छत्तीसगढ़: आदिवासी किशोरी को गैंगरेप के बाद बेरहमी से मारा, पिता और भतीजी की भी हत्या

छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले में 29 जनवरी को हुई घटना की जानकारी बीते दो फरवरी को मृतक व्यक्ति के बेटे द्वारा उनके लापता होने की सूचना देने के बाद हुई. आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो नाबालिग पीड़िता ज़िंदा थी, जिसने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया.

/
(फोटो: इंडियन रेलवे वेबसाइट)

छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले में 29 जनवरी को हुई घटना की जानकारी बीते दो फरवरी को मृतक व्यक्ति के बेटे द्वारा उनके लापता होने की सूचना देने के बाद हुई. आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो नाबालिग पीड़िता ज़िंदा थी, जिसने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया.

(फोटो: इंडियन रेलवे वेबसाइट)
(फोटो: इंडियन रेलवे वेबसाइट)

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 16 वर्षीय एक किशोरी की कथित तौर पर बलात्कार के बाद पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी गई है.

पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कथित तौर पर आरोपी ने लड़की के पिता और उनकी चार साल की पोती की भी हत्या कर दी.

पीड़ित परिवार पहाड़ी कोरवा आदिवासी समुदाय से है, जो विशेष पिछड़ी जनजातियों में आता है.

कोरबा पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने कहा कि घटना लेमरू पुलिस थानांतर्गत गढुपरोदा गांव में 29 जनवरी को हुई लेकिन बीते दो फरवरी को मामला प्रकाश में आया, जिसके बाद इस संबंध में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

मीणा ने कहा कि आरोपियों की पहचान संतराम मझवार (45), अब्दुल जब्बार (29), अनिल कुमार सारथी (20), परदेसी राम पनिका (35), आनंद राम पनिका (25) और उमाशंकर यादव (21) के रूप में की गई है.

उन्होंने कहा कि सभी आरोपी जिले के सतरेंगा गांव के निवासी हैं. अधिकारी ने कहा, ‘मृतक व्यक्ति बरपानी गांव का निवासी था और मुख्य आरोपी मझवार के घर पर पिछले साल जुलाई से पशुओं को चराने का काम कर रहा था.’

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मझवार 29 जनवरी को उक्त व्यक्ति, उसकी बेटी (16) और चार साल की पोती को उनके गांव छोड़ने मोटरसाइकिल से जा रहा था.

मीणा ने बताया कि रास्ते में वह कोरई गांव पर रुके और मझवार ने शराब पी ली, जिसके बाद अन्य आरोपी उसके साथ आ गए.

इसके बाद आरोपी तीनों को गढुपरोदा के पास जंगल में लेकर गए जहां मझवार और अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर किशोरी के साथ बलात्कार किया.

अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने तीनों को पत्थरों और डंडे से मारकर जंगल में फेंक दिया और फरार हो गए.

उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 376 (2)जी (सामूहिक बलात्कार), एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) कानून और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत केस दर्ज किया गया है.

मीणा ने बताया कि मंगलवार (दो फरवरी) को मृतक व्यक्ति के बेटे ने लेमरु थाने में उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और पूछताछ के बाद छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

आरोपियों के बयान के आधार पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, जहां उन्होंने बलात्कार पीड़ित जिंदा और दो अन्य लोग मृत मिले. उन्होंने बताया कि पीड़िता को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह बच नहीं सकी.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, बुधवार को पीड़ित किशोरी के शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बलात्कार की पुष्टि हुई.

रिपोर्ट के मुताबिक, हत्यारों में मुख्य आरोपी संतराम मझवार की पहाड़ी कोरवा परिवार की 16 वर्षीय बेटी पर बुरी नजर थी. वह जब माता-पिता काम पर होते, लड़की के कमरे में घुस जाता और बतमीजी करता था. वह उसे दूसरी पत्नी बनाना चाहता था.

जब ये बात माता-पिता को पता चली उसका विरोध किया और काम करने से मना कर दिया और हिसाब करने के लिए कहा. इससे संतराम बिगड़ गया. उन्हें उनके गांव छोड़ने की बात कहकर अपने दोस्तों के साथ लड़की की मां और दो साल की भतीजी को दूसरे रास्ते से बस स्टैंड पर छोड़ दिया.

रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित लड़की, उसके पिता और चार साल की भतीजी को दूसरे रास्ते से ले गए. बीच जंगल में सभी ने शराब पी और पिता और भतीजी को लाठी और पत्थरों से मार डाला. उसके बाद सभी ने लड़की के साथ बलात्कार किया और पत्थरों से कुचल दिया. लड़की को मरा समझकर छोड़कर भाग गए.

पीड़ित नाबालिग चार दिनों तक जिंदा रही. आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उस पर से पत्थर हटाकर बाहर निकाला, अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)