एमपी: बुज़ुर्गों से अमानवीय बर्ताव पर इंदौर नगर निगम के छह और अस्थायी कर्मचारी बर्ख़ास्त

इंदौर में 13 दिन पहले बेघर और बेसहारा बुज़ुर्गों को ट्रक में भरकर जबरन शहर की सीमा से बाहर छोड़ा गया था. इस पर मुख्यमंत्री की नाराज़गी के बाद नगर निगम के एक उपायुक्त को निलंबित किया गया था. प्रदेश कांग्रेस का दावा है कि घटना की जांच के नाम पर लीपापोती कर बड़े अफसरों को कार्रवाई से बचाया गया है.

//
(फोटो: एएनआई)

इंदौर में 13 दिन पहले बेघर और बेसहारा बुज़ुर्गों को ट्रक में भरकर जबरन शहर की सीमा से बाहर छोड़ा गया था. इस पर मुख्यमंत्री की नाराज़गी के बाद नगर निगम के एक उपायुक्त को निलंबित किया गया था. प्रदेश कांग्रेस का दावा है कि घटना की जांच के नाम पर लीपापोती कर बड़े अफसरों को कार्रवाई से बचाया गया है.

(फोटो: एएनआई)
बेघर और बेसहारा बुजुर्गों को इंदौर शहर के बाहर छोड़ते हुए. (फोटो: एएनआई)

इंदौर: मध्य प्रदेश में हाड़ कंपाने वाली ठंड में बेघर और बेसहारा बुजुर्गों को इंदौर की शहरी सीमा से जबरन बाहर छोड़े जाने की बहुचर्चित घटना की जांच के बाद नगर निगम प्रशासन ने छह और अस्थायी कर्मचारियों को बुधवार को बर्खास्त कर दिया.

निगम के एक अधिकारी ने बताया कि शहरी निकाय के एक अतिरिक्त आयुक्त की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर आयुक्त प्रतिभा पाल ने यह कदम उठाया.

उन्होंने बताया कि जांच में साबित हुआ है कि भीख मांगकर गुजारा करने वाले बेसहारा बुजुर्गों को इंदौर की शहरी सीमा से जबरन बाहर छोड़े जाने की घटना में संबंधित अस्थायी कर्मचारियों की सीधी भूमिका थी.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस घटना पर नाराजगी जताए जाने के बाद नगर निगम के एक उपायुक्त को 29 जनवरी को ही निलंबित कर दिया गया था और दो अस्थायी कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था.

नई दुनिया के मुताबिक, जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि उपायुक्त ने बगैर वरिष्ठ अफसरों की स्वीकृति के बुजुर्गों को रैनबसेरा भेजने के बजाय उन्हें शहर से बाहर भिजवाया. इस कारण उपायुक्त को भी दोषी ठहराया गया है.

जिन छह और कर्मियों को बर्खास्त किया है, उनमें रैनबसेरा से संबद्ध जितेंद्र तिवारी, अनिकेत करोने, राज परमार, गजानंद माहेश्वरी शामिल हैं. बुजुर्गों को बाहर ले जाने के लिए रिमूवल विभाग का ट्रक ले जाने वाले ड्राइवर राजेश चौहान और उसके सहकर्मी सुनील सुरागे को भी बर्खास्त करने की अनुशंसा की गई है.

इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने दावा किया कि नगर निगम प्रशासन ने इस घटना की जांच के नाम पर लीपापोती की है और बुजुर्गों से अमानवीय बर्ताव के लिए जिम्मेदार बडे़ अफसरों को अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचा लिया गया है.

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के 13 दिन पुराने घटनाक्रम के वीडियो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हैं. इनमें नजर आ रहा है कि नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के ट्रक के जरिये बेसहारा बुजुर्गों को नजदीकी क्षिप्रा गांव के पास सड़क किनारे छोड़ा जा रहा है.

लेकिन कुछ जागरूक ग्रामीण इस अमानवीय घटना पर ऐतराज जता रहे हैं और इसे मोबाइल कैमरे में कैद कर रहे हैं. इससे घबराए नगर निगम कर्मचारी बुजुर्गों को दोबारा ट्रक में बैठाते दिखाई दे रहे हैं.

वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि इनमें से कुछ बुजुर्ग अधिक उम्र के चलते अपने बूते चलने-फिरने से भी लाचार हैं और वे हताश होकर सड़क किनारे बैठ गए हैं, इनमें कुछ अक्षम लोग भी शामिल हैं और बेसहारा लोगों के सामान की पोटलियां सड़क किनारे यहां-वहां बिखरी नजर आ रही हैं.

इस घटना के वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मामले में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं व्यक्त किए थे.

प्रियंका गांधी ने घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था ‘इंदौर, मप्र की ये घटना मानवता पर एक कलंक है. सरकार और प्रशासन को इन बेसहारा लोगों से माफी मांगनी चाहिए और ऑर्डर लागू कर रहे छोटे कर्मचारियों पर नहीं बल्कि ऑर्डर देनेवाले उच्चस्थ अधिकारियों पर एक्शन होना चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50