मणिपुर: उग्रवादी समू​ह के दबाव के ख़िलाफ़ मीडियाकर्मियों का प्रदर्शन, प्रकाशन रोका

ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर की अगुवाई में मणिपुर प्रेस क्लब में विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने फ्रीडम ऑफ प्रेस की मांग की. उग्रवादी संगठन का नाम बताने से इनकार करते हुए मीडिया समूहों ने कहा कि यह उनके आंतरिक संघर्ष का नतीजा है.

/
मणिपुर प्रेस क्लब पर विरोध प्रदर्शन करते पत्रकार. (फाइल फोटो: ट्विटर/@ImphalFreePress)

ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर की अगुवाई में मणिपुर प्रेस क्लब में विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने फ्रीडम ऑफ प्रेस की मांग की. उग्रवादी संगठन का नाम बताने से इनकार करते हुए मीडिया समूहों ने कहा कि यह उनके आंतरिक संघर्ष का नतीजा है.

मणिपुर प्रेस क्लब पर विरोध प्रदर्शन करते पत्रकार. (फोटो: ट्विटर/@ImphalFreePress)
मणिपुर प्रेस क्लब पर विरोध प्रदर्शन करते पत्रकार. (फोटो: ट्विटर/@ImphalFreePress)

इम्फाल: मणिपुर में मीडिया समूहों ने एक उग्रवादी समूह से संबंधित खबरें प्रकाशित करने को लेकर उसके द्वारा दबाव डालने का आरोप लगाते हुए बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया. दैनिक अखबारों और स्थानीय चैनलों ने भी मीडिया को धमकाने के विरोध में अपना काम रोक दिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू) और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (ईजीएम) की अगुवाई में राजधानी इम्फाल स्थित मणिपुर प्रेस क्लब में विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने फ्रीडम ऑफ प्रेस की मांग की.

विरोध प्रदर्शन से पहले प्रेस क्लब में एक आपातकालीन आम सभा की बैठक आयोजित की, जिसमें मीडिया समूहों ने तय किया कि वे उस खास उग्रवाही समूह की आतंरिक लड़ाई खत्म होने से पहले उससे संबंधित कोई खबर नहीं चलाएंगे.

शुरुआत में एएमडब्ल्यूजेयू और ईजीएम ने संगठन द्वारा दबाव को देखते हुए अनिश्चितकाल तक प्रकाशन बंद करने का फैसला किया था. हालांकि, बाद में गुरुवार से प्रकाशन जारी रखने का फैसला किया गया.

एएमडब्ल्यूजेयू के एक शीर्ष अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि खबरों को प्रकाशित करने और प्रकाशित न करने को लेकर एक उग्रवादी संगठन की ओर से मीडिया समूह को भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह संगठन के आंतरिक संघर्ष का नतीजा है. हालांकि, उन्होंने संगठन का नाम बताने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘हम आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति में फंस गए हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर में मीडिया को अक्सर उग्रवादियों के मनमाने आदेश और धमकियों का सामना करना पड़ता है. साल 2000 में राज्य में मीडिया का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था, जब विरोध के तौर पर अखबारों ने 10 दिनों तक प्रकाशन रोक दिया था.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25