टीआरपी घोटाला: वॉट्सऐप चैट में सामने आई अर्णब गोस्वामी और पूर्व बार्क प्रमुख की सांठगांठ

टीआरपी छेड़छाड़ मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अर्णब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की कथित वॉट्सऐप चैट भी संलग्न है. यह बातचीत दिखाती है कि अर्णब की पीएमओ सहित कई ऊंची जगहों तक पहुंच है और उन्हें कई महत्वपूर्ण सरकारी निर्णयों की जानकारी थी.

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बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी. (फोटो साभार: लिंक्डइन/विकीपीडिया/ट्विटर)

टीआरपी छेड़छाड़ मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अर्णब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की कथित वॉट्सऐप चैट भी संलग्न है. यह बातचीत दिखाती है कि अर्णब की पीएमओ सहित कई ऊंची जगहों तक पहुंच है और उन्हें कई महत्वपूर्ण सरकारी निर्णयों की जानकारी थी.

बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी. (फोटो साभार: लिंक्डइन/विकीपीडिया/ट्विटर)
बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी. (फोटो साभार: लिंक्डइन/विकीपीडिया/ट्विटर)

मुंबई: कई चैनलों द्वारा टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) को लेकर की गई कथित धोखाधड़ी मामले में चल रही जांच में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई वॉट्सऐप चैट जारी करते हुए बताया है कि किस तरह उन्होंने रेटिंग्स से ‘छेड़छाड़’ के तरीकों के बारे में चर्चा की थी.

इस हफ्ते मुंबई पुलिस द्वारा इस मामले में दायर की गई पूरक (सप्लीमेंट्री) चार्जशीट के साथ जमा की गई हज़ार पन्नों से अधिक की यह चैट कथित अपराध में इन दोनों की भागीदारी दिखाती है.

वॉट्सऐप मैसेज गोस्वामी की प्रधानमंत्री कार्यालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से नजदीकी दिखाते हैं, साथ में यह भी दिखाते हैं कि किस तरह उन्होंने अपनी पहुंच का दुरूपयोग किया.

जहां एक तरफ चार्जशीट के केंद्र में पार्थो दासगुप्ता और अर्णब के बीच हुई बातचीत है, वहीं दूसरी ओर मुंबई पुलिस ने अर्णब का नाम मामले के अन्य आरोपियों के साथ दर्ज नहीं किया है.

चार्जशीट में दासगुप्ता इस मामले के मुख्य आरोपी बताया गया है, जो अभी हिरासत में हैं और इस घोटाले को लेकर गिरफ्तार होने वाले 15वें व्यक्ति हो सकते हैं.

दासगुप्ता को जब दिसंबर 2020 में हिरासत में लिया था, तब पुलिस ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी की टीआरपी में हेरफेर करने के लिए उन्हें लाखों रुपये की रिश्वत दी गई थी.

रिमांड नोटिस में कहा गया, ‘दासगुप्ता ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और रिपब्लिक भारत और रिपब्लिक टीवी जैसे समाचार चैनलों की टीआरपी से छेड़छाड़ की.’

इन संदेशों से यह भी पता चला है कि गोस्वामी को उन प्रमुख फैसलों की भी जानकारी थी, जो केंद्र सरकार ने लिए थे. ऐसा लगता है कि उन्हें बालाकोट एयरस्ट्राइक और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की भी पहले से जानकारी थी. इससे सरकार के आला कमान से उनके करीबी संबंधों का भी पता चलता है.

हालांकि द वायर  स्वतंत्र रूप से इन संदेशों की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता.

बता दें कि टीआरपी घोटाला पिछले साल अक्टूबर महीने में उस समय सामने आया था, जब टीवी चैनलों के लिए साप्ताहिक रेटिंग जारी करने वाली बार्क ने हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से रिपब्लिक टीवी सहित कुछ चैनलों के खिलाफ टीआरपी में धांधली करने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी.

एफआईआर में बार्क और रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के भी नाम थे. मुंबई पुलिस कथित तौर पर टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले में फख्त मराठी, बॉक्स सिनेमा, न्यूज नेशन, महामूवीज और वॉव म्यूजिक जैसे अन्य चैनलों की भूमिका की भी जांच कर रही है.

अब सामने आई वॉट्सऐप चैट के मुताबिक, गोस्वामी और दासगुप्ता ने प्रतिद्वंद्वी चैनलों के बारे में बात की और रिपब्लिक से बेहतर प्रदर्शन कर रहे उन चैनलों को लेकर निराशा जताई. इस बीच दासगुप्ता ने गोस्वामी को भरोसा दिलाया जबकि गोस्वामी तत्कालीन बार्क प्रमुख को लेकर नाराजगी जताते रहे.

इस बातचीत की शुरुआत 2017 की शुरुआत में हुई थी और 10 अक्टूबर 2020 तक नियमित तौर पर यह बातचीत होती रही, यहां तक कि अक्टूबर 2019 में दासगुप्ता के बार्क के सीईओ पद से हटने के बाद भी यह बातचीत जारी रही.

