यूपीः ठंड में ऊनी कपड़ों के बिना बच्चों के योग करने की रिपोर्ट को लेकर तीन पत्रकारों पर केस

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ज़िले के सरकारी स्कूल का मामला. भ्रामक ख़बर चलाने के आरोप में पत्रकारों पर केस दर्ज किया गया है. कानपुर देहात के डीएम दिनेश चंद्र ने कहा, ‘यह बहुत तकलीफ़देह है कि कुछ पत्रकार जो उस कार्यक्रम में मौजूद भी नहीं थे, उन्होंने ऐसी ग़लत ख़बर फैलाई. आप सभी जानते हैं कि स्वेटर और कोट पहनकर योग नहीं किया जा सकता.’

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उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ज़िले के सरकारी स्कूल का मामला. भ्रामक ख़बर चलाने के आरोप में पत्रकारों पर केस दर्ज किया गया है. कानपुर देहात के डीएम दिनेश चंद्र ने कहा, ‘यह बहुत तकलीफ़देह है कि कुछ पत्रकार जो उस कार्यक्रम में मौजूद भी नहीं थे, उन्होंने ऐसी ग़लत ख़बर फैलाई. आप सभी जानते हैं कि स्वेटर और कोट पहनकर योग नहीं किया जा सकता.’

(फोटो: गूगल मैप)
(फोटो: गूगल मैप)

कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के एक सरकारी स्कूल के कार्यक्रम में कुछ छात्रों द्वारा स्वेटर और ऊनी वस्त्र पहने बगैर योग किए जाने की कथित भ्रामक खबरें फैलाने के आरोप में तीन पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

दरअसल तीन पत्रकारों द्वारा ठंड में शर्ट और हाफ पैंट पहने बच्चों के कुछ वीडियो कथित तौर पर सोशल मीडिया पर डालने के बाद इन्हें खूब साझा किया गया था.

कानपुर देहात के अकबरपुर थानाध्यक्ष तुलसी राम पांडेय ने बताया, ‘कानपुर देहात के बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनीत दत्त की शिकायत पर पत्रकार मोहित, अमित सिंह और यासीन के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.’

उन्होंने बताया, ‘दत्त ने पत्रकारों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अकबरपुर इलाके के एक सरकारी स्कूल में छात्रों द्वारा योग और अन्य व्यायाम किए जाने का वीडियो वायरल करते हुए भ्रम फैलाया कि स्कूल के बच्चे बिना ऊनी कपड़े पहने कड़ाके की सर्दी में व्यायाम करने को मजबूर हैं, जबकि यह सच नहीं है.’

दत्त का आरोप है, ‘पत्रकारों ने खबर में यह कहा कि स्कूल के बच्चे कड़ाके की ठंड में ऊनी कपड़ों के बगैर योग करने को मजबूर हैं और अधिकारी कार्यक्रम में मस्त हैं. पत्रकारों ने इस मामले पर उनसे प्रतिक्रिया लेने के दौरान उन्हें धमकाया कि अगर वह उनका कहा नहीं मानेंगे तो ठीक नहीं होगा.’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दत्त ने कहा कि कार्यक्रम के बाद बच्चों ने ऊनी कपड़ें पहन लिए थे. गलत इरादे के साथ वीडियो साझा किए गए. उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारों ने शिक्षकों और योग शिक्षकों की भावनाओं को भी आहत किया है, जिनका इस प्रक्रिया में अपमान किया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार की देर शाम तीनों पत्रकारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (जान-बूझकर ऐसी अफवाहों को आगे बढ़ाना, जिससे शांति भंग हो सकती है) और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

स्कूल में यह कार्यक्रम 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल सिंह, कानपुर देहात के डीएम दिनेश चंद्र, अनेक विधायक और सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए थे.

पांडेय ने बताया, ‘बेसिक शिक्षा अधिकारी के मुताबिक सच्चाई यह है कि बच्चे ऊनी कपड़े पहने हुए थे और चूंकि व्यायाम ऊनी कपड़े पहनकर नहीं किया जा सकता लिहाजा उनसे कुछ देर के लिए स्वेटर उतारने को कहा गया था. उसके बाद फौरन ही उन्हें ऊनी वस्त्र पहना दिए गए थे.’

इस बारे में कानपुर देहात के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने कहा, ‘यह बहुत तकलीफदेह है कि कुछ पत्रकार जो कि उस कार्यक्रम में मौजूद भी नहीं थे, उन्होंने ऐसी गलत खबर फैलाई. आप सभी जानते हैं कि स्वेटर और कोट पहनकर योग नहीं किया जा सकता.’

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ये पत्रकार कानपुर देहात में एक ही स्थानीय चैनल के लिए काम करते हैं. उसी चैनल पर ये खबर दिखाई गई है.

इस कार्यक्रम में कथित तौर पर हिस्सा लेने वाले एक छात्र ने घटना के एक दिन बाद बताया, ‘एक स्थानीय शिक्षक ने उन्हें अभ्यास के लिए अपनी पोशाक बदलने के लिए कहा था. हम ट्राउजर और जैकेट पहने हुए समारोह स्थल पर गए थे, लेकिन वहां उन्हें बदल दिया.’

मामले में आरोपी पत्रकार अमित सिंह का कहना है, ‘स्कूल के बच्चे कड़ाके की सर्दी में मामूली शर्ट और पैंट पहनकर योग कर रहे थे. यह कतई न्याय संगत नहीं है. वहां मौजूद अधिकारियों को मौसम का ख्याल रखना चाहिए था.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)