पंजाब: किसान आंदोलन के बीच निकाय चुनावों में कांग्रेस की बड़ी जीत, विपक्ष का सूपड़ा साफ

केंद्र के तीन कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ जारी किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में प्रदेश में हुए नगर निगमों के चुनाव में कांग्रेस ने सात नगर निगमों में से छह में जीत हासिल की है और सातवें में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इस प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस ने 2022 के लिए कैप्टन अभियान की घोषणा की है.

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शहरी निकाय चुनावों में पार्टी को मिली जीत का अमृतसर में जश्न मनाते कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो: पीटीआई)

केंद्र के तीन कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ जारी किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में प्रदेश में हुए नगर निगमों के चुनाव में कांग्रेस ने सात नगर निगमों में से छह में जीत हासिल की है और सातवें में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इस प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस ने 2022 के लिए कैप्टन अभियान की घोषणा की है.

शहरी निकाय चुनावों में पार्टी को मिली जीत का अमृतसर में जश्न मनाते कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो: पीटीआई)
शहरी निकाय चुनावों में पार्टी को मिली जीत का अमृतसर में जश्न मनाते कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो: पीटीआई)

चंडीगढ़/नई दिल्ली: पंजाब के सात नगर निगमों में से छह में प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जीत हासिल की है और वह सातवें नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है.

इसके अलावा पार्टी ने 109 नगर परिषद एवं नगर पंचायतों में भी अधिकतर पर जीत प्राप्त की है और इस तरह उसने शहरी निकाय के चुनावों में विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया है.

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में नगर निगमों के प्रदेश में हुए चुनाव में कांग्रेस ने बठिंडा, होशियारपुर, कपूरथला, अबोहर, बटाला एवं पठानकोट में जबरदस्त जीत दर्ज की है. मोगा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और बहुमत से वह छह सीट पीछे रह गई है.

स्थानीय निकायों के लिए प्रदेश में 14 फरवरी को मतदान कराया गया था जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.

विपक्ष को 109 नगर परिषद एवं नगर पंचायतों में भी अधिकतर सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. इस स्तर पर 1,817 वार्ड में से कांग्रेस ने 1,102 वार्ड पर जीत हासिल की.

अकाली दल ने 252, आप ने 51, भाजपा ने 29 और बसपा ने पांच सीटें जीतीं. इसके अलावा 374 निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे.

मोहाली में भी चुनाव हुए थे, लेकिन इस नगर निगम के लिए मतगणना बृहस्पतिवार को होगी. यहां दो मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान के कारण मतगणना में देरी हुई.

मोगा में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है और ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन महत्वपूर्ण होगा .

कांग्रेस मोगा नगर निगम के 50 वार्डों में से 20 में जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी है . इसके बाद यहां शिरोमणि अकाली दल ने 15 जबकि आम आदमी पार्टी ने चार वार्डों में जीत हासिल की है . भारतीय जनता पार्टी को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा है. यहां दस निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं .

प्रदेश के आठ नगर निगमों एवं 109 नगर परिषदों के लिए कराये गये चुनाव में कुल 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे .

प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इन चुनावों के लिए 2,037 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे . वहीं, अकाली दल ने 1,569, भाजपा ने 1,003, आप ने 1,606 तथा बसपा ने 160 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे . इन चुनावों के लिए 2,832 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे .

वहीं, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि बठिंडा को 53 साल में पहला कांग्रेस का महापौर मिलेगा.

यह चुनाव परिणाम केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार के खिलाफ कांग्रेस का मनोबल बढ़ाने वाला है.

किसान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और कांग्रेस उन्हें समर्थन दे रही है. आंदोलन करने वाले अधिकतर किसान पंजाब एवं हरियाणा से हैं .

कांग्रेस की नजर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत पर भी है जो अगले साल की शुरूआत में होने वाला है.

उत्साहित कांग्रेस ने 2022 के लिए कैप्टन अभियान की घोषणा की

पंजाब में निकाय चुनावों में कांग्रेस की जीत से उत्साहित पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार को कहा कि लोगों ने विपक्ष की ‘नकारात्मक राजनीति’ को खारिज किया और सत्ताधारी दल के विकासवादी एजेंडे का समर्थन किया.

उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में लोगों से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को एक और मौका देने की अपील की.

नतीजों की घोषणा के कुछ समय बाद जब यह साफ हो गया कि कांग्रेस ने निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जाखड़ ने ‘2022 के लिए कैप्टन’ अभियान की घोषणा की.

जाखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं ‘2022 के लिए कैप्टन’ अभियान शुरू करना चाहूंगा. भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा जब पंजाब के साथ भेदभाव किया जा रहा है तब इस मुश्किल वक्त में सिर्फ वही राज्य के नैया को मझधार से निकाल सकते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘लोगों ने अपना फतवा दे दिया है और अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में फिर से अपना भरोसा जताया है. संदेश स्पष्ट है. इस जीत का श्रेय पंजाब के लोगों और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कुशल नेतृत्व को जाता है.’

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘लोगों ने नकारात्मक राजनीति को खारिज किया और हमारे विकासवादी एजेंडे के समर्थन में मतदान किया.’

वहीं, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘पंजाब के खेतों में उगी आक्रोश की फसल ने मोदी और भाजपा द्वारा निर्ममता, निर्दयता, कटुवाक्यों और भ्रम की गगनचुम्बी चोटी पर बैठे होने के मतिभ्रम को करारा जवाब दिया है..पंजाब का श्राप…भाजपा ड्राप..!’

अमरिंदर ने भाजपा के साथ अकाली और आप पर भी साधा निशाना

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ ही विधायकों, सदस्यों और कार्यकर्ताओं को इस शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए कहा, ‘राज्य के लोगों ने स्पष्ट रूप से एक सुर में इन तीनों दलों के विभाजक, अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और प्रतिगामी एजेंडे की निंदा की है.’

सिंह ने लोगों को ‘पंजाब और उसके भविष्य को बर्बाद करने निकली नकारात्मक और बुरी शक्तियों’ को हराने के लिए बधाई दी.

मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में आरोप लगाया, ‘नए कृषि कानूनों के बनने के बाद से पंजाब में हुए पहले प्रमुख चुनावों ने भाजपा को लेकर लोगों के गुस्से को भी सामने ला दिया है जो अपनी पूर्व सहयोगी अकाली दल, तथा दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के साथ मिलकर इस किसान विरोधी कानून के लिए जिम्मेदार है.’

उन्होंने कहा, ‘इन सभी दलों ने बेशर्मी से किसानों के अधिकारों को कुचला और इनका स्पष्ट मकसद पंजाब को बर्बाद करना है.’

सिंह ने दावा किया कि किसानों के लिए उसके बाद अकाली दल और आप का नाटक व घड़ियाली आंसू मतदाताओं को बेवकूफ नहीं बना पाए जिन्होंने इन दलों की सियासी नौटंकी देख रखी थी.

बता दें कि कृषि कानूनों के मसले पर पिछले साल अकाली दल ने भाजपा की अगुवाई वाली राजग से नाता तोड़ लिया था . दोनों दल इस चुनाव में अकेले लड़े थे.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शिरोमणि अकाली दल (शिअद), आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस के आंकड़ों के पास भी नहीं आ पाए और कुछ वार्डों में वे निर्दलीयों से भी पीछे हैं, पंजाब के शहरी मतदाताओं द्वारा अच्छे शासन और प्रगति के लिए किये गये इस मतदान से स्पष्ट है कि वे उनकी घृणित राजनीतिक विचारधाराओं की उपेक्षा करते हैं.’

भाजपा ने लगाया आधिकारिक तंत्र के दुरुपयोग का आरोप

भाजपा राज्य इकाई के प्रमुख अश्विनी शर्मा ने कहा, ‘चुनाव में आधिकारिक तंत्र का दुरुपयोग किया गया और इसलिए ये चुनाव परिणाम कांग्रेस की पूर्ण नैतिक हार को प्रतिबिंबित करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘24 से अधिक स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा की और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.’

अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया और कहा कि वह ‘भ्रष्ट एवं अयोग्य कांग्रेस’ को चुनौती देने वाली एकमात्र पार्टी बनकर उभरी.

आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य में पहली बार निकाय चुनाव लड़ा और वह अपने प्रदर्शन का आकलन करेगी.

क्या मोदी सरकार अब भी कृषि कानूनों को लोक्रपिय मानती है: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने पंजाब के शहरी निकाय के चुनाव में पार्टी की शानदार जीत के बाद बुधवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या अब भी वह तीनों कृषि कानूनों को लोकप्रिय मानती है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘क्या मोदी सरकार अब भी यह भी मानती है कि कृषि कानून लोकप्रिय हैं और सिर्फ पंजाब के किसानों का एक छोटा समूह इनके खिलाफ है?’

चिदंबरम ने कहा, ‘किसान मतदाता हैं. इसी तरह प्रवासी कामगार, छोटे एवं मझोले कारोबारी, बेरोजगार और गरीब परिवार भी मतदाता हैं. जब इनकी बारी आएगी तो वे भी पंजाब की तरह भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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