पंजाब: कृषि क़ानूनों का बचाव कर रहे भाजपा नेता के ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज

पंजाब भाजपा के सचिव सुखपाल सिंह सरां ने टेलीविजन बहस के दौरान कृषि कानूनों की तुलना गुरु गोबिंद सिंह के ज़फ़रनामे से की थी. ज़फ़रनामा चमकौर के युद्ध के बाद गुरु गोबिंद सिंह द्वारा मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब को लिखा एक आध्यात्मिक विजय पत्र है.

सुखपाल सिंह सरां. (फोटो साभार: ट्विटर)

पंजाब भाजपा के सचिव सुखपाल सिंह सरां ने टेलीविजन बहस के दौरान कृषि कानूनों की तुलना गुरु गोबिंद सिंह के ज़फ़रनामे से की थी. ज़फ़रनामा चमकौर के युद्ध के बाद गुरु गोबिंद सिंह द्वारा मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब को लिखा एक आध्यात्मिक विजय पत्र है.

सुखपाल सिंह सरां. (फोटो साभार: ट्विटर)
सुखपाल सिंह सरां. (फोटो साभार: ट्विटर)

लुधियानाः पंजाब के एक भाजपा नेता पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में शनिवार को मामला दर्ज किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब भाजपा के सचिव सुखपाल सिंह सरां ने एक टेलीविजन चर्चा के दौरान कृषि कानूनों की तुलना गुरु गोबिंद सिंह के जफरनामे से कर दी थी.

सुखपाल सिंह पर आईपीसी की धारा 295ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. बठिंडा के एसएसपी भूपिंदरजीत विर्क ने पुष्टि की है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.

बता दें कि यह टेलीविजन बहस कुछ दिनों पहले हुई थी. पंजाबी चैनल पर प्रसारित हुआ एक मिनट का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

सरां ने कहा था कि कृषि कानून लाने की हिम्मत एक साहसी प्रधानमंत्री ही कर सकता है.

इस वीडियो में सरां को कह रहे हैं, ‘जिस तरह से गुरु गोबिंद सिंह ने तानाशाह औरंगजेब के लिए जफरनामा लिखी थी, ठीक इसी तरह यह देश के अन्य राजनीतिक दलों के लिए जफरनामा है.’

इस बीच बहस में शामिल अन्य लोग उन्हें टोकते हुए अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहते हैं.

सरां ने शनिवार को बताया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है, जिससे लोगों को ठेस पहुंचे, लेकिन अगर लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं तो वे उनसे माफी मांगते हैं.

उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इस रिकॉर्डिंग को अकाल तख्त जत्थेदार को भेजा है और वे जो भी फैसला लेंगे, वह उसका पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका विरोध राजनीति से प्रेरित है.

पंजाब भाजपा के प्रवक्ता अनिल सरीन ने कहा, ‘मैं ऐसे किसी भी वीडियो से वाकिफ नहीं हूं. मैंने इसे नहीं देखा है और मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या कहा है. मैं इसकी पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा.’

सरां के पंजाब भाजपा के सचिव होने की पुष्टि करते हुए सरीन ने कहा कि वह उनसे इस संदर्भ में बात करेंगे.

सरां बठिंडा के शीश महल रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी में किराये पर रहते हैं.

उनकी रेजिडेंशियल सोसाइटी ने शनिवार को सरां का बहिष्कार करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि उनके मकान मालिक उनसे घर खाली कराया जाना चाहिए.

सोसाइटी के अध्यक्ष हरजीत सिंह ने कहा, ‘उन्होंने  (सरां) गैरजिम्मेदाराना बयान देकर लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत की हैं. आठ जनवरी को कुछ संगठनों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.’

सोसाइटी के सदस्यों ने एहतियाती तौर पर सरां के घर के पास बैरिकेडिंग लगाने के लिए पुलिस को पत्र लिखा था. कॉलोनी के मुख्य द्वार को पहले ही पुलिस ने बैरिकेड कर दिया है.

शीश महल इन्क्लेव वेलफेयर सोसाइटी के पूर्व प्रमुख बलबीर सिंह ने कहा, ‘लोगों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के बाद से सरां शनिवार से अपने घर पर नहीं हैं. उनका घर बंद है और हमने मकान मालिक को कह दिया है कि वह उनसे घर खाली करा लें.’

बता दें कि सरां के पैतृक गांव गुरसर सैनवाला में भी उनके विरोध में प्रदर्शन किए गए.