बिहार: अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार समाप्त, नीतीश कुमार ने कहा- यह मेरा आख़िरी चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: नीतीश कुमार के बयान पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम शुरू से कहते आ रहे है कि वो पूर्णत: थक चुके है और आज आखिरकार उन्होंने हमारी बात पर मुहर लगा दी. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ‘जंगलराज के युवराज’ को बिहार की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता को संबोधित एक पत्र लिखकर एनडीए को वोट करने की अपील की.

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Jamui: Bihar Chief Minister Nitish Kumar greets a gathering during an election meeting, in Jamui, Thursday, Oct. 15, 2020. (PTI Photo) (PTI15-10-2020 000109B)

बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: नीतीश कुमार के बयान पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम शुरू से कहते आ रहे है कि वो पूर्णत: थक चुके है और आज आखिरकार उन्होंने हमारी बात पर मुहर लगा दी. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ‘जंगलराज के युवराज’ को बिहार की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता को संबोधित एक पत्र लिखकर एनडीए को वोट करने की अपील की.

Jamui: Bihar Chief Minister Nitish Kumar greets a gathering during an election meeting, in Jamui, Thursday, Oct. 15, 2020. (PTI Photo) (PTI15-10-2020 000109B)
नीतीश कुमार. (फोटो: पीटीआई)

पटना/पूर्णिया/अररिया/हायाघाट: बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए प्रचार गुरुवार शाम को समाप्त हो गया. इस दौरान राज्य के पूर्णिया जिले में जदयू उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा कि यह उनका अंतिम चुनाव है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस चरण में 2.35 करोड़ मतदाता 1,200 से अधिक उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे, जिसमें अध्यक्ष और राज्य मंत्रिमंडल के कुछ सदस्य शामिल हैं.

शनिवार को मतदान का अंतिम चरण उत्तर बिहार के 19 जिलों में फैले 78 निर्वाचन क्षेत्रों को कवर करेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चरण के चुनाव के लिए अररिया और सहरसा के दूरदराज के जिलों में रैलियों को संबोधित किया, जिससे जनता का विश्वास राजग में बना रहे. कुल मिलाकर प्रधानमंत्री द्वारा 12 रैलियों को संबोधित किया गया.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य में जो गठबंधन चल रहा है, वह पिछले दशक की तरह ही आने वाले दशक में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तत्पर है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मधेपुरा और अररिया में चुनावी सभाओं को भी संबोधित किया, जहां उन्होंने ईवीएम को एमवीएम (मोदी वोटिंग मशीन) बताते हुए धांधली का संदेह जताया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रैलियों से अप्रिय घटनाओं की खबर आती रही, जिसमें मधुबनी में उनकी रैली में मंच पर प्याज फेंके गए और उन्होंने कहा कि फेंको, खूब फेंको.

राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव भारी भीड़ के साथ एक-एक दिन में 10 से लेकर 17 रैलियां तक करते रहे.

बिहार चुनाव में एनडीए से अलग होकर लड़ने वाले और नीतीश कुमार की तीखी आलोचना को लेकर शुरू से ही चर्चा में रहने वाले चिराग पासवान की रैलियों में भी भारी संख्या में भीड़ देखी गई.

बता दें कि अंतिम चरण में राज्य का सीमांचल इलाका आता है जहां पर मुस्लिम आबादी अधिक है.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीसरे चरण में प्रचार के दौरान कांग्रेस-राजद गठबंधन को भाजपा और मोदी के उभार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें वोट नहीं देने की अपील की.

तीसरे चरण में स्पीकर विजय कुमार चौधरी और राज्य कैबिनेट मंत्री सुरेश शर्मा और प्रमोद कुमार अपनी सीटें बचाने की कोशिश करेंगे.

वहीं, इस चरण में वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की बेटी सुहासिनी यादव भी कांग्रेस के टिकट पर किशनगंंज जिले के बिहारीगंज से मैदान में हैं.