कई बार बातचीत के दौरान दोनों ने इस पर भी चर्चा की किस तरह रिपब्लिक टीवी सबसे ज्यादा टीआरपी बटोरने वाला चैनल बन सकता है.

‘मुझे मीडिया सलाहकार जैसा पद दे दो’

इन संदेशों से पता चलता है कि दासगुप्ता को इससे वाकिफ थे कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय पर गोस्वामी के प्रभाव से वाकिफ थे और एक उदाहरण में उन्होंने गोस्वामी से अफने संपर्कों से बात करने और पीएमओ में उन्हें सलाहकार के रूप में नियुक्त कराने को भी कहा था.

दासगुप्ता ने 16 अक्टूबर 2019 को मैसेज में कहा, ‘क्या तुम मुझे पीएमओ में मीडिया सलाहकार जैसे किसी पद पर रखवा सकते हो.’

इससे एक दिन पहले ही गोस्वामी ने किसी ‘एएस’ से मुलाकात करने का उल्लेख किया था लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह ‘एएस’ कौन है? और वह किसके बारे में बात कर रहे हैं? ‘एएस’ का कई बार बातचीत मे जिक्र हुआ.

मुंबई पुलिस को प्राप्त ये मैसेज तीन से अधिक सालों के हैं, जो दासगुप्ता और गोस्वामी के बीच हुए. इन मैसेज को पढ़कर लगता है कि गोस्वामी दैनिक आधार पर अन्य समाचार चैनलों और उनकी परफॉर्मेंस पर नजर रखते हैं.

पुलवामा आंतकी हमले से लेकर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर इन वॉट्सऐप चैट में सभी मुद्दों पर चर्चा हुई.

14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के तुरंत बाद गोस्वामी, दासगुप्ता को मैसेज कर यह स्वीकार करते हैं कि किस तरह से इस हमले की वजह से उनके चैनल को टीआरपी बटोरने में मदद मिली.

गोस्वामी कथित तौर पर शाम 5.43 बजे दासगुप्ता को मैसेज कर कहते हैं, ‘इस हमले से चैनल को बहुत फायदा हुआ है.’

इसी तरह की बातचीत बाद के हफ्तों में भी जारी रही, जहां ऐसा लगता है कि गोस्वामी को बालाकोट में सैन्य हमले की पहले से जानकारी थी. 26 फरवरी को भारत द्वारा बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक से पहले कथित तौर पर 23 फरवरी को ही इस पर बातचीत हुई, जबकि यह एक तरह से सेना का गोपनीय मिशन था.

जब गोस्वामी ने बातचीत में कहा कि जल्द कुछ बड़ा होने जा रहा है. इस पर दासगुप्ता ने कहा कि क्या यह दाऊद है, इस पर गोस्वामी ने कहा, ‘नहीं सर पाकिस्तान. इस बार कुछ बड़ा होगा. सामान्य स्ट्राइक से बड़ा. वहीं, इसी समय कश्मीर में भी कुछ बड़ा होगा. सरकार पाकिस्तान पर इस तरह से हमला करने के लिए आश्वस्त है कि लोग मरेंगे.’

बालाकोट हमले के एक दिन बाद दासगुप्ता मैसेज कर गोस्वामी से कहते हैं कि क्या इसी के बारे में वह (गोस्वामी) बात कर रहे थे, जिस पर गोस्वामी कहते हैं, ‘अभी और भी कुछ होना है.’

हालांकि, दासगुप्ता ने गोस्वामी के साथ कई विषयों पर चर्चा की. वह बार्क में अपने पद और बाद में खुद के आपराधिक मामले में फंसने के बारे में चिंतित रहे. एक जगह दासगुप्ता अपना पासपोर्ट जब्त किए जाने की संभावना पर चिंता जताते हैं.

चार्जशीट में संलग्न इस बातचीत से संकेत मिलता है कि जैसे ही पिछले साल अक्टूबर में मुंबई पुलिस की जांच शुरू हुई, दोनों के बीच बातचीत भी रुक गई.

मलयालम चैनल और आरएसएस फंडिंग

वॉट्सऐप चैट में एक अन्य जगह दासगुप्ता और एक अन्य आरोपी रामगढ़िया मलयालम चैनल जनम टीवी पर चर्चा करते हैं.

इस दौरान रामगढ़िया ने नवंबर 2018 में सबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हुए विवाद के दौरान चैनल की व्यूअरशिप 100 फीसदी बढ़ने का जिक्र किया.

दासगुप्ता के साथ इस चैट में रामगढ़िया ने कहा कि केरल के जनम टीवी राज्य के 14 जिलों में अच्छा कर रहा है और उन इलाकों में और भी बेहतर कर रहा है, जो मंदिर के पास हैं.

दासगुप्ता ने चैट में कहा कि जाहिर तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का ध्यान इस पर गया होगा, जिस पर रामगढ़िया ने कहा कि चैनल को आरएसएस फंड कर रहा है.

इस वॉट्सऐप चैट के अलावा पुलिस ने 15 विशेषज्ञों सहित 59 गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं.पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है और इस मामले में एक और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की जाएगी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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