गुजरातः कथित ‘अवैध’ हिरासत में रखे गए दूसरे शख़्स की भी पुलिस की पिटाई से मौत

कच्छ ज़िले के मुंद्रा थाने का मामला. 12 जनवरी को चोरी के संदेह में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिनमें से एक की मौत 19 जनवरी को हो गई थी. तब भी आरोप लगा था कि पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद उनकी जान गई.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

कच्छ ज़िले के मुंद्रा थाने का मामला. 12 जनवरी को चोरी के संदेह में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिनमें से एक की मौत 19 जनवरी को हो गई थी. तब भी आरोप लगा था कि पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद उनकी जान गई.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

राजकोटः गुजरात के कच्छ जिले में बीते महीने चोरी के आरोप में अवैध तरीके से गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में से एक और शख्स की शनिवार रात को अस्पताल के दौरान मौत हो गई.

पुलिस द्वारा उन्हें कथित तौर  पर बेरहमी से पीटे जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कच्छ (पश्चिम) पुलिस के भुज प्रभाग के पुलिस उपाधीक्षक जेएन पांचाल ने बताया, ‘हरजोग गढ़वी (26) की शनिवार को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मुंद्रा पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों द्वारा पीटे जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए अहमदाबाद रेफर किया गया था. पोस्टमार्टम होना है, जिसके बाद ही उनकी मौत के असल कारणों का पता चल पाएगा.’

पुलिस के मुताबिक, हरजोग कच्छ जिले के मुंद्रा तालुका के समघोगा गांव का मजदूर था. मुंद्रा पुलिस स्टेशन की टीम ने उन्हें कथित तौर पर 16 जनवरी को शामला गढवी गांव के उनके साथियों के साथ हिरासत में लिया था. तीन लोगों में से पुलिस की कथित पिटाई से दम तोड़ने वाले वे दूसरे शख्स हैं.

इससे पहले 12 जनवरी को ही हिरासत में लिए गए समाघोघा गांव के ही एक और मजदूर अर्जन गढ़वी (27) की पुलिस की प्रताड़ना से 19 जनवरी को मौत हो गई थी.

शुरुआत में पुलिस ने दावा किया था कि अर्जन की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. गढ़वी समुदाय के लोगों का आरोप है कि पुलिस की बर्बर पिटाई से उसकी मौत हुई है. समुदाय ने मौत के बाद उनके शव को लेने से भी इनकार कर दिया था.

काफई प्रदर्शनों के बाद मुंद्रा पुलिस स्टेशन के तीन आरोपी हेड कॉन्स्टेबल शक्तिसिंह गोहिल, अशोक कन्नड़ और जयदेवसिंह झाला के खिलाफ अर्जन की हत्या और कथित तौर पर स्वेच्छा से हरजोग और शामला को अवैध रूप से हिरासत में रखने के आरोप में मामला दर्ज किया गया.

पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद हरजोग और शामला को 20 जनवरी को मुंद्रा पुलिस स्टेशन से भुज के जीके जनरल अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद दोनों को 23 जनवरी को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में रेफर किया गया.

मामले में जांचकर्ता उपाधीक्षक ने कहा, ‘शामला की हालत में सुधार के बाद उसे लगभग एक हफ्ते पहले अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया.
हेड कॉन्स्टेबल गोहिल, कन्नड़ और झाला अभी भी फरार हैं.’

मुंद्रा के तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर जेए पाढियार और मुंद्रा पुलिस स्टेशन के हेड कॉन्स्टेबल विराल जोशी को गिरफ्तार किया गया था.

पाढियार और जोशी न्यायिक हिरासत में है. जांचकर्ता अधिकारी का कहना है कि वे मुंद्रा पुलिस स्टेशन के दो अन्य कॉन्स्टेबल कपिल देसाई और गफूरजी ठाकोर एवं समाघोघा गांव के पूर्व सरपंच जयवीर सिंह जडेजा की तलाश कर रहे हैं.

पांचाल ने कहा, ‘जब पुलिस आरोपियों को समघोगा गांव के फार्म में ले गई तब पूर्व सरपंच ने भी आरोपियों की कथित तौर पर पिटाई की थी.’

बता दें कि इससे पहले मुंद्रा पुलिस स्टेशन के तीन पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर हिरासत में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में बीते 22 जनवरी को सस्पेंड कर दिया गया था.

पुलिस का कहना है कि इससे पहले चोरी के संदेह में गिरफ्तार किए गए एक शख्स की हिरासत में मौत मामले में इन तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

मुंद्रा पुलिस के इंस्पेक्टर जेए पाढियार को भी मामले में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के लिए सस्पेंड किया गया था.

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