बजट 2021: रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया

वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने गिग कर्मचारियों की जानकारी एकत्र करने के लिये एक पोर्टल शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने गिग कर्मचारियों की जानकारी एकत्र करने के लिये एक पोर्टल शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा है.

Trains are seen parked at a railway station during a 14-hour long curfew to limit the spreading of coronavirus disease (COVID-19) in the country, in Mumbai, India, March 22, 2020. REUTERS/Francis Mascarenhas
(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की, जिसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे मालगाड़ियों के अलग गलियारों के चालू होने के बाद उनका मौद्रिकरण करेगी.

सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान देश भर में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए रेलवे द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना की.

उन्होंने कहा, ‘मैं रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा कर रही हूं, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए हैं.’

सीतारमण ने कहा, ‘भारतीय रेलवे ने भारत-2030 के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की है. इस योजना का मकसद 2030 तक रेलवे प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करना है, ताकि उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा सके और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले.’

उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्वी और पश्चिमी माल गलियारों (ईडीएफसी और डब्ल्यूडीएफसी) जून, 2022 तक चालू हो जाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा भी कुछ पहल प्रस्तावित हैं. ईडीएफसी पर 263 किलोमीटर के सोननगर-गोमो खंड को इस साल सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में लिया जाएगा. साथ ही 274.3 किलोमीटर के गोमो-दनकुनी खंड को भी इसमें शामिल किया जाएगा.’

वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे भविष्य की मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं- खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए पूर्वी तट गलियारा, भुसावल से खड़गपुर के लिए पूर्व-पश्चिम गलियारा और इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण गलियारा पर काम आगे बढ़ाएगी.

सीतारमण ने कहा कि पहले चरण के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जाएगी.

उन्होंने यात्री सुविधा और सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि रेलवे यात्रियों के बेहतर यात्रा अनुभव के लिए बेहतर ढंग से डिजाइन किए गए विस्टाडोम एलएचबी कोच लगाएगा.

गिग, प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को मिलेंगे सामाजिक सुरक्षा लाभ: वित्तमंत्री

केंद्र सरकार ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के लाभ प्लेटफॉर्म और गिग कर्मचारियों को भी दिये जायेंगे .

वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने गिग कर्मचारियों, भवन और सन्निर्माण कर्मचारियों (कन्स्ट्रक्शन वर्कर) और अन्य की जानकारी एकत्र करने के लिये एक पोर्टल शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा है.

सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों, भवन और सन्निर्माण कर्मचारियों और अन्य की जानकारी एकत्र करने के लिये पोर्टल तैयार किया जायेगा ताकि उन्हें स्वास्थ्य, ऋण (सरल वित्तपोषण), खाद्य और अन्य लाभ उपलब्ध कराये जा सकें.

उन्होंने कहा कि पहली बार सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 में गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों समेत समूचे कार्यबल के लिये सामाजिक सुरक्षा का सार्वभौमिकीकरण किया जायेगा.

गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारी वे हैं जो विभिन्न ई-कॉमर्स सेवाओं मसलन उबर, ओला, स्विगी और जोमैटो से जुड़े हैं. इन्हें वेतन नहीं मिलता, जिससे ये सामाजिक सुरक्षा लाभ जैसे प्रोविडेंट फंड, समूह बीमा और पेंशन से वंचित रहते हैं.

भारत में 50 करोड़ के कुल कार्यबल में 40 करोड़ असंगठित क्षेत्र के हैं, जिनमें खेती और ग्रामीण कर्मचारी शामिल हैं.

सीमारमण ने यह भी कहा कि एक देश, एक राशन कार्ड योजना 32 प्रदेशों और एक केंद्रशासित प्रदेश में लागू होने की प्रक्रिया में है.

उन्होंने यह भी कहा कि लेह में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जायेगा जबकि गैर सरकारी संगठनों की मदद से सौ सैनिक स्कूल खोले जायेंगे. इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 15000 स्कूलों को मजबूत किया जायेगा.

इसके अलावा केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि वह एकल व्यक्ति वाली कंपनियों (ओपीसी) के गठन को प्रोत्साहन देगी. इससे स्टार्टअप इकाइयों तथा नवोन्मेषि (इनोवेशन) में लगे व्यक्तियों को फायदा होगा.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसी कंपनियों के गठन को प्रोत्साहित किया जायेगा. इन्हें भुगता पूंजी और टर्नओवर पर बिना पाबंदी के वृद्धि करने की छूट दी जायेगी.

इसके अलावा किसी भी समय किसी भी श्रेणी की कंपनी के रूप में बदलाव करने, एक भारतीय नागरिक के लिये ओपीसी बनाने में निवास की समय सीमा को 182 दिन से घटाकर 120 दिन करने तथा अनिवासी भारतीयों को देश में ओपीसी बनाने जैसे प्रावधान भी होंगे.

वित्त मंत्री ने कहा , ‘यह स्टार्टअप के लिये बड़ा प्रोत्साहन होगा’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)