यह मेरा अंतिम चुनाव, अंत भला तो सब भला: नीतीश कुमार

बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार गुरुवार को समाप्त होने से चंद घंटे पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा किया कि यह उनका अंतिम चुनाव है और अंत भला तो सब भला.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया जिले के धमदाहा में जदयू की चुनावी रैली में कहा कि ये उनका आखिरी चुनाव है. नीतीश कुमार यहां जदयू प्रत्याशी लेसी सिंह के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि सब लोग मिलकर लेसी सिंह को भारी मतों से विजय बनाइएगा.

उन्होंने कहा, ‘आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है और परसों चुनाव है, ये मेरा आखिरी चुनाव है. अंत भला तो सब भला. अब आप बताइए, इनको वोट दीजिएगा या नहीं. हाथ उठाकर बताइए.’

बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 1977 में नालंदा के हरनौत से अपना पहला चुनाव लड़ा था. यहां से नीतीश कुमार चार बार चुनाव लड़े. जिसमें उन्हें 1977 और 1980 में हार मिली, जबकि 1985 और 1995 के चुनाव में नीतीश कुमार ने जीत दर्ज की थी.

बहरहाल, कटिहार और पूर्णिया में चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे नीतीश कुमार ने कहा, ‘युवाओं को बिहार से बाहर न जाना पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार ने योजना बनाई और सहयोग किया है. हमने नई औद्योगिक नीति बनाई है, जिससे प्रदेश में उद्योग के अनुकूल माहौल बनेगा. इसके तहत नई प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करने और युवाओं को प्रशिक्षत करने पर जोर दिया गया है.’

उन्होंने कहा, ‘अब यहीं रोजगार के अवसर पैदा होंगे, लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और रोजगार की मजबूरी में किसी को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. अब बिहार में ही उत्पाद तैयार होंगे, जिन्हें बाहर भेजा जा सकेगा. केंद्र का सहयोग और राज्य का प्रयास मिलकर बिहार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे.’

बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता को संबोधित एक पत्र भी लिखा.

अब जात-धर्म की नहीं, सिर्फ तरक्की-काम की बात होगी: तेजस्वी यादव

नीतीश कुमार के इस बयान को लेकर महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीद और राजद नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को ट्वीट को कर कहा, आदरणीय नीतीश जी बिहारवासियों की आकांक्षाओं, अपेक्षाओं के साथ-साथ जमीनी हकीकत भी स्वीकार करने को तैयार नहीं थे.

उन्होंने कहा, ‘हम शुरू से कहते आ रहे है कि वो पूर्णत: थक चुके है और आज आखिरकार उन्होंने अंतिम चरण से पहले हार मानकर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर हमारी बात पर मुहर लगा दी.’

इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को नीतीश कुमार नीत राजग सरकार पर 15 वर्षों में रोजगार, पढ़ाई, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में काम नहीं करने का आरोप लगाया और महागठबंधन को जनादेश देने की अपील करते हुए कहा था कि अब जात-पात और धर्म की बात नहीं होगी, अब तरक्की और सिर्फ काम की बात होगी.

तेजस्वी ने पूर्णिया, अररिया में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए लोगों से कहा था, ‘अगर पिछले 15 वर्ष में कुछ नहीं हुआ, तब जो काम करना चाहता है, उसे मौका दें. हम काम करना चाहते हैं और नई सोच के साथ समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने को प्रतिबद्ध हैं.’

उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों से राज्य में नीतीश कुमार सरकार है, अब डबल इंजन की सरकार है, लेकिन राज्य में एक भी कारखाना नहीं लगा, लोगों को रोजगार नहीं मिला.

राजद नेता ने लोगों से पूछा, ‘क्या गरीबी हटी? क्या भ्रष्टाचार खत्म हुआ? क्या विकास हुआ?’

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में अस्पताल आईसीयू में है, शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार बेरोजगारी, उद्योगों में नौकरी, निवेश और पलायन जैसे मुद्दों पर नहीं बोलते हैं.

राजद नेता ने कहा, ‘मैं आपसे अपील करने आया हूं कि एक मौका इस नौजवान को दें.’

उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार आने पर विकास से उपेक्षित सीमांचल और कोसी क्षेत्र में चहुंमुखी विकास कार्यों के लिए ‘सीमांचल विकास आयोग’ और ‘कोसी विकास आयोग’ का गठन किया जाएगा.’

