अंतरधार्मिक रिश्ते के मामले में कोर्ट ने कहा, बालिग महिला को अपनी इच्छा से ज़िंदगी जीने का हक़

एक युवक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि वे जिस युवती से विवाह करना चाहते हैं, उसके परिजन दोनों के अलग धर्मों के चलते इसके ख़िलाफ़ हैं और युवती को ज़बरदस्ती अपने साथ ले गए हैं. अदालत ने युवती से बात करने के बाद कहा कि वे बालिग हैं और अपनी इच्छा के अनुरूप शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं.

/
बॉम्बे हाईकोर्ट (फोटो: पीटीआई)

एक युवक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि वे जिस युवती से विवाह करना चाहते हैं, उसके परिजन दोनों के अलग धर्मों के चलते इसके ख़िलाफ़ हैं और युवती को ज़बरदस्ती अपने साथ ले गए हैं. अदालत ने युवती से बात करने के बाद कहा कि वे बालिग हैं और अपनी इच्छा के अनुरूप शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं.

बॉम्बे हाईकोर्ट (फोटो: पीटीआई)
बॉम्बे हाईकोर्ट (फोटो: पीटीआई)

मुंबईः बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को पुलिस को निर्देश दिए कि वह उस युवती को सुरक्षा मुहैया कराएं, जिसे अदालत में पेश किया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल एमबीए के एक छात्र ने अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर 23 वर्षीय एक युवती को अदालत के समक्ष पेश करने की गुहार लगाई थी और उसे सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी.

छात्र का कहना है कि वह युवती से शादी करना चाहता है लेकिन युवती का परिवार इसके खिलाफ है क्योंकि दोनों अलग-अलग धर्मों से है, इस वजह से उन्होंने युवती को जबरन अपने पास रखा है.

इस पर अदालत ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि लड़की वयस्क है और वह अपनी इच्छा के अनुरूप किसी से भी शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं. युवती के माता-पिता उसकी आजादी पर रोक नहीं लगा सकते हैं.

जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की पीठ ने अधिवक्ता एएन काजी की ओर दायर याचिका पर सुनवाई करने के बाद यह आदेश पारित किया.

अधिवक्ता काजी ने कहा था कि उनके मुवक्किल और युवती लगभग पांच सालों से रिश्ते में हैं और एमबीए खत्म करने के बाद दोनों की शादी करने की योजना थी.

याचिकाकर्ता का कहना है कि युवती के माता-पिता उनके इस रिश्ते के खिलाफ हैं और इसलिए वे जबरन युवती को अपने साथ ले गए हैं और उससे संपर्क नहीं करने दे रहे हैं.

काजी का कहना है, ’16 दिसंबर 2020 को जब उनके मुवक्किल ने मुंबई पुलिस से संपर्क कर उनसे महिला से मिलाने की मदद मांगी थी तो युवती के परिजन उसे जबरन अपने साथ ले गए थे और उससे संपर्क करने की मंजूरी नहीं दे रहे थे, जिस वजह से उसे अदालत का रुख करना पड़ा.’

वहीं, इससे पहले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि महिला को अदालत के समक्ष पेश करें.

युवती को मंगलवार को पीठ के समक्ष पेश किया गया था. हाईकोर्ट ने युवती से बातचीत की, जिसके बाद युवती ने पुष्टि की कि वह याचिकाकर्ता के साथ रिश्ते में हैं और ग्रैजुएट है.

युवती ने कहा कि वह 23 साल की है और युवक से शादी करना चाहती है और अपनी तरह से अपनी जिंदगी जीना चाहती है.

इस दौरान अदालत में मौजूद युवती के परिजनों ने युवती की उम्र पर कोई विवाद नहीं किया और वह युवती के याचिकाकर्ता के साथ रहने की उसकी इच्छा पर मौन रहे.

पीठ ने कहा, ‘चूंकि महिला को अदालत के समक्ष पेश किया गया इसलिए याचिका दायर करने का उद्देश्य पूरा हुआ. मामले के तथ्यों से पता चलता है कि युवती के परिजन युवती के याचिकाकर्ता के साथ संबंधों से खफा थे.’

पीठ ने कहा, ‘पुलिस द्वारा युवती को अदालत के समक्ष पेश किया गया. चूंकि महिला वयस्क है और लगभग 23 साल की है इसलिए वह अपनी इच्छा के अनुरूप किसी से भी शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं.’

पीठ ने कहा कि युवती के अनुरोध पर ठाणे पुलिस के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वह यह सुनिश्चित करें कि युवती को अदालत परिसर से उसके गंतव्य (जहां वह जाना चाहती है) तक सुरक्षित पहुंचाएं.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25