किसान आंदोलन पर अमेरिकी कांग्रेस ने कहा- लोकतांत्रिक नियमों का पालन सुनिश्चित करे भारत सरकार

अमेरिकी कांग्रेस के शक्तिशाली इंडिया कॉकस के नेताओं ने भारत सरकार से लोकतांत्रिक नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अनुमति देने और इंटरनेट तक पहुंच मुहैया कराने का अनुरोध किया है.

गाजीपुर बॉर्डर के धरना स्थल पर लगाई गई बैरिकेडिंग. (फोटो: विशाल जायसवाल/द वायर)

अमेरिकी कांग्रेस के शक्तिशाली इंडिया कॉकस के नेताओं ने भारत सरकार से लोकतांत्रिक नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अनुमति देने और इंटरनेट तक पहुंच मुहैया कराने का अनुरोध किया है.

गाजीपुर बॉर्डर के धरना स्थल पर लगाई गई बैरिकेडिंग. (फोटो: विशाल जायसवाल/द वायर)
गाजीपुर बॉर्डर के धरना स्थल पर लगाई गई बैरिकेडिंग. (फोटो: विशाल जायसवाल/द वायर)

वाशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस के शक्तिशाली ‘इंडिया कॉकस’ के नेताओं ने भारत सरकार से लोकतांत्रिक नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अनुमति देने और इंटरनेट तक पहुंच मुहैया कराने का अनुरोध किया है. कॉकस ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा के बाद यह आग्रह किया है.

वॉशिंगटन भारतीय राजदूत के साथ बैठक में कॉकस की ओर से यह बात कही गई.

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू विभिन्न मुद्दों पर इंडिया कॉकस के सदस्यों के साथ नियमित संवाद करते रहते हैं. पिछले हफ्ते उनकी कांग्रेशनल इंडिया कॉकस के शीर्ष नेतृत्व के साथ ऑनलाइन बैठक हुई.

इंडिया कॉकस के दो सह-अध्यक्ष हैं कांग्रेस सदस्य ब्रैड शेरमन और स्टीव कैबट. भारवंशी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना कॉकस के उपाध्यक्ष हैं.

इस बैठक के दौरान इंडिया कॉकस के नेतृत्व ने दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा की निंदा की. बैठक की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों ने बताया कि कॉकस के नेतृत्व ने कहा कि अन्य बातों के अलावा कृषि सुधारों को लेकर सरकार के नजरिये की वह सराहना करते हैं.

कांग्रेस के इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सांसद ब्रैड शेरमन ने कहा कि उन्होंने भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन के संबंध में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से बात करने के लिए अपने अन्य रिपब्लिकन सांसद स्टीव कैबट और उपाध्यक्ष सांसद रो. खन्ना के साथ बैठक की है.

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में किसी देश विशेष के सबसे बड़े कॉकस ‘इंडिया कॉकस’ की यह पहली बैठक थी.

शेरमन ने कहा, ‘मैं भारत सरकार से लोकतांत्रिक नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अनुमति देने और पत्रकारों समेत सभी को इंटरनेट तक पहुंच मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं. भारतीय मित्रों को उम्मीद है कि सभी पक्ष किसी समाधान तक पहुंच सकते हैं.’

संधू बीते एक साल में अमेरिका के 100 से अधिक सांसदों से ऑनलाइन संवाद कर चुके हैं. उन्होंने सांसदों को कृषि कानूनों की आवश्यकता एवं उद्देश्य की जानकारी दी, इस बाबत हुई बातचीत तथा आंदोलन से संवेदनशील तरीके से निपटने के बारे में बताया है.

इस बैठक के बाद संधू ने ट्वीट कर कहा, ‘117वीं कांग्रेस के लिए भारत और भारतीय अमेरिकियों पर हाउस कॉकस के नेतृत्व के साथ विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा. भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हूं.’

इससे पहले भारत में जारी किसान आंदोलन पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में अमेरिका के नए प्रशासन ने बीते गुरुवार को कहा था कि वह दोनों पक्षों के बीच वार्ता के जरिये मतभेदों के समाधान को प्रोत्साहित करता है और शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी ‘जीवंत लोकतंत्र की निशानी’ होती है.

अमेरिका ने यह भी कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन और इंटरनेट तक निर्बाध पहुंच किसी भी ‘सफल लोकतंत्र की विशेषता’ है.

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने लाल किले की घटना की तुलना अमेरिका के संसद भवन ‘कैपिटल बिल्डिंग’ पर हुए हमले से की थी.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए और विवादित कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर हजारों किसान पिछले 70 से अधिक दिनों से दिल्ली की तीन सीमाओं- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें से अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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