उत्तर प्रदेश: लव जिहाद के ख़िलाफ़ अध्यादेश को राज्यपाल ने दी मंज़ूरी

इस अध्यादेश में विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान किया गया है. मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा भाजपा शासित राज्य है, जहां इस संबंध में क़ानून बनाया गया है.

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योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

इस अध्यादेश में विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान किया गया है. मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा भाजपा शासित राज्य है, जहां इस संबंध में क़ानून बनाया गया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ को मंजूरी दे दी है.

उत्‍तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव (विधायी) अतुल श्रीवास्‍तव ने राज्‍यपाल की मंजूरी के बाद ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी.

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में बीते 24 नवंबर को कैबिनेट की बैठक में इस अध्‍यादेश को मंजूरी दी गई थी. इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

बीते 24 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ को मंजूरी दे दी गई थी. सरकार का कहना है कि इस कानून का मक़सद महिलाओं को सुरक्षा देना है.

इस अध्यादेश के तहत शादी के लिए छल-कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है.

राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया था कि अध्यादेश का उल्लंघन करने पर एक साल से पांच साल तक की कैद और 15,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जबकि नाबालिगों और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिला के मामले में तीन से 10 वर्ष तक की कैद और 25,000 रुपये जुर्माने की होगी.

इसके अलावा सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में तीन से दस साल तक की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है.

बता दें कि मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा ऐसा राज्य है, जहां लव जिहाद को लेकर इस तरह का क़ानून लाया गया है. हरियाणा की भाजपा सरकार ने भी लव जिहाद को लेकर कानून लाने की बात कही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कथित लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया था. राज्य के गृह विभाग ने कानून विभाग को लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून लाने का प्रस्ताव हाल में भेजा था.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जौनपुर में पार्टी की एक चुनावी रैली में मुस्लिमों को चेताते हुए कहा था कि जो लोग अपनी पहचान छिपाकर लव जिहाद करते हैं, उनकी ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा निकलने वाली है.

मालूम हो कि यह अध्यादेश ऐसे समय आया है जब उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने लव जिहाद मामले में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें इसे लेकर किसी तरह की साज़िश या विदेशी फंडिंग के सबूत नहीं मिले हैं.

दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में कुछ दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि मुस्लिम युवा धर्म परिवर्तन के लिए हिंदू लड़कियों से शादी से कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें विदेश से फंड मिल रहा है और लड़कियों से उन्होंने अपनी पहचान छिपा रखी है. इसकी जांच के लिए कानपुर रेंज के आईजी ने एसआईटी का गठन किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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