एलओसी पर सीज़फायर उल्लंघन को लेकर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राजनयिक को तलब किया

शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की सेना द्वारा कई स्थानों पर एलओसी पर सीज़फायर का उल्लंघन किया, जिसमें पांच सुरक्षाकर्मियों सहित 11 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के आठ सैनिक मारे गए और 12 अन्य घायल हो गए.

(फोटो: रॉयटर्स)

शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की सेना द्वारा कई स्थानों पर एलओसी पर सीज़फायर का उल्लंघन किया, जिसमें पांच सुरक्षाकर्मियों  सहित 11 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के आठ सैनिक मारे गए और 12 अन्य घायल हो गए.

(फोटो: रॉयटर्स)
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नई दिल्ली: भारत ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से संघर्ष विराम का अकारण उल्लंघन किए जाने को लेकर शनिवार को पाकिस्तानी उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष नागरिकों को ‘जानबूझकर निशाना बनाने’ की कड़े शब्दों मे निंदा की और कहा कि पाकिस्तान की ओर से त्योहारों के समय नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी करके शांति भंग किया जाना और हिंसा भड़काना निंदनीय है.

उसने कहा, ‘पाकिस्तान उच्चायोग के ‘चार्ज डि अफेयर्स’ (उप राजदूत) को विदेश मंत्रालय द्वारा तलब किया गया था. उनके समक्ष पाकिस्तान के संघर्ष विराम का अकारण उल्लंघन करने को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया.’

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत ने सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ करने में पाकिस्तान का निरंतर सहयोग मिलने को लेकर कभी कड़ा विरोध दर्ज कराया है.

पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में उरी सेक्टर से लेकर गुरेज सेक्टर के बीच कई स्थानों पर एलओसी पर संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन किया जिसमें पांच सुरक्षाकर्मियों सहित 11 लोगों की मौत हो गई.

भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें पाकिस्तानी सेना के आठ सैनिक मारे गए और 12 अन्य घायल हो गए.

अधिकारियों और सूत्रों ने यह जानकारी दी कि इसके अलावा उसके बुनियादी ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है.

पाक का आरोप, हमलों को प्रायोजित कर रहा है भारत

पाकिस्तान ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश में कुछ आतंकवादी हमलों में भारत का हाथ है.

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विदेश मंत्रालय में सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही.

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ऐसे तथ्य हैं, जिन्हें झुठलाया नहीं जा सकता. हम इन्हें डॉजियर के जरिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखेंगे.’

कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्तान के डॉजियर जरिए जमात-उल-अहरार, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, बलोच लिब्रेशन आर्मी, बलोच लिब्रेशन फ्रंट और बलोच रिपब्लिकन आर्मी समेत संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठनों और भारत की खुफिया एजेंसियों के बीच कथित ‘बढ़ती साठगांठ’ को उजागर किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि डॉजियर में 60 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना को नुकसान पहुंचाने की भारत की कथित कोशिशों के सबूत भी शामिल होंगे.

वहीं, भारत ने भी शनिवार को पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब कर संघर्ष विराम उल्लंघनों और इस्लामाबाद द्वारा भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ का लगातार समर्थन करने पर विरोध दर्ज कराया.

भारत पहले भी पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों से उसे जोड़ने पर आपत्ति जताता रहा है.

उसका कहना है कि इस्लामाबाद अपने घरेलू संकटों से ध्यान हटाने के लिये नई दिल्ली को दोष नहीं दे सकता.

भारत ने शनिवार को नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के ‘चार्ज डि अफेयर्स’ को तलब कर नियंत्रण रेखा पर कई सेक्टरों में पाकिस्तानी बलों द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी.

‘खून खराबा’ रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान वार्ता होनी चाहिए: हुर्रियत

अलगाववादी संगठन हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े ने शनिवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाने और नियंत्रण रेखा के नजदीक बसे लोगों ‘निरर्थक खून-खराबे’ को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान को बातचीत करनी चाहिए.

मीरवाइज उमर फारूक नीत धड़े ने बयान जारी कर शुक्रवार को नियंत्रण रेखा पर बढ़े तनाव और कई लोगों की जाने पर अफसोस और निराशा जताई.

बयान में कहा गया, ‘हुर्रियत एक बार फिर भारत और पाकिस्तान की सरकारों का आह्वान करता है कि वे युद्ध की भाषा छोड़ कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए बातचीत की मेज पर आएं और चारों ओर इंसानों के निरर्थक खूनखराबे को खत्म करें.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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