडी) और आइजोल मस्जिद समिति (एएमसी) द्वारा एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वैरेंगटे में एक व्यक्ति (इंताजुल लस्कर) की सोमवार अस्पताल में मौत हो गई. यह मौत वर्तमान स्थिति के कारण संदेह को बढ़ा सकती है, लेकिन यह स्पष्ट है कि लैलापुर (असम) निवासी का सीमा विवाद से कोई संबंध नहीं है, विवाद राष्ट्रीय राजमार्ग-306 पर नाकाबंदी को लेकर है.

शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए, दोनों संगठनों ने सीमा के दोनों ओर के लोगों से आग्रह किया कि वे सामान्य स्थिति में लाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करें.

बयान में कहा गया है कि आर्थिक नाकेबंदी सीमा विवाद का समाधान नहीं है, विशेष रूप से वर्तमान परिदृश्य में जहां हर कोई कोविड-19 की वजह से पीड़ित है.

बयान के अनुसार, ‘एमएमडब्ल्यूएस और एएमसी असम सरकार, कछार जिले और लैलापुर के लोगों से तुरंत नाकाबंदी हटाने का अनुरोध करते हैं, ताकि आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाली गाड़ियों की आवाजाही सुनिश्चित हो सके.’

दोनों संगठनों ने केंद्र और मिजोरम और असम की सरकारों से आग्रह किया कि वे जल्द से जल्द गतिरोध को हल करें.

बता दें कि बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार जिले के लैलापुर गांव और मिजोरम के कोलासिब जिले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें चार लोग घायल हो गए थे और भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी थी.

इस घटना के बाद असम, मिजोरम और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है. हालांकि दोनों राज्यों के बीच गतिरोध बरकरार है.

हिंसा के बाद बीते 19 अक्टूबर को विश्वास बहाली के क्रम में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने कछार जिले में आपस में बातचीत की थी. उसके बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में 29 अक्टूबर को हुई मिजोरम और असम के मुख्य सचिवों की एक ऑनलाइन बैठक हुई थी, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों सुरक्षा बलों की तैनाती पर चर्चा हुई थी.

भल्ला ने दोनों मुख्य सचिवों से आग्रह किया था कि वे अपने-अपने सीमावर्ती क्षेत्रों से सुरक्षा बल हटा लें ताकि आसपास के इलाके में शांति बहाल हो सके.

इस बीच मिजोरम के गृहमंत्री लालचामलियाना ने कहा था कि उनकी सरकार हालात सामान्य होने तक असम से लगी सीमा से अपने सुरक्षा बलों को नहीं हटाएगी.

असम के कछार जिला प्रशासन के मिजोरम सरकार से सीमावर्ती इलाकों से अपने सुरक्षा बलों को हटाने के लिए कहा था. सीमा विवाद के बीच असम ने मिजोरम पुलिस पर अपने भू-भाग में बंकर जैसा ढांचा बनाने का आरोप लगाया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)