तेजस्वी यादव ने रोजगार एवं विकास के चुनावी वादे को दोहराया और कहा कि उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला तब कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे.

उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार आने पर बिहारवासियों को कमाई, पढ़ाई और दवाई के लिए बाहर नहीं जाना होगा.’ तेजस्वी ने कहा कि पंद्रह वर्ष के शासनकाल में नीतीश सरकार ने बिहार में कुछ नहीं किया और आज भी शिक्षा, इलाज और रोजी रोटी के लिए लोगों का पलायन जारी है.

राजद नेता ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन, आंगनबाड़ी सेविका, टोला सेवक की मांग को पूरा किया जाएगा.

कुशासन, पलायन के लिए जंगलराज के युवराज माफी मांगें: नड्डा

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजद नेता तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के वादे पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना काल में बिहार छोड़कर दिल्ली भागने, विधानसभा के सत्र में अनुपस्थित रहने तथा राजद के 15 वर्षों के शासनकाल में लोगों को राज्य से पलायन को मजबूर करने के लिए ‘जंगलराज के युवराज’ को बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

शुक्रवार को बेगुसराय में एक रैली को संबोधित करते जेपी नड्डा. (फोटो साभार: ट्विटर)
जेपी नड्डा. (फोटो साभार: ट्विटर)

दरभंगा के हायाघाट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, ‘जंगलराज के युवराज तेजस्वी यादव कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत में बिहार के बजाय दिल्ली में थे. वह विपक्ष के नेता बनते हैं, लेकिन विधानसभा के बजट सत्र में एक भी दिन नहीं जाते थे. विधानसभा में विपक्ष के नेता की अनुपस्थिति जनता के साथ धोखा है. इसलिए ऐसे लोगों को आराम दीजिए.’

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संक्रमण के समय में गरीबों की चिंता की और छठ तक राशन की व्यवस्था की.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘बिहार में आज से 15 साल पहले कभी विकास की चर्चा नहीं होती थी, लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के कारण चुनाव में जंगलराज के युवराजों को विकास की चर्चा करनी पड़ रही है. ये (विपक्ष के नेता) सत्ता से दूर हो गए हैं, बेरोजगार हो गए हैं, इनकी सबसे बड़ी चिंता यही है.’

उन्होंने कहा, ‘आज ये 10 लाख रोजगार देने की बात कर रहे हैं. लालू जी के राज में लाखों लोग बिहार से पलायन कर गए, उसका जवाब कौन देगा? राजद के जंगलराज में बिहार में रंगदारी, रंगबाजी, लूट-खसोट होती थी. लालू के राज में शहाबुद्दीन को संरक्षण मिलता था. इन्होंने प्रदेश में अराजकता फैलाई.’

महागठबंधन के नेता पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने कहा, ‘अपने कारनामों के लिए इन्हें बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए.’

नड्डा ने कहा, ‘यह चुनाव बिहार के भविष्य का है. हमें तय करना है कि हमें राज्य को किस ओर ले जाना है.’

राजग को जनादेश देने की अपील करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘एक तरफ विकास करने वाले लोग हैं और दूसरी ओर वे लोग हैं, जिन्होंने बिहार को विनाश की ओर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.’

नड्डा ने कहा, ‘15 साल पहले बिहार में डॉक्टर, इंजीनियर और ठेकेदार अपना काम नहीं कर पाते थे. तब यहां केवल रंगदारी, रंगबाजी, लूट खसोट ही चलती थी.’

उन्होंने कहा, ‘देश के सभी लोग चाहते थे कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बने लेकिन कांग्रेस ने इसे लटकाने, अटकाने और भटकाने का काम किया. मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने, तब प्रतिदिन सुनवाई हुई, रामजन्मभूमि के पक्ष में फैसला आया और अब वहां भव्य राममंदिर बन रहा है.’

नड्डा ने कहा कि पहले लोग केवल नारे लगाते थे कि एक देश में दो विधान दो निशान नहीं चलेंगे, लेकिन जब मोदी सरकार आई तब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया.

भाजपा अध्यक्ष ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री के 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज के खर्च होने का ब्यौरा दिया और कहा कि आधारभूत ढांचे के विकास के लिए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ दिए गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)