असमः सड़क दुर्घटना में टीवी पत्रकार की मौत, हत्या के आरोप के बाद सीआईडी जांच के आदेश

असम के एक स्थानीय समाचार चैनल के पत्रकार पराग भुइयां को बुधवार को उनके घर के सामने एक वाहन ने टक्कर मार दी थी. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया, जिसके बाद समाचार चैनल ने उनके काम के चलते हत्या किए जाने का आरोप लगाया है.

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पत्रकार पराग भुइयां (फोटो साभारः ट्विटर)

असम के एक स्थानीय समाचार चैनल के पत्रकार पराग भुइयां को बुधवार को उनके घर के सामने एक वाहन ने टक्कर मार दी थी. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया, जिसके बाद समाचार चैनल ने उनके काम के चलते हत्या किए जाने का आरोप लगाया है.

पत्रकार पराग भुइयां (फोटो साभारः ट्विटर)
पत्रकार पराग भुइयां. (फोटो साभारः ट्विटर)

गुवाहाटीः असम के एक स्थानीय समाचार चैनल के पत्रकार की गुरुवार सुबह मौत हो गई. एक दिन पहले ही पत्रकार को तिनसुकिया जिले में उनके घर के सामने ही एक वाहन ने टक्कर मार दी थी.

समाचार चैनल ने पत्रकार की हत्या का आरोप लगाया है, जिसके बाद मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मामले में सीआईडी जांच का आदेश दे दिया.

मुख्यमंत्री ने पत्रकार की मौत से जुड़ी परिस्थितियों की विस्तार से जांच करने का निर्देश सीआईडी को दिया है.

समाचार चैनल का कहना है कि पत्रकार ने क्षेत्र में भ्रष्टाचार एवं अवैध गतिविधियों को उजागर किया था.

पराग भुइयां तिनसुकिया जिले के काकोपथार इलाके के समाचार चैनल प्रतिदिन टाइम के संवाददाता थे. बुधवार रात को उनके घर के बाहर ही एक वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिदिन टाइम के एडिटर इन चीफ नीतूमोनी सैकिया ने जारी बयान में कहा कि भुइयां को उनकी रिपोर्टिंग की वजह से धमकियां मिल रही थी. पुलिस के शुरुआती दृष्टिकोण ने इस पूरी घटना को लेकर संदेह पैदा किया और हमें संदेह है कि बहादुर पत्रकार की हत्या की गई है क्योंकि वह काकोपथार में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को अपनी रिपोर्टिंग के लिए उजागर कर रहा था.

वहीं पर गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से बताया गया कि वरिष्ठ पत्रकार पराग भुइयां की हत्या के आरोपों के संदर्भ पर संग्यान लेते हुए मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मामले की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं.

पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि पुलिस ने उस वाहन की पहचान कर उसे जब्त कर लिया है, जिससे भुइयां को टक्कर मारी गई थी. इसके साथ ही वाहन के ड्राइवर और एक अन्य शख्स को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

यह गिरफ्तारी असम पुलिस द्वारा अरुणाचल पुलिस को इस संबंध में अलर्ट किए जाने के बाद हुई.

पुलिस ने बताया कि इस मामले में दोनों व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है और घटना की जांच जारी है.

पुलिस ने बताया कि जिस वाहन से टक्कर मारी गई, वह अरुणाचल प्रदेश की एक महिला का है और इसका इस्तेमाल उसके बेटे द्वारा चाय पत्ती के परिवहन के लिए किया जाता है.

तिनसुकिया के एसपी शिलादित्य चेतिया ने कहा, ‘अब तक की हमारी जांच के अनुसार और वाहन के ड्राइवर और अन्य शख्स की गिरफ्तारी के बाद उनके बयानों के आधार पर प्रथमदृष्टया यह दुर्घटना का मामला लगता है. हम मामले की जांच करेंगे.’

यह पूछने पर कि क्या भुइयां की रिपोर्टिंग का उनकी मौत से कोई संबंध है, चेतिया ने कहा कि पत्रकार काकोपथार के स्थानीय मुद्दों पर अक्सर रिपोर्टिंग करते थे. अब तक हमें उनकी मौत या उनकी की हुई किसी स्टोरी के बीच किसी तरह के संबंध का पता नहीं चला है.

53 वर्षीय पत्रकार असम गण परिषद के नेता जगदीश भुइयां के छोटे भाई और तिनसुकिया प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष थे. जगदीश पहले भाजपा में थे, लेकिन सीएए को लेकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और फिलहाल वह असम जातीय परिषद (एजेपी) के समन्वयक हैं.

वहीं, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भी भुइयां की मौत की जांच की मांग की है.

उन्होंने कहा, हमें इस मामले में षड्यंत्र का संदेह है क्योंकि पत्रकार को उनके घर के पास टक्कर मारी गई और वाहन का चालक मौके से फरार हो गया.’’

गुवाहाटी प्रेस क्लब ने भी वरिष्ठ पत्रकार की मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और जांच समय पर पूरी करने के लिए राज्य के पुलिस प्रमुख से एसआईटी के गठन का अनुरोध किया है.

पराग की मौत को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा है.

भुइयां की मौत के मामले को लेकर शुक्रवार को उन्होंने दावा किया कि इस पत्रकार की हत्या की गई है और भाजपा शासित राज्यों में पत्रकारिता का गला घोंटा जा रहा है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार का पर्दाफ़ाश करने वाले असम के पत्रकार पराग भुइयां की संदिग्ध परिस्थिति में हत्या की गई. उनके परिवार को मेरी संवेदनाएं.’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि असम, मध्य प्रदेश या उत्तर प्रदेश, भाजपा शासित राज्यों में सच्ची पत्रकारिता का गला घोंटा जा रहा है और तमाशा करने वालों को सुरक्षा मिल रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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