ट्रैक्टर परेड हिंसा के बाद किसानों ने बजट के दिन संसद मार्च की योजना रद्द की

किसानों का कहना है कि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ उनका आंदोलन चलता रहेगा और 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर देश भर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी. किसान नेताओं ने हिंसा के लिए पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और पंजाब किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी को ज़िम्मेदार ठहराया है.

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(फोटोः पीटीआई)

किसानों का कहना है कि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ उनका आंदोलन चलता रहेगा और 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर देश भर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी. किसान नेताओं ने हिंसा के लिए पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और पंजाब किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी को ज़िम्मेदार ठहराया है.

(फोटोः पीटीआई)
(फोटोः पीटीआई)

नई दिल्ली: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद बुधवार को किसान संगठनों ने एक फरवरी का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द कर दिया है. उसी दिन संसद में बजट पेश किया जाना है.

ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

किसान नेताओं ने हालांकि आरोप लगाया है कि हिंसा की घटनाओं के पीछे एक साजिश थी और उन्होंने इस संबंध में जांच कराए जाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन चलता रहेगा और 30 जनवरी को देश भर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी.

किसान नेता दर्शन पाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘ट्रैक्टर परेड सरकारी साजिश से प्रभावित हुई थी. दीप सिद्धू आरएसएस का व्यक्ति है. पुलिस ने लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के बाद उसे जाने दिया.’

सिद्धू अभिनेता और भाजपा सांसद सनी देओल के पूर्व सहयोगी हैं. किसानों के आंदोलन का समर्थन करने को लेकर देओल ने दिसंबर में सिद्धू से खुद को अलग कर लिया था.

26 जनवरी को ही उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘आज लाल किले पर जो हुआ उसे देख कर मन बहुत दुखी हुआ है. मैं पहले भी छह दिसंबर को ट्विटर के माध्यम से यह साफ कर चुका हूं कि मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नही है. जय हिंद.’

पाल ने कहा, ‘हमने एक फरवरी को बजट के दिन संसद मार्च की अपनी योजना रद्द कर दी है. लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा और 30 जनवरी को देशभर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी.’

एक अन्य किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने दावा किया कि मंगलवार की परेड में दो लाख से अधिक ट्रैक्टरों के साथ लाखों लोगों ने भाग लिया और 99.9 प्रतिशत प्रदर्शनकारी शांत थे.

राजेवाल और अन्य प्रदर्शनकारी नेताओं ने पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पर तय रूट से ट्रैक्टर परेड को भटकाने और दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, राजेवाल ने कहा, ‘इन बदमाशों ने घोषणा की थी कि ये लाल किला जाएंगे. उनका सरकार के साथ करार था. अधिकारियों ने उन्हें आसानी से लाल किले में प्रवेश करने दिया. दीप सिद्धू अमित शाह और (पीएम नरेंद्र) मोदी के एजेंट हैं.’

गणतंत्र दिवस पर हुई अराजकता और अशांति के लिए जनता से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा, ‘एक फरवरी को संसद मार्च स्थगित कर दिया गया है. 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर एक जनसभा और भूख हड़ताल होगी.’

बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव समेत नौ किसान नेताओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है और तकरीबन 200 लोगों को हिरासत में लिया है. 

केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020- के विरोध में पिछले दो महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

इसे लेकर सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी मांग पर पहले की तरह डटे हुए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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