गुजरात के चार बार मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माधव सिंह सोलंकी का निधन

93 वर्षीय माधव सिंह सोलंकी ने जून 1991 से मार्च 1992 के बीच विदेश मंत्री का प्रभार भी संभाला था. वह गुजरात में जातिगत समीकरणों को साधने वाले बड़े नेता थे. 80 के दशक में जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्होंने क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम (केएचएएम) फॉर्मूला सुझाया था.

93 वर्षीय माधव सिंह सोलंकी ने जून 1991 से मार्च 1992 के बीच विदेश मंत्री का प्रभार भी संभाला था. वह गुजरात में जातिगत समीकरणों को साधने वाले बड़े नेता थे. 80 के दशक में जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्होंने क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम (केएचएएम) फॉर्मूला सुझाया था.

Gandhinagar: File photo of veteran Congress leader Madhavsingh Solanki, who passed away at his residence in Gandhinagar, Saturday, Jan. 9, 2021. Solanki, who also served as the External Affairs Minister of India and as the Chief Minister of Gujarat for four times, was 93. (PT Photo) (PTI01 09 2021 000026B)
माधव सिंह सोलंकी. (फोटो: पीटीआई)

अहमदाबादः पूर्व विदेश मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माधव सिंह सोलंकी का शनिवार सुबह गांधीनगर में निधन हो गया. वह 93 वर्ष के थे. वह गुजरात के चार बार मुख्यमंत्री भी रहे.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोलंकी का अपने आवास पर नींद में ही निधन हो गया.

वह कांग्रेस के सबसे लंबे समय तक पदभार संभालने वाले मुख्यमंत्री थे. उन्हें आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर तीन साल पहले उस समय देखा गया था, जब वह अपने जन्मदिन पर कांग्रेस नेताओं से मिले थे.

पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि सोलंकी का अंतिम संस्कार उनके बेटे भरत सिंह सोलंकी के अमेरिका से लौटने के बाद ही किया जाएगा. उनके बेटे भरत सिंह सोलंकी भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं.

कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने ट्वीट कर कहा, ‘गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री, देश के पूर्व विदेश मंत्री वरिष्ठ नेता आदरणीय माधव सिंह जी सोलंकी के देहांत की खबर दुखद है. ईश्वर उनकी पवित्र आत्मा को शांति प्रदान करें. उनके जीवनकाल में उन्होंने अपने स्वभाव और कार्यों से लोगों के दिल में अपनी जगह बनाई है.’

बता दें कि चावड़ा सोलंकी के रिश्तेदार भी हैं.

माधव सिंह सोलंकी ने जून 1991 से मार्च 1992 के बीच विदेश मंत्री का प्रभार संभाला था. माधव सिंह सोलंकी का जन्म 30 जुलाई 1927 को हुआ था. वह आणंद जिले के बोरसाद कस्बे से ताल्लुक रखते थे.

वह गुजरात में जातिगत समीकरणों को साधने वाले बड़े नेता थे.

सोलंकी 1957-1960 में बॉम्बे प्रदेश की विधानसभा के सदस्य रहे और गुजरात का गठन होने के बाद 1960-1968 तक वह गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे.

वह पहली बार 1976 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने. वह 1988 से 1994 के बीच गुजरात से राज्यसभा सांसद भी रहे.

इस दौरान उनके पास केंद्रीय योजना मंत्री (1988-1989) और विदेश मंत्री (1991) का पदभार भी था.

उन्होंने 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व किया था और उनकी अगुवाई में पार्टी 182 में से 149 सीटें जीती थी. यह रिकॉर्ड आज भी कायम है.

उन्होंने 1980 के दशक में जातिगत समीकरणों को साधने के लिए क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम (केएचएएम KHAM) फॉर्मूला सुझाया था.

उन्होंने 1981 में राज्य में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू किया था, जिसके विरोध में पटेलों की अगुवाई में दो महीने तक आंदोलन चलाया था.

वह 1994 में दोबारा राज्यसभा के लिए चुने गए. वह तीन बार गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले सोलंकी सबसे लंबे समय तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने दशकों तक गुजरात की राजनीति में अहम भूमिका निभाई है.

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘माधव सिंह सोलंकी दशकों तक गुजरात की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले एक प्रभावशाली नेता थे. उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए उन्हें याद किया जाएगा. उनके निधन से दुखी हूं.’

प्रधानमंत्री ने दिवंगत माधव सिंह सोलंकी के बेटे और कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी से फोन पर बात कर अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं.

मोदी ने कहा, ‘राजनीति से इतर माधव सिंह सोलंकी नई-नई पुस्तकें पढ़ने के भी बहुत शौकीन थे. साथ ही संस्कृति से भी उनका बहुत लगाव था. जब भी मैं उनसे मिलता या बातें करता, वह अक्सर किताबों की चर्चा करते और मुझे हाल के दिनों में पढ़ी हुईं पुस्तकों के बारे में बताते. उनसे उनसे हुई बातचीत को मैं हमेशा संजोकर रखूंगा.’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव सिंह सोलंकी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सोलंकी पार्टी की विचारधारा को मजबूत करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए याद किए जाएंगे.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘माधव सिंह सोलंकी के निधन से दुखी हूं. उन्हें कांग्रेस की विचारधारा को मजबूत करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में योगदान के लिए याद किया जाएगा. उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना है.’

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी ट्वीट कर माधव सिंह सोलंकी के निधन पर शोक जताया. उन्होंने एक दिन के राजकीय शोक की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. रूपाणी ने महिसागर में अपने एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया. इसके अलावा वह गांधीनगर में मंत्रिपरिषद की बैठक में शोक प्रस्ताव पास करने के लिए शामिल होंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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