वेब सीरीज़ को लेकर मुक़दमा न चलाने की एकता कपूर की अपील मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ख़ारिज की

फिल्म और धारावाहिक निर्माता एकता कपूर के ख़िलाफ़ ट्रिपल एक्स नाम की वेब सीरीज के प्रसारण के ज़रिये अश्लीलता फैलाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों के अपमान के आरोपों में इंदौर के थाने में पांच महीने पहले प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

एकता कपूर. (फोटो साभार: फेसबुक)

फिल्म और धारावाहिक निर्माता एकता कपूर के ख़िलाफ़ ट्रिपल एक्स नाम की वेब सीरीज के प्रसारण के ज़रिये अश्लीलता फैलाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों के अपमान के आरोपों में इंदौर के थाने में पांच महीने पहले प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

एकता कपूर. (फोटो साभार: फेसबुक)
एकता कपूर. (फोटो साभार: फेसबुक)

इंदौर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी पर प्रसारित वेब सीरीज ‘ट्रिपल एक्स’ के सीजन-2 के विवादित दृश्यों को लेकर दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के लिए मशहूर सीरियल निर्माता एकता कपूर की याचिका खारिज कर दी है.

एकता के खिलाफ इस मामले में वेब सीरीज के प्रसारण के जरिये अश्लीलता फैलाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों के अपमान के आरोपों में एक स्थानीय पुलिस थाने में पांच महीने पहले प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला ने एकता कपूर की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका खारिज करते हुए बुधवार को विस्तृत फैसला सुनाया.

एकल पीठ ने सभी संबंधित पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद 65 पृष्ठों के फैसले में कहा, ‘उपयुक्त चर्चा के मद्देनजर काफी सोच-विचार के बाद ऐसा लगता है कि इस मामले के तथ्य ऐसे नहीं हैं कि अदालत सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एफआईआर खारिज करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करें, कम से कम आईटी एक्ट की धारा 67-67ए और आईपीसी की धारा 294 (अश्लीलता) के बाबत तो नहीं.’

बहरहाल अदालत ने वेब सीरीज के प्रसारण के जरिये धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों के अनुचित इस्तेमाल को लेकर प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों के सिलसिले में एकता कपूर को राहत दी है.

एकल पीठ ने अपने फैसले में टिप्पणी की, ‘हालांकि, यह कहना पर्याप्त रूप से उचित होगा कि मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और भारत के राजकीय प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं पाया गया है.’

एकता कपूर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ इंदौर शहर की अन्नपूर्णा पुलिस की पांच जून को दर्ज प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों को गलत बताया था और अदालत से गुहार की थी कि इस मामले को रद्द किया जाए.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह प्राथमिकी दो स्थानीय बाशिंदों-वाल्मीक सकरगाये और नीरज याग्निक की शिकायत पर भारतीय दंड विधान की धारा 294 (अश्लीलता) और 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम एवं भारत के राजकीय प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी.

उन्होंने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया कि एकता कपूर के स्थापित ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी पर प्रसारित वेब सीरीज ‘ट्रिपल एक्स’ के सीजन-2 के जरिये समाज में अश्लीलता फैलाई गई और एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत की गईं.

इसमें यह आरोप भी लगाया गया कि वेब सीरीज के एक दृश्य में भारतीय सेना की वर्दी को बेहद आपत्तिजनक तौर पर पेश करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों का अपमान किया गया.