यूपीः कानपुर में बच्ची की यौन उत्पीड़न के बाद हत्या, बच्ची का लिवर निकाला, चार गिरफ़्तार

यह घटना कानपुर ग्रामीण के घाटमपुर गांव की है. दिवाली की रात सात साल की बच्ची का अपहरण कर लिया गया था. आरोप है कि एक निसंतान दंपति के कहने पर आरोपियों ने 1,500 रुपये लेकर बच्ची का लिवर निकालकर उन्हें दे दिया था. आरोपी दंपति को लगता था कि बच्ची का लिवर खाने से उन्हें संतान की प्राप्ति होगी.

यह घटना कानपुर ग्रामीण के घाटमपुर गांव की है. दिवाली की रात सात साल की बच्ची का अपहरण कर लिया गया था. आरोप है कि एक निसंतान दंपति के कहने पर आरोपियों ने 1,500 रुपये लेकर बच्ची का लिवर निकालकर उन्हें दे दिया था. आरोपी दंपति को लगता था कि बच्ची का लिवर खाने से उन्हें संतान की प्राप्ति होगी.

(फोटो: गूगल मैप)
(फोटो: गूगल मैप)

कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर ग्रामीण इलाके में दिवाली की रात दो लोगों द्वारा सात साल की बच्ची को अगवा कर उसका यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. इसके बाद गला दबाकर बच्ची की हत्या कर दी गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना कानपुर ग्रामीण के घाटमपुर गांव में हुई. आरोप है कि बच्ची के एक संबंधी दंपति ने उसका लिवर निकालकर देने के लिए दो आरोपियों को पैसे दिए गए थे.

यह भी आरोप है कि बच्ची के संबंधी को काला जादू के लिए उसके अंग की जरूरत थी.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 1999 में बच्ची की संबंधी की शादी के बाद से ही वे नि:संतान थे और तांत्रिक प्रक्रिया के लिए उन्हें बच्ची का लिवर खाना था, ताकि उन्हें संतान की प्राप्ति हो सके.

पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

कानपुर ग्रामीण के एसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि चार में से दो आरोपियों को बच्ची का लिवर निकालने के लिए 1,500 रुपये दिए गए थे. इस पैसे का इस्तेमाल आरोपियों ने कथित तौर पर शराब खरीदने में किया.

उनके अनुसार, आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें पहले बच्ची का यौन उत्पीड़न किया. उसके बाद बच्ची का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपियों ने बच्ची का पेट काटकर उसका लिवर निकाल लिया.

डीआईजी प्रितिंदर सिंह ने बताया, ‘दिवाली की रात घर के बाहर खेलते समय बच्ची लापता हो गई थी. स्थानीय लोगों और पुलिस ने बच्ची की तलाश की, लेकिन बच्ची नहीं मिली.’

सिंह ने बताया, ‘अगली सुबह बच्ची का क्षत-विक्षत शरीर गांव से कुछ किलोमीटर दूर एक जंगल के पास से मिला. फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड के साथ कुछ वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे. इसके बाद पता चला कि पड़ोस के दो आरोपी युवकों ने बच्ची को चिप्स का पैकेट का लालच देकर अगवा कर लिया था.’

उन्होंने बताया कि दोनों ने बच्ची का यौन उत्पीड़न करने की कोशिश और जब विरोध का सामना किया तो उसके हाथ बांध दिए.

एसपी श्रीवास्तव ने कहा कि आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. एफआईआर में गैंगरेप और पॉक्सो से संबंधित धाराएं भी जोड़ी गई हैं. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपना अपराध कबूल कर लिया.

आरोपियों का कहना है कि उनके एक संबंधी ने उन्हें बच्ची का लिवर लाने के बदले उन्हें पैसे दिए थे.

पुलिस ने कहा, ‘आरोपी का कहना है कि उनके एक संबंधी और उनकी पत्नी ने कहा था कि 1999 में उनकी शादी के बाद से वे नि:संतान हैं और उन्हें लगता है कि बच्ची का लिवर खाने से उन्हें संतान की प्राप्ति होगी. दोनों आरोपी नशे में धुत थे. उन्होंने बच्ची का अपहरण कर उसका यौन उत्पीड़न किया और हत्या कर दी. फिर बच्ची का पेट काटकर उसका लिवर निकाल लिया. पुलिस को अभी तक बच्ची काे अंग नहीं मिले हैं.

बच्ची के दोनों फेफड़े समेत शरीर के कई अंग गायब थे. इसके साथ ही बच्ची के हाथ-पैर में लाल रंग लगा हुआ था.

इस घटना पर शोक जताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार के लिए पांच लाख रुपये की राहत राशि का ऐलान किया है और प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने को कहा है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘कानपुर नगर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के अपराधी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं, उन्हें पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. यूपी सरकार इस प्रकरण की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर अपराधियों को अतिशीघ्र सजा दिलाएगी.’