टीआरपी छेड़छाड़ के बदले अर्णब गोस्वामी ने तीन साल में चालीस लाख रुपये दिएः पूर्व बार्क सीईओ

टीआरपी हेराफेरी मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने कहा है कि उन्हें टीआरपी से छेड़छाड़ करने के एवज में रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी से तीन सालों में दो फैमिली ट्रिप के लिए बारह हज़ार डॉलर और कुल चालीस लाख रुपये मिले थे.

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बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी. (फोटो साभार: लिंक्डइन/विकीपीडिया/ट्विटर)

टीआरपी हेराफेरी मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने कहा है कि उन्हें टीआरपी से छेड़छाड़ करने के एवज में रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी से तीन सालों में दो फैमिली ट्रिप के लिए बारह हज़ार डॉलर और कुल चालीस लाख रुपये मिले थे.

बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी. (फोटो साभार: लिंक्डइन/विकीपीडिया/ट्विटर)
बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी. (फोटो साभार: लिंक्डइन/विकीपीडिया/ट्विटर)

मुंबईः मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज पूरक चार्जशीट के अनुसार ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने मुंबई पुलिस को दिए हाथ से लिखे एक बयान में दावा किया है कि उन्हें टीआरपी से छेड़छाड़ करने के बदले रिपब्लिक चैनल के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी से तीन सालों में दो फैमिली ट्रिप के लिए 12,000 डॉलर और कुल चालीस लाख रुपये मिले थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 11 जनवरी को मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले मामले में 3,600 पेजों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें बार्क की फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट, दासगुप्ता और गोस्वामी के बीच कथित वॉट्सऐप चैट और काउंसिल के पूर्व कर्मचारी और केबल ऑपरेटर सहित 59 लोगों के बयान शामिल हैं.

ऑडिट रिपोर्ट में रिपब्लिक, टाइम्स नाउ और आजतक सहित कई समाचार चैनलों के नाम शामिल हैं और बार्क के शीर्ष अधिकारियों द्वारा चैनलों के लिए टीआरपी में कथित छेड़छाड़ और रेटिंग फिक्सिंग की बात कही गई है.

यह चार्जशीट दासगुप्ता, बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी के खिलाफ दायर की गई है.

मामले में पहली चार्जशीट नवंबर 2020 में 12 लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी. दूसरी चार्जशीट के मुताबिक, दासगुप्ता का बयान 27 दिसंबर को शाम 5.15 बजे दो गवाहों की मौजूदगी में क्राइम इंटेलिजंस यूनिट के ऑफिस में दर्ज किया गया था.

दासगुप्ता के बयान में कहा गया, ‘मैं 2004 से अर्णब गोस्वामी को जानता हूं. हम टाइम्स नाउ में साथ काम करते थे. मैंने 2013 में बार्क के सीईओ के तौर पर काम करना शुरू किया. अर्णब गोस्वामी ने 2017 में रिपब्लिक शुरू किया. रिपब्लिक टीवी शुरू करने से पहले वे इसकी लॉन्चिंग की योजना को लेकर मुझसे बात करते थे और चैनल को अच्छी रेटिंग दिलाने में मदद के लिए अप्रत्यक्ष रूप से मदद मांगते थे. गोस्वामी अच्छी तरह से जानते थे कि मैं टीआरपी सिस्टम से अच्छे से वाकिफ हूं. उन्होंने भविष्य में मेरी मदद करने को भी कहा.’

बयान में आगे कहा गया, ‘मैंने अपनी टीम के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि रिपब्लिक टीवी को टीआरपी में नंबर एक की रेटिंग मिले. यह सिलसिला 2017 से 2019 तक चला. इसके लिए 2017 में अर्णब गोस्वामी ने मुझसे लोअर परेल के सेंट रेजिस होटल में मुलाकात भी की थी और फ्रांस, स्विट्जरलैंड की फैमिली ट्रिप के लिए मुझे 6,000 डॉलर दिए. अर्णब 2019 में भी सेंट रेजिस में मुझसे मिले और स्वीडन और डेनमार्क की फैमिली ट्रिप के लिए फिर 6,000 डॉलर दिए. 2017 में भी गोस्वामी ने आईटीसी परेल होटल में मुझसे निजी तौर पर मिलकर की थी और 20 लाख रुपये दिए थे. गोस्वामी ने 2018 और 2019 में आईटीसी होटल परेल में मुझसे मुलाकात की थी और हर बार दस-दस लाख रुपये दिए.’

दासगुप्ता के वकील अर्जुन सिंह ने कहा, ‘हम इन आरोपों से पूरी तरह से इनकार करते हैं क्योंकि ये बयान दबाव में दर्ज कराए गए. अदालत में इसका कोई महत्व नहीं है.’

बता दें कि गोस्वामी लगातार इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.

चार्जशीट में 24 जुलाई 2020 की बार्क की ऑडिट रिपोर्ट भी शामिल है, जिसमें कहा गया है कि इस बात के सबूत हैं कि कुछ चैनलों के साथ पक्षपात किया गया और कुछ मामलों में हमें संदेह है कि रेटिंग पूर्व निर्धारित थी.

उदाहरण के लिए, रिपब्लिक की साप्ताहिक रैंकिंग को बढ़ाने के लिए टाइम्स नाउ की व्यूअरशिप को कथित तौर पर कम किया गया. इसके साथ ही आज तक की रेटिंग की फिक्सिंग के लिए बार्क के शीर्ष अधिकारियों और इंडिया टुडे ग्रुप के एक वरिष्ठ मार्केटिंग अधिकारी के बीच की कथित बातचीत का भी हवाला दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि बार्क के छह शीर्ष अधिकारी 2018 और 2019 के बीच रेटिंग से छेड़छाड़ और आचार संहिता के उल्लंघन में शामिल थे.

ये छह अधिकारी दासगुप्ता, रामगढ़िया, हेड प्रोडक्ट्स (दक्षिण) वेंकट सुजीत सम्राट, हेड (पश्चिम) रुषभ मेहता, स्ट्रैटेजी विभाग के उपाध्यक्ष पेखम बासु और चीफ पीपुल ऑफिसर और स्ट्रैटेजी मानसी कुमार हैं.

अक्टूबर 2019 में दासगुप्ता की जगह सुनील लुल्ला बार्क के सीईओ बने.

सप्लीमेंट्री चार्जशीट में एक बार्क अधिकारी का बयान है, जिसने दावा किया गया है कि फरवरी 2020 में सुनील लुल्ला ने मुझे बताया कि मीडिया इंडस्ट्री से दासगुप्ता, रामगढ़िया, मेहता, सम्राट, कुमार और एवीपी पेखम बासु के खिलाफ टीआरपी से छेड़छाड़ के आरोप हैं.

पुलिस ने मामले में मेहता, सम्राट, कुमार और बासु पर कोई आरोप नहीं लगाया. ऑडिट रिपोर्ट टीआरपी मामले में एफआईआर दर्ज होने के दो महीने बाद दिसंबर में मुंबई पुलिस को दी गई.

रिपोर्ट में कहा गया कि 18 जून 2017 को मेहता ने रामगढ़िया को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि टाइम्स नाउ की रेटिंग बदल गई है जबकि रिपब्लिक की वैसी ही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पता चलता है कि वरिष्ठ प्रबंधन रिपब्लिक टीवी को नंबर एक पायदान पर चाहता है और टीम इस उद्देश्य को हासिल करने के काम में जुटी है.

ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बार्क के शीर्ष अधिकारियों और इंडिया टुडे ग्रुप के एक शीर्ष मार्केटिंग अधिकारी के बीच की 2016 की बातचीत आज तक की रेटिंग की फिक्सिंग की ओर इशारा करती है. रिपोर्ट में रोमिल, पार्थो और चैनल के अधिकारियों के बीच के चैट मैसेज का उल्लेख है, जिससे चैनल की रेटिंग फिक्सिंग का संकेत मिलता है.’

इस संबंध में पूछे जाने पर बार्क ने ईमेल पर भेजे जवाब में कहा, ‘फिलहाल इस मामले की विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच चल रही है तो हम इस पर कोई जवाब नहीं दे सकते.’

वहीं, इस मामले पर रिपब्लिक टीवी ने बयान में कहा, ‘गोस्वामी को निशाना बनाने के लिए यह कॉरपोरेट और राजनीतिक हितधारकों ने मिलीभगत है. यह सांठगांठ व्यावसायिक, राजनीतिक और निजी हितों का परिणाम है, जिसका उद्देश्य गलत तरीके से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ पूर्वाग्रह पैदा करने की कोशिश करना है.’

बता दें कि टीआरपी घोटाला पिछले साल अक्टूबर महीने में उस समय सामने आया था, जब टीवी चैनलों के लिए साप्ताहिक रेटिंग जारी करने वाली बार्क ने हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से रिपब्लिक टीवी सहित कुछ चैनलों के खिलाफ टीआरपी में धांधली करने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी.

एफआईआर में बार्क और रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के भी नाम थे. मुंबई पुलिस कथित तौर पर टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले में फख्त मराठी, बॉक्स सिनेमा, न्यूज नेशन, महामूवीज और वॉव म्यूजिक जैसे अन्य चैनलों की भूमिका की भी जांच कर रही है.

बीते दिनों इस मामले में मुंबई पुलिस ने गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच वॉट्सऐप चैट जारी की थी, जिसमें दोनों ने प्रतिद्वंद्वी चैनलों के बारे में बात की और रिपब्लिक से बेहतर प्रदर्शन कर रहे उन चैनलों को लेकर निराशा जताई.

इस दौरान दासगुप्ता ने गोस्वामी को भरोसा दिलाया था कि जबकि गोस्वामी तत्कालीन बार्क प्रमुख को लेकर नाराजगी जताते रहे.