राजस्थान: पंचायत चुनावों में कांग्रेस को झटका, भाजपा ने जीत को कृषि क़ानूनों के पक्ष में बताया

राजस्थान के 21 ज़िलों में कुल 4,371 पंचायत समिति सदस्यों और 636 ज़िला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव हुआ था. पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भाजपा को 1,989 सीटें और कांग्रेस को 1,852 सीटें मिलीं. वहीं, जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में भाजपा ने 353 और कांग्रेस ने 252 सीटें जीतीं.

Jabalpur: A shopkeeper poses with political parties' campaign materials ahead of Lok Sabha elections 2019, in Jabalpur, Wednesday, March 13, 2019. (PTI Photo) (PTI3_13_2019_000028B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

राजस्थान के 21 ज़िलों में कुल 4,371 पंचायत समिति सदस्यों और 636 ज़िला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव हुआ था. पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भाजपा को 1,989 सीटें और कांग्रेस को 1,852 सीटें मिलीं. वहीं, जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में भाजपा ने 353 और कांग्रेस ने 252 सीटें जीतीं.

Jabalpur: A shopkeeper poses with political parties' campaign materials ahead of Lok Sabha elections 2019, in Jabalpur, Wednesday, March 13, 2019. (PTI Photo) (PTI3_13_2019_000028B)
(फोटो: पीटीआई)

जयपुर/नई दिल्ली: राजस्थान की सत्ताधारी कांग्रेस को यहां के पंचायत चुनावों में बुधवार को तगड़ा झटका लगा, वहीं भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए अधिक सीटें जीती हैं.

राज्य के 21 जिलों में 4,371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भाजपा को जहां 1,989 सीटें मिली, वहीं कांग्रेस को 1,852 सीटों पर संतोष करना पड़ा. भाजपा ने इन चुनावों में पार्टी को मिली सफलता को केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों पर किसानों की मुहर बताया.

चार चरणों में संपन्न हुए इन चुनावों के नतीजों के मुताबिक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को 26, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को छह और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को पांच सीटें मिली हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों को 439 पंचायत समिति सीटों पर विजय हासिल हुई.

इसी तरह जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में भाजपा ने 353 और कांग्रेस ने 252 सीटें जीतीं. कुल 636 जिला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव हुए थे. एक जिला परिषद का चुनाव परिणाम आना अभी बाकी है.

पंचायत चुनाव में मिली इस जीत को भाजपा कृषि कानूनों से जोड़कर मोदी सरकार में लोगों के बढ़ते विश्वास के तौर पर देख रही है.

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्थान में पार्टी को मिली जीत के लिए क्षेत्र की जनता, खासकर किसानों व महिलाओं का आभार जताया और कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गांव, गरीब, किसान और मजदूर के विश्वास का प्रतीक है.

नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘राजस्थान में पंचायत समिति और जिला परिषद चुनावों में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की जनता, किसानों व महिलाओं ने भाजपा में जो विश्वास प्रकट किया है, इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. यह जीत गांव, गरीब, किसान और मजदूर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में विश्वास का प्रतीक है.’

बाद में राजधानी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना महामारी, वैश्विक आर्थिक संकट और कृषि सुधारों पर विपक्ष के दुष्प्रचार के बाद भी मतदाता सभी जगह भाजपा को पसंद कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘राजस्थान में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में भाजपा को जीत मिली है. जिला परिषद के इन चुनावों में 2.5 करोड़ मतदाताओं में से अधिकतर किसान हैं. इसका मतलब है कि किसान राजस्थान में कृषि सुधारों के पक्ष में हैं.’

जावड़ेकर ने कहा कि राजस्थान के चुनाव में इस बार हार जीत का अंतर बहुत ज्यादा रहा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अपने गृह क्षेत्र की दो पंचायत समिति हार गए. कांग्रेस नेता सचिन पायलट के गृह जिले टोंक में जिला परिषद भाजपा ने जीती है.

सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस को पार्टी प्रदेशाध्‍यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना और खेल मंत्री अशोक चांदना जैसे मंत्रियों के इलाकों में हार का सामना करना पड़ा है.

सीकर की लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति, जो डोटासरा के निर्वाचन क्षेत्र में आती है, में भाजपा ने 25 में से 13 सीटों में जीत दर्ज की हैं. कांग्रेस को 11 सीटें मिली हैं और एक निर्दलीय के हिस्से में गई है.

इसी तरह से सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के लिए तब शर्मिंदगी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब चित्‍तौड़गढ़ की निम्बाहेडा पंचायत समिति में 17 सीटों में से भाजपा ने 14 सीटें जीती हैं.

टोंक पंचायत समिति में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है और चुनाव में जीत दर्ज करने वाले तीन निर्दलीय उम्मीदवार बोर्ड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. तीनों निर्दलीय ने कांग्रेस नेता और टोंक से विधायक सचिन पायलट को वहां कांग्रेस का बोर्ड बनाने के लिए समर्थन देने का वादा किया है.

निर्दलीय हंसा देवी गुर्जर के पति रामलाल गुर्जर ने कहा कि पंचायत समिति में कांग्रेस बोर्ड बनाने के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों ने पायलट को समर्थन देने का फैसला लिया है.

चुनाव परिणाम ऐसे समय में आए हैं जब राज्य में अशोक गहलोत सरकार के दो वर्ष पूरे होने वाले हैं, ऐसे में इसे सत्ताधारी कांग्रेस के लिए चेतावनी माना जा सकता है. परिणाम आने के बाद प्रदेशाध्‍यक्ष डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार और संगठन के बीच अच्छा तालमेल रखकर आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगी.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रदेश के 21 जिलों में संपन्न पंचायत चुनावों में पार्टी का जनाधार बढ़ाने पर सभी प्रत्याशियों को बहुत धन्यवाद. यह परिणाम हमें भविष्य में और बेहतर ढंग से काम करने की प्रेरणा देते हैं. सत्ता और संगठन में और अच्छा तालमेल बैठाकर कांग्रेस पार्टी आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगी.’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ‘जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के नतीजे हमारी आशा के अनुकूल नहीं रहे हैं. पिछले 9 महीने में हमारी सरकार कोविड-19 की रोकथाम के लिये मेहनत कर रही है. हमारी प्राथमिकता लोगों का जीवन और आजीविका बचाना रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘हमारा पूरा ध्यान कोरोना महामारी पर रहा जिसके चलते हम अपनी योजनाओं और सरकार के कार्यों का अच्छे से प्रचार नहीं कर सके. वहीं विपक्ष के नेताओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में दौरे कर भ्रामक प्रचार कर मतदाताओं को भ्रमित किया.’

एक अन्य ट्वीट में गहलोत ने कहा, ‘मैं सभी मतदाताओं एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस चुनाव में भाग लेकर लोकतंत्र को मजबूत किया. मैं सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई देता हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि सभी जनप्रतिनिधि जनसेवा में सफल होंगे.’

उन्होंने कहा, ‘आने वाले समय में हम नए सिरे से फीडबैक लेकर जनता तक अपने सुशासन को पहुंचाएंगे और विपक्ष के दुष्प्रचार का करारा जवाब देंगे.’

दूसरी ओर चुनाव परिणाम से भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी उत्‍साहित हैं. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि पंचायती राज चुनाव के नतीजे इस भ्रष्ट सरकार के लिए निश्चित ही ‘विदाई का संकेत’ हैं.

उन्होंने कहा, ‘गांव के लोगों ने भाजपा पर विश्वास जताया है और केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार और भाजपा संगठनों के प्रयासों की सराहना की है.’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा की जीत ऐसे समय में हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की किसानों के प्रति कल्याणकारी नीतियों के खिलाफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार भारत बंद का समर्थन कर रही थी एवं भाजपा प्रदेश कार्यालय के दफ्तर पर अशोक गहलोत के गुंडे पथराव कर रहे थे.’

उन्होंने कहा, ‘परिसीमन में धांधली, जाति, पंथ और धर्म की आड़ में जोड़-तोड़ से वोटों की रोटियां सेंकने की जुगत में सत्ता के सहारे सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से सत्ता बल, धन-बल, भुज बल के जरिये पंचायतीराज पर एकतरफा काबिज होने के कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को मुंह की खानी पड़ी है.’

राजस्थान के 21 जिलों में कुल 636 जिला परिषद सदस्यों और 4,371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के लिए अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चुरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर में मतदान चार चरणों में 23 और 27 नवंबर तथा एक और पांच दिसंबर को हुआ था